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13 साल बाद पुलिस के हाथ आया गैंगस्टर, कुख्यात भानु गैंग का है सदस्य...पकड़ में आया तो खुले कई राज! - Kota news

कोटा पुलिस को रविवार को बड़ी सफलता मिली है. उन्होंने भानु गैंग के बीते 13 सालों से फरार चल रहे इनामी बदमाश सुमेर सिंह को जयपुर से गिरफ्तार किया है. इस संबंध में कोटा शहर पुलिस आज दोपहर में पूरा खुलासा किया.

Gangster sumer singh, Kota news
भानु गैंग के 15 हजार इनामी कुख्यात गैंगस्टर सुमेर सिंह
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Published : Aug 29, 2021, 11:19 AM IST

Updated : Aug 29, 2021, 7:42 PM IST

कोटा: शहर पुलिस को आज बड़ी सफलता मिली. उन्होंने बीते 13 सालों से फरार चल रहे इनामी गैंगस्टर सुमेर सिंह को जयपुर से गिरफ्तार किया है. कोटा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन ने इस शातिर गैंगस्टर की पूरी जानकारी दी. बताया कि कैसे मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने इस वांछित अपराधी को दबोचा. कोर्ट ने आरोपी को 5 दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया है.

आरोपी तीन हत्या के मामले में फरार चल रहा था. उद्योग नगर थाना अधिकारी मनोज सिंह सिकरवार ने बताया कि आरोपी सुमेर सिंह ने लाला बैरागी की हत्या साल 2008 में की थी. जिसके बाद से वो फरार चल रहा था. फरारी के दौरान आरोपी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ 5 साल जयपुर में छुपकर रहा.

पुलिस के हत्थे चढ़ा गैंगस्टर

इसके बाद में वह गैंगस्टर शिवराज सिंह के भाई बृजराज सिंह और पिंटू की हत्या में भी शामिल रहा है. इस मामले में वह लगातार फरार चल रहा था और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी. ऐसे में 13 साल बाद कोटा की उद्योग नगर थाना पुलिस को सफलता मिली है.

शक था तो पत्नी को मार डाला: कुल्हाड़ी से लगातार करता रहा वार...बेटे ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट

एक महीने से रखी जा रही थी नजर

पुलिस का दावा है कि बीते लगभग एक महीने से इस अपराधी से जुड़ी सारी जानकारी इकट्ठी की जा रही थी. एक टीम गोपनीय तरीके से सुमेर सिंह के जयपुर के निवास स्थान, संपर्क के व्यक्ति, वाहन, परिवार के सदस्यों और व्यवसाय की जानकारी जुटा रही थी. इसके बाद चार टीमें गठित की गई. इन्हीं टीमों के संयुक्त प्रयास से गैंगस्टर हत्थे चढ़ा.

कई राज्यों में काटी फरारी, जयपुर में बना महेंद्र सिंह

पुलिस ने बताया कि कोटा शहर के महावीर नगर तृतीय का मूल निवासी 49 वर्षीय सुमेर सिंह ही भानु प्रताप की हत्या के बाद लगातार उसकी गैंग का मुखिया बना हुआ था. वही गैंग को संचालित भी कर रहा था. फरारी के दौरान 13 सालों तक लगातार अपने ठिकाने बदल लेता था. इस दौरान वह सिलवासा, गुजरात, अहमदाबाद, देहरादून और दिल्ली में भी रहा. पिछले कुछ समय से सुमेर सिंह ने जयपुर को अपना ठिकाना बना लिया था, लेकिन यह अपराधी इतना शातिर था कि अपना नाम वह पहचान आसपास के लोगों से छुपाकर रहता था.

Gangster sumer singh
पुलिस के हत्थे चढ़ा गैंगस्टर

जयपुर में गोनेर के पास दांतली गांव में खेतों के बीच स्थित राजू मीणा के मकान में परिवार सहित रह रहा था. यहां उसने अपना नाम महेंद्र सिंह बताया था और खुद को यूपी के इटावा का निवासी बताया था. वह घर से बाहर भी नहीं निकलता था और कुछ लोगों से ही संपर्क रखता था.

तीन दशक से अपराध में सक्रिय

सुमेर सिंह बीते तीन दशक से अपराध की दुनिया में सक्रिय है. उसके खिलाफ पहला मुकदमा 28 फरवरी 1991 को दादाबाड़ी थाना इलाके में दर्ज हुआ था इसके बाद लगातार वह अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा. इस पर तीन हत्या के अलावा मारपीट, चौथ वसूली, आर्म्स एक्ट के तहत दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. जिनमें कोटा शहर के अलग-अलग स्थानों के साथ उदयपुर और चित्तौड़गढ़ के बेगू में भी मुकदमा दर्ज है. उदयपुर रेंज आईजी ने सुमेर सिंह पर 10 और कोटा शहर एसपी ने 5 हजार रुपए का इनाम रखा हुआ है.

