कोटा. जिले के कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा ने मंगलवार को कोटा की कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल संचालकों के साथ एक मीटिंग आयोजित की. कलेक्ट्रेट के टैगोर हॉल में आयोजित इस मीटिंग में करीब 2 घंटे से ज्यादा समय तक कोटा कोचिंग से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा हुई. इसके बाद कलेक्टर कसेरा ने मीडिया को बताया कि हॉस्टल एसोसिएशन को फायर सेफ्टी, इमरजेंसी एग्जिट, गार्ड सुरक्षा के लिए सीसीटीवी सहित अन्य सुविधाओं के लिए पाबंद किया गया है.
मीडिया के साथ बातचीत में कलेक्टर कसेरा ने बताया कि कोचिंग संस्थानों और हॉस्टल संचालकों को 2 से 3 महीने का समय दिया गया है, ताकि वे कमियों को पूरा कर सकें. कमियों को पूरा नहीं करते है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी आगे की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि कोचिंग में पढ़ने वाले बच्चों से हॉस्टल के लिए फीडबैक फॉर्म भरवाए जाएगा, ताकि उसके जरिए हॉस्टलों में हो रहे नियमों की अवहेलना की जानकारी प्रशासन तक पहुंच जाएगी. ऐसे हॉस्टलों को कोचिंग संस्थानों की ओर से ब्लैक लिस्ट करवाया जाएगा.
कोटा में कोचिंग करने वाले बच्चों के लिए तैयार की जाएगी ऐप
कलेक्टर ने बताया कि कोटा में कोचिंग करने आने वाले बच्चों के लिए ऐप तैयार की जाएगी. जिससे बच्चे की सारी जानकारी एडमिशन के समय ही डाल दी जाएगी, इस ऐप को या तो बच्चा या पेरेंट्स उपयोग में लेंगे. इसमें जीपीएस ट्रैकर के साथ-साथ फीडबैक मेकैनिज्म की सुविधा भी रहेगी. साथ ही यह इनफॉर्मेटिव भी रहेगा. जिसमें कोटा कोचिंग से जुड़े दिशा-निर्देश और सुरक्षित रहने के तरीके भी उन्हें बताए जाएंगे.
ओमप्रकाश कसेरा ने कहा कि कोटा में आत्महत्या रोकने के लिए प्रयास में वे मोटिवेशनल चिट्ठी सभी बच्चों के लिखेंगे. इस "एक बाती स्टूडेंट के नाम" में बच्चों को मोटिवेशनल उनकी, दोस्तों और अन्य यूनिक स्टोरी शेयर करेंगे यह उनके मन की बात होगी. साथ ही इसमें ऐप के जरिए फीडबैक भी लिया जाएगा.
'कॉफी विद कलेक्टर' कार्यक्रम होगा शुरू
वहीं, बच्चों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए कॉफी विद कलेक्टर कार्यक्रम भी शुरू होगा. जिसमें नॉन एकेडमी के कमजोर बच्चे जिनको काउंसलिंग की जरूरत है, उन्हें बुलाया जाएगा और उनके साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड किया जाएगा. ताकि बच्चे तनाव मुक्त हो और बच्चों को यह भी समझाया जाएगा कि डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बने तो लाइफ खत्म नहीं होती है.
साथ ही स्टूडेंट वेलफेयर एक्टिविटी के लिए फंड भी एकत्रित किया जाएगा. यह फंड बच्चों के अनुसार हॉस्टल व कोचिंग संचालकों से लिया जाएगा. इस बार 100 रुपए बच्चे के अनुसार पैसा लिया जाएगा. अगले साल से इसे बढ़ाकर 200 रुपए बच्चा कर दिया जाएगा. इसके लिए एक समिति बनाई जाएगी. जिसमें कलेक्टर और एसपी मुखिया और कोचिंग संस्थानों और हॉस्टलों के संचालक सदस्य होंगे. बच्चों के लिए मनोरंजन कार्यक्रम इस फंड के जरिए करवाए जाएंगे, इसका निर्णय इस समिति करेगी.
बच्चों के लिए बनाए जाएंगे रीक्रिएशन सेंटर
वहीं, बच्चों के लिए स्टूडेंट रीक्रिएशन सेंटर बनेंगे, जहां पर काउंसलिंग होगी. इसमें जिम से लेकर कई सुविधाएं होगी. बच्चों को परेशानी होने पर वह यहां आकर रिफ्रेश हो सकेंगे. कोटा में हॉस्टल काफी है और वहां पर आगजनी की घटनाएं होती रहती है. ऐसे में कोचिंग संस्थानों की मदद से ही चार जगह पर फायर ब्रिगेड खरीदी जाएगी और उनके स्टाफ की सैलरी भी यही कोचिंग संस्थान देंगे, ताकि कोचिंग एरिया में आग लगने पर तुरंत दमकलो से पहुंचा जा सके.