कोटा. शहर के ठेला फुटकरों ने गुरुवार को पथ विक्रेता अधिनियम एक्ट के तहत पुनर्वास करने की मांग को लेकर नगर निगम प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की. वहीं अधिकारियों को बाहर बुलाने की मांग करते हुए धरने पर बैठे रहे. वहीं प्रदर्शनकारियों ने निगम को चेतावनी दी है कि पहले वह ठेला व्यापारियों को पुनर्वासित करे उसके बाद अतिक्रमण की कारवाई करे.
ठेला व्यापारियों ने बताया कि समिति कई सालों से नगर निगम, नगर विकास न्यास और पुलिस प्रशासन को इस एक्ट के बारे में कई बार अवगत करा चुकी है. इसके साथ ही स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को भी इस एक्ट के बारे में अवगत करवा रखा है. वहीं उच्च न्यायालय जयपुर में सारे कोटा सिटी में ठेला फुटकर व्यापारियों के लिए तीनों विभागों के विरुद्ध समिति द्वारा याचिका दायर की हुई है.
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उन्होंने कहा कि याचिका पर न्यायाधीश की ओर से यथास्थिति के आदेश पारित किए गए थे. उसके उपरांत भी नगर निगम द्वारा बिना सर्वे नोटिस के ठेला फुटकरों को अतिक्रमण के नाम से कार्रवाई कर रहा है. जो चालू ठेले दशहरा मैदान, एमबीएस अस्पताल, रत्ना नर्सिंग होम के सामने नगर निगम की ओर से हटाए गए है. उन्हें पुनः स्थापित कर रोजगार के लिए जगह देने का मांग की है.
ठेला व्यापारियों ने नगर निगम के आयुक्त के नाम ज्ञापन दिया और मांग की है कि आगे से ठेला व्यापारियों को शहर से नहीं हटाया जाए और अगर व्यापारियों को हटाया जाता है तो पहले पुनर्वास किया जाए.