कोटा. जिले में आर्मी इंटेलिजेंस ने एक संदिग्ध स्थिति में युवक को पकड़ा है, जो सेना की वर्दी में था. साथ ही उसके पास सेना का आईकार्ड भी मिला है. स्वतंत्रता दिवस नजदीक है, ऐसे में सुरक्षा में सेंध लगाने की यह कोशिश हो सकती है.
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बता दें, आर्मी को इस संदिग्ध के अवैध गतिविधियों में लिप्त होने की सूचना मिली थी. वहीं, पुलिस इसके बारे में कुछ खुलासा करने से बच रही है. इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ी बात है कि 1 महीने से यह कोटा के कई होटल में रुका हुआ था और समस्त खुफिया एजेंसी के नजरों से बचा हुआ था.
जानकारी के अनुसार आर्मी इंटेलिजेंस को एक व्यक्ति के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी. जिसके बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस को इस संबंध में इंफॉर्मेशन दी. जिसके बाद पुलिस और आर्मी इंटेलिजेंस के लोग होटल में दबिश देने पहुंचे. जहां पर मूलतः जबलपुर का रहने वाला विकास नामदेव मिला.
युवक स्टेशन इलाके के सिमरन होटल में करीब 1 महीने से रुका हुआ था. साथ ही इलाके की रैकी कर रहा था. युवक लगातार आर्मी इलाके में आ-जा रहा था. प्रारंभिक जानकारी में व्हाट्सएप चैट में सेना की अहम जानकारियां बाहर भेजने का मामला भी सामने आया है. अब कोटा पुलिस उससे पूछताछ में जुट गई है.
हालांकि, पुलिस इस संबंध में कुछ भी नहीं बता रही है और पूरे मामले को छिपाया जा रहा है. साथ ही इस पूरे प्रकरण की जानकारी विभिन्न खुफिया एजेंसियों को दे दी गई है, जो कि अब बारी-बारी से इस संदिग्ध युवक से पूछताछ करेगी.
2018 से कोटा था आरोपी, विदेशी करंसी में किया पेमेंट
प्रारंभिक जानकारी में सामने आया हैं कि संदिग्ध विकास नामदेव 2018 से ही कोटा आता रहा है. लॉकडाउन के समय वह यहां पर फंस गया था. कई दिन रुका, इसने 10 हजार रुपए एडवांस भुगतान किया, लेकिन पैसा खत्म होने के बाद अपना सामान होटल में छोड़कर भाग गया था. बाद में दुबारा कोटा आकर दूसरे होटल में रुका. पूछताछ के मुताबिक 2018 में यह एक या 2 दिन ही कोटा में रुका था, लेकिन बाद में यह ज्यादा दिन रहने लगा था. यहां तक कि उसके होटल का बिल हर महीने लाखों रुपए का हो जाता था. कुछ होटल में विदेशी करंसी भी देना सामने आया है. साथ ही विकास नामदेव पूरा भुगतान नकद कर रहा था.
ज्वाइंट इंटरोगेशन करेगी खुफिया एजेंसी
संदिग्ध विकास नामदेव सभी जांच एजेंसियों को अलग-अलग जानकारी दे रहा है. पहले बताता है कि उसके पिता की मौत हो गई है. इसके बाद वह कहता है कि उसके पिता आर्मी में हैं. साथ ही दूसरी जांच एजेंसी जब पूछताछ करती है, तो उसे कुछ और जानकारी देता है. ऐसे में अब ज्वाइंट इंटरोगेशन जांच एजेंसियां करेंगी. जिसमें आर्मी, सीआईडी पुलिस, डीएवी स्टेट आईबी और सेंट्रल आईबी की टीम में शामिल है. पुलिस आरोपी के मोबाइल की हिस्ट्री खंगाल रही है. उसके मोबाइल में जम्मू कश्मीर के कुछ युवतियों के नंबर मिले हैं. साथ ही कोटा के भी कुछ युवतियों के नम्बर हैं. हालांकि आरोपी के खिलाफ मध्य प्रदेश में चोरी और जेब तराशी के भी मुकदमे दर्ज हैं.