ETV Bharat / city

मुकुंदरा में 11 दिन में 2 बाघों की मौत के बाद अधिकारियों पर गिरी गाज, CCF आनंद मोहन और DCF टी मोहनराज APO

MHTR में 11 दिनों में ही बाघ और बाघिन की मौत के मामले में वन विभाग सख्त हो गया है. बाघों की मौत के मामले में ट्रैकिंग में दोषी मानते हुए प्रारंभिक तौर पर सरकार ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के सीसीएफ और डीसीएफ पर गाज गिराते हुए उन्हें एपीओ कर दिया है.

2 tigers died in MHTR,  Kota News
अधिकारियों पर गिरी गाज
author img

By

Published : Aug 4, 2020, 9:41 PM IST

कोटा. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 11 दिनों में ही बाघ और बाघिन की मौत के मामले में वन विभाग सख्त हो गया है. बाघों की मौत के मामले में ट्रैकिंग में दोषी मानते हुए प्रारंभिक तौर पर सरकार ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के सीसीएफ और डीसीएफ पर गाज गिराते हुए उन्हें एपीओ कर दिया है.

प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने जांच के आदेश दिए थे. साथ ही इस मामले में मौत की सूचना मिलते ही पहले ही दिन जयपुर शहर ऑफ फॉरेस्ट जीबी रेड्डी और चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरिंदम तोमर को कोटा भेज दिया था. वहीं, पोस्टमार्टम भी उनके सामने हुआ था.

अधिकारियों पर गिरी गाज

पढ़ें-कोटा: मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को फिर लगा झटका, बाघिन MT-2 की हुई मौत

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के सीसीएफ आनंद मोहन और डीसीएफ टी मोहनराज को लापरवाही बरतने के मामले में मंगलवार को एपीओ कर दिया है. इस मामले में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी नाराजगी जताई थी. साथ ही उन्होंने वन मंत्री सुखराम विश्नोई से बातचीत भी की थी.

पढ़ें- नहीं रहा नाहरगढ़ का 'राजा'...दुनिया को कह दिया अलविदा

बता दें कि मुकुंदरा में सोमवार को बाघिन एमटी-2 की मौत हो गई थी. जिसके पोस्टमार्टम में पेट में चोट की बात सामने आ रही है. हालांकि उसका शव 48 घंटे बाद वन विभाग को मिला है. ऐसे में पूरे ट्रैकिंग सिस्टम पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं.

पढ़ें- बाघिन के इश्क में रणथंभौर से चलकर मुकुंदरा पहुंचने वाले बाघ की मौत, जानिए उसके अंतिम सफर के बारे में

साथ ही अधिकारियों की कार्यशैली पर भी वन्यजीव प्रेमी सवाल उठा रहे हैं कि जब बाघिन एमटी-2 के रेडियो कॉलर लगा था और साथ ही ट्रैकिंग के लिए फॉरेस्ट गार्ड लगे हुए हैं. यहां तक की रेंजर से लेकर डीसीएफ और सीसीएफ तक रिपोर्टिंग ले रहे हैं. इसके बावजूद उसकी मौत हो जाना काफी गंभीर है. उससे पहले 23 जुलाई को बाघ एमटी-3 की फेफड़ों में संक्रमण और अन्य कारणों से मौत हुई थी.

कोटा. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 11 दिनों में ही बाघ और बाघिन की मौत के मामले में वन विभाग सख्त हो गया है. बाघों की मौत के मामले में ट्रैकिंग में दोषी मानते हुए प्रारंभिक तौर पर सरकार ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के सीसीएफ और डीसीएफ पर गाज गिराते हुए उन्हें एपीओ कर दिया है.

प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने जांच के आदेश दिए थे. साथ ही इस मामले में मौत की सूचना मिलते ही पहले ही दिन जयपुर शहर ऑफ फॉरेस्ट जीबी रेड्डी और चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरिंदम तोमर को कोटा भेज दिया था. वहीं, पोस्टमार्टम भी उनके सामने हुआ था.

अधिकारियों पर गिरी गाज

पढ़ें-कोटा: मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को फिर लगा झटका, बाघिन MT-2 की हुई मौत

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के सीसीएफ आनंद मोहन और डीसीएफ टी मोहनराज को लापरवाही बरतने के मामले में मंगलवार को एपीओ कर दिया है. इस मामले में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी नाराजगी जताई थी. साथ ही उन्होंने वन मंत्री सुखराम विश्नोई से बातचीत भी की थी.

पढ़ें- नहीं रहा नाहरगढ़ का 'राजा'...दुनिया को कह दिया अलविदा

बता दें कि मुकुंदरा में सोमवार को बाघिन एमटी-2 की मौत हो गई थी. जिसके पोस्टमार्टम में पेट में चोट की बात सामने आ रही है. हालांकि उसका शव 48 घंटे बाद वन विभाग को मिला है. ऐसे में पूरे ट्रैकिंग सिस्टम पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं.

पढ़ें- बाघिन के इश्क में रणथंभौर से चलकर मुकुंदरा पहुंचने वाले बाघ की मौत, जानिए उसके अंतिम सफर के बारे में

साथ ही अधिकारियों की कार्यशैली पर भी वन्यजीव प्रेमी सवाल उठा रहे हैं कि जब बाघिन एमटी-2 के रेडियो कॉलर लगा था और साथ ही ट्रैकिंग के लिए फॉरेस्ट गार्ड लगे हुए हैं. यहां तक की रेंजर से लेकर डीसीएफ और सीसीएफ तक रिपोर्टिंग ले रहे हैं. इसके बावजूद उसकी मौत हो जाना काफी गंभीर है. उससे पहले 23 जुलाई को बाघ एमटी-3 की फेफड़ों में संक्रमण और अन्य कारणों से मौत हुई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.