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कोटा कलेक्ट्रेट रिश्वत मामला: सूचना सहायक दीपक रघुवंशी को एसीबी ने किया गिरफ्तार, कोर्ट ने भेजा जेल

न्यायालय सहायक कलेक्टर (मुख्यालय) कोटा में विचाराधीन विवादित भूमि प्रकरण को अपने पक्ष में फैसