कोटा. जिले में 3 दिन पहले हुई ओलावृष्टि और तेज बारिश के चलते किसानों की फसलें तबाह हो गई है. कृषि विभाग ने इसकी एक रिपोर्ट भी तैयार की है. जिसके आधार पर कोटा जिले में करीब 19900 हेक्टेयर में फसल खराब हुई है. जिनमें अधिकांश खराबा गेहूं की फसल में सामने आ रहा है.
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फसल 15 फीसदी तक खराब हुई है, वहीं दूसरी तरफ किसान संगठनों और भाजपा के नेताओं का कहना है कि किसानों की फसलें 90 फीसदी तक खराब हो चुकी है. यहां तक कि किसान संगठनों का कहना है कि कई खेतों में किसानों की फसल ही बह गई है. किसान खुद अपनी फसल खराब होने पर आंखों में आंसू भरे हुए हैं.
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19900 हेक्टेयर में हुई फसल खराब, सरसों में सबसे कम
कोटा जिले का डाटा बताते हुए कृषि अधिकारियों ने बताया कि 2,67,000 हेक्टेयर में कोटा जिले में रबी के सीजन की फसल की गई थी. इसमें गेहूं सबसे ज्यादा था और उसके बाद चला सरसों और फिर धनिया किसानों ने पैदा किया था. इनमें से 19,900 हेक्टेयर फसल में खराबा हुआ है, जो भी 2 से 15 फीसदी तक है. साथ ही कृषि अधिकारियों ने कहा कि सरसों की फसल में तो महज दो से तीन पीस दी ही खराब है, क्योंकि अगेती सरसों यहां पर पैदा की गई थी और अधिकांश सरसों कटकर खेत में पड़ी है। ऐसे में उसे नुकसान भी कम होता है.
गेहूं की फसल खेत में ही गिर गई
कृषि विभाग के अधिकारियों का मानना है कि जो गेहूं की फसल खेत में तेज हवा के चलते गिर गई है. वह भी दो दिन से निकल रही तेज धूप के चलते सीधी खड़ी हो जाएगी. सबसे ज्यादा 12,600 हेक्टेयर में ये खराबा है, जो भी 8 से 15 फीसदी तक है.
खेतों में नहीं हुआ सर्वे, गिरदावरी जल्द बने
भारतीय जनता पार्टी देहात के जिला अध्यक्ष मुकुल नागर का कहना है कि किसानों की खराब हुई फसलों का सर्वे करने के लिए अभी कृषि विभाग खेतों में ही नहीं गया है. उन्हें तुरंत खेतों में जाए, इसके लिए जिला कलेक्टर से मिलकर पाबंद करवाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द किसानों की गिरदावरी बने और इनका आपदा प्रबंधन के तहत भी मुआवजा दिया जाए.
इन इलाकों में खराब हुई है फसलें
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक राम अवतार शर्मा का कहना है कि कोटा जिले में सांगोद इलाके में के बालूहेड़ा, पिसाहेड़ा में ज्यादा खराबा सामने आया है. इसी तरह से कनवास तहसील के डराना खजूरना, जागलिया, खेड़ी व मंगलपुरा में फसलें खराब हुई है. वहीं रामगंजमंडी इलाके के पीपल्दा, चेचट और सुकेत में फसलें नष्ट हुई है. जिन किसानों ने फसल बीमा कराया है, उनको टोल फ्री नंबर के जरिए फसल खराबे की सूचना बीमा कंपनी को देनी होगी. साथ ही कृषि पर्यवेक्षकों को भी पाबंद कर दिया है कि जहां भी खराबा हुआ है, उन एरिया के किसानों के खराबे की रिपोर्ट तैयार करेंगे और उन्हें मुआवजा दिलाएं.
फसल - बुवाई (हेक्टेयर) - खराबा (हेक्टेयर) - नुकसान (प्रतिशत में)
- गेहूं - 146000 - 12600 - 8 से 15
- चना - 55900 - 6050 - 10
- सरसों- 29500 - 400 - 2 से 3
- धनिया - 8900 - 750 - 12 से 15