कोटा: शहर पुलिस को आज बड़ी सफलता मिली. उन्होंने बीते 13 सालों से फरार चल रहे इनामी गैंगस्टर सुमेर सिंह को जयपुर से गिरफ्तार किया है. कोटा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन ने इस शातिर गैंगस्टर की पूरी जानकारी दी. बताया कि कैसे मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने इस वांछित अपराधी को दबोचा. कोर्ट ने आरोपी को 5 दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया है.

आरोपी तीन हत्या के मामले में फरार चल रहा था. उद्योग नगर थाना अधिकारी मनोज सिंह सिकरवार ने बताया कि आरोपी सुमेर सिंह ने लाला बैरागी की हत्या साल 2008 में की थी. जिसके बाद से वो फरार चल रहा था. फरारी के दौरान आरोपी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ 5 साल जयपुर में छुपकर रहा.

पुलिस के हत्थे चढ़ा गैंगस्टर

इसके बाद में वह गैंगस्टर शिवराज सिंह के भाई बृजराज सिंह और पिंटू की हत्या में भी शामिल रहा है. इस मामले में वह लगातार फरार चल रहा था और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी. ऐसे में 13 साल बाद कोटा की उद्योग नगर थाना पुलिस को सफलता मिली है.

शक था तो पत्नी को मार डाला: कुल्हाड़ी से लगातार करता रहा वार...बेटे ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट

एक महीने से रखी जा रही थी नजर

पुलिस का दावा है कि बीते लगभग एक महीने से इस अपराधी से जुड़ी सारी जानकारी इकट्ठी की जा रही थी. एक टीम गोपनीय तरीके से सुमेर सिंह के जयपुर के निवास स्थान, संपर्क के व्यक्ति, वाहन, परिवार के सदस्यों और व्यवसाय की जानकारी जुटा रही थी. इसके बाद चार टीमें गठित की गई. इन्हीं टीमों के संयुक्त प्रयास से गैंगस्टर हत्थे चढ़ा.

कई राज्यों में काटी फरारी, जयपुर में बना महेंद्र सिंह

पुलिस ने बताया कि कोटा शहर के महावीर नगर तृतीय का मूल निवासी 49 वर्षीय सुमेर सिंह ही भानु प्रताप की हत्या के बाद लगातार उसकी गैंग का मुखिया बना हुआ था. वही गैंग को संचालित भी कर रहा था. फरारी के दौरान 13 सालों तक लगातार अपने ठिकाने बदल लेता था. इस दौरान वह सिलवासा, गुजरात, अहमदाबाद, देहरादून और दिल्ली में भी रहा. पिछले कुछ समय से सुमेर सिंह ने जयपुर को अपना ठिकाना बना लिया था, लेकिन यह अपराधी इतना शातिर था कि अपना नाम वह पहचान आसपास के लोगों से छुपाकर रहता था.

Gangster sumer singh
पुलिस के हत्थे चढ़ा गैंगस्टर

जयपुर में गोनेर के पास दांतली गांव में खेतों के बीच स्थित राजू मीणा के मकान में परिवार सहित रह रहा था. यहां उसने अपना नाम महेंद्र सिंह बताया था और खुद को यूपी के इटावा का निवासी बताया था. वह घर से बाहर भी नहीं निकलता था और कुछ लोगों से ही संपर्क रखता था.

तीन दशक से अपराध में सक्रिय

सुमेर सिंह बीते तीन दशक से अपराध की दुनिया में सक्रिय है. उसके खिलाफ पहला मुकदमा 28 फरवरी 1991 को दादाबाड़ी थाना इलाके में दर्ज हुआ था इसके बाद लगातार वह अपराध की दुनिया में सक्रिय रहा. इस पर तीन हत्या के अलावा मारपीट, चौथ वसूली, आर्म्स एक्ट के तहत दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. जिनमें कोटा शहर के अलग-अलग स्थानों के साथ उदयपुर और चित्तौड़गढ़ के बेगू में भी मुकदमा दर्ज है. उदयपुर रेंज आईजी ने सुमेर सिंह पर 10 और कोटा शहर एसपी ने 5 हजार रुपए का इनाम रखा हुआ है.

Last Updated : Aug 29, 2021, 7:42 PM IST
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