कोटा. जिले में करीब सात महीने पहले एसीबी द्वारा आकस्मिक चेकिंग में सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मोहनलाल के पास से 10 लाख रुपए रुपए मिले थे. जिनके बारे में सहायक अभियंता मोहन लाल शर्मा अधिकारी संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए थे. इस मामले में एसीबी ने पूरा प्रकरण बनाकर एफआईआर दर्ज करने के लिए जयपुर मुख्यालय भेजा है.
एसीबी ने 7 महीने पहले आकस्मिक चेकिंग के दौरान जब मोहन लाल को पकड़ा था तब वे इसके बारे में संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए थे, साथ ही यह राशि उन्होंने ठेकेदार से लाना बताई थी. एसीबी ने जब ठेकेदार से पड़ताल की तो उन्होंने इस तरह से किसी भी तरह की राशि देने से इनकार कर दिया था. एसीबी की जांच में सामने आया था कि यह राशि बतौर कमीशन इन्होंने ठेकेदारों से वसूल की है, जो इनके एरिया में निर्माण कार्य चल रहे थे.
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एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि हमें दो मई 2019 को मुखबिर से सूचना मिली थी कि बारां जिले के अटरू में तैनात सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मोहन लाल शर्मा अपने एरिया में चल रहे कार्यों की एवज में ठेकेदारों से कमीशन लेकर कोटा आ रहे हैं. वह जिस गाड़ी में आ रहे थे, वह बारां जिले में ही तैनात अधिशासी अभियंता सत्येंद्र पारीक को मिली हुई सरकारी गाड़ी थी. जिसमें बैठकर वे कोटा आ रहे थे.
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सूचना पर निरीक्षक अजीत बागडोलिया के नेतृत्व में टीम बनाकर नया नोहरा भेजी. इस टीम ने जिस गाड़ी में बैठकर ये अभियंता कोटा आ रहे थे. उसको रुकवाया और आकस्मिक चेकिंग की इसमें सामने आया कि सहायक अभियंता मोहनलाल के पास से 10 लाख रुपए रुपए मिले. जिनके बारे में सहायक अभियंता मोहन लाल शर्मा अधिकारी संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए थे. इनकी जांच करने पर सामने आया था कि उन्होंने अलग-अलग ठेकेदारों से बतौर कमीशन यह राशि वसूल की है. इस मामले में एसीबी ने पूरा प्रकरण बनाकर एफआईआर दर्ज करने के लिए जयपुर मुख्यालय भेजा था, जहां पर डीजी एसीबी आलोक त्रिपाठी के निर्देश पर एसीबी ने सहायक अभियंता मोहनलाल शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्णय लिया गया है.