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ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आंकलन मैनुअली फार्म भर के भी करवाया जाएगा: कृषि मंत्री

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Published : Mar 27, 2021, 9:04 AM IST

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया शुक्रवार को कोटा जिले के दौरे पर आए. जहां पर उन्होंने उम्मीदगंज में बन रहे कृषि महाविद्यालय के नवीन भवन के शिलान्यास समारोह में भाग लिया. साथ ही उन्होंने जिला कलेक्टर की मौजूदगी में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की.

Lalchand Kataria statement, Lalchand Kataria visit Kota
ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आंकलन मैनुअली फार्म भर के भी करवाया जाएगा

कोटा. प्रदेश के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया शुक्रवार को कोटा जिले के दौरे पर आए. यहां पर उन्हें उम्मीदगंज में बन रहे कृषि महाविद्यालय के नवीन भवन का शिलान्यास समारोह में भाग लेना था. सबसे पहले वह सर्किट हाउस पहुंचे, जहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. इसके साथ ही उन्होंने जिला कलेक्टर की मौजूदगी में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की.

लालचंद कटारिया का कोटा दौरा

इस दौरान मीडिया से भी बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में जो ओलावृष्टि और बारिश के चलते फसलें खराब हुई है. उनके नुकसान का आंकलन करवाया जा रहा है. मंत्री कटारिया ने कहा कि मैनुअली भी सभी जगह पर फसल बीमा की रिपोर्ट ली जा रही है और उन्हें फार्म के अनुसार भरवाने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि किसान और बीमा कंपनी के बीच किसी तरह का कोई विवाद नहीं हो.

मंत्री कटारिया ने कहा कि नुकसान का जो आंकलन है, वह तुरंत करवाया जाए. पटवारियों की हड़ताल भी चल रही है और उसके बावजूद भी प्रशासन को सख्त से निर्देश दिए हैं कि जो एग्रीकल्चर के क्रॉप इंश्योरेंस की जो एजेंसी है, उनके जरिए उनका नुकसान का आंकलन करवाएं और जल्द ही मुआवजा दिलाया जाए.

पढ़ें- फोन टैपिंग कांड : कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का फोन टैप होने के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दर्ज की FIR

72 घंटे में नुकसान की प्रथम रिपोर्ट देने के मामले पर भी मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि इसमें कई बार गांव में किसानों को कई बार दिक्कत आती है. ऑनलाइन सर्वर कनेक्ट नहीं हो पाता है. ग्रामीण परिवेश के लोग ऑनलाइन सिस्टम को भी नहीं समझ पाते हैं और इसमें अप्लाई नहीं कर पाते हैं. दिक्कत तकनीकी रूप से भी आती है, इस तरह की परेशानी रहती है. आगे जाकर यह विवादित मामले में हो जाते हैं और किसान अपनी शिकायत करता है, बैंक वाले भी अपनी शिकायत करते हैं.

अब इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का जमाना है. विसंगतियां रहती है, ऐसे में हमने जो 72 घंटे का जो समय पहली सूचना के लिए है. वहीं 7 दिन का जो दूसरा समय मैनुअली कराने के लिए होता है. इसके आधार पर निर्देश पूरे राजस्थान के लिए दिए गए हैं. सभी का मैनुअली फार्म भी भरवाए जाएं. मुआवजा दिलाने की बात पर भी उन्होंने कहा कि कोटा, हनुमानगढ़ और गंगानगर कृषि के लिए महत्वपूर्ण जगह है. यहां हम जितना ध्यान देंगे तो अच्छा रहेगा.

कोटा. प्रदेश के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया शुक्रवार को कोटा जिले के दौरे पर आए. यहां पर उन्हें उम्मीदगंज में बन रहे कृषि महाविद्यालय के नवीन भवन का शिलान्यास समारोह में भाग लेना था. सबसे पहले वह सर्किट हाउस पहुंचे, जहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. इसके साथ ही उन्होंने जिला कलेक्टर की मौजूदगी में कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की.

लालचंद कटारिया का कोटा दौरा

इस दौरान मीडिया से भी बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में जो ओलावृष्टि और बारिश के चलते फसलें खराब हुई है. उनके नुकसान का आंकलन करवाया जा रहा है. मंत्री कटारिया ने कहा कि मैनुअली भी सभी जगह पर फसल बीमा की रिपोर्ट ली जा रही है और उन्हें फार्म के अनुसार भरवाने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि किसान और बीमा कंपनी के बीच किसी तरह का कोई विवाद नहीं हो.

मंत्री कटारिया ने कहा कि नुकसान का जो आंकलन है, वह तुरंत करवाया जाए. पटवारियों की हड़ताल भी चल रही है और उसके बावजूद भी प्रशासन को सख्त से निर्देश दिए हैं कि जो एग्रीकल्चर के क्रॉप इंश्योरेंस की जो एजेंसी है, उनके जरिए उनका नुकसान का आंकलन करवाएं और जल्द ही मुआवजा दिलाया जाए.

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72 घंटे में नुकसान की प्रथम रिपोर्ट देने के मामले पर भी मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि इसमें कई बार गांव में किसानों को कई बार दिक्कत आती है. ऑनलाइन सर्वर कनेक्ट नहीं हो पाता है. ग्रामीण परिवेश के लोग ऑनलाइन सिस्टम को भी नहीं समझ पाते हैं और इसमें अप्लाई नहीं कर पाते हैं. दिक्कत तकनीकी रूप से भी आती है, इस तरह की परेशानी रहती है. आगे जाकर यह विवादित मामले में हो जाते हैं और किसान अपनी शिकायत करता है, बैंक वाले भी अपनी शिकायत करते हैं.

अब इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का जमाना है. विसंगतियां रहती है, ऐसे में हमने जो 72 घंटे का जो समय पहली सूचना के लिए है. वहीं 7 दिन का जो दूसरा समय मैनुअली कराने के लिए होता है. इसके आधार पर निर्देश पूरे राजस्थान के लिए दिए गए हैं. सभी का मैनुअली फार्म भी भरवाए जाएं. मुआवजा दिलाने की बात पर भी उन्होंने कहा कि कोटा, हनुमानगढ़ और गंगानगर कृषि के लिए महत्वपूर्ण जगह है. यहां हम जितना ध्यान देंगे तो अच्छा रहेगा.

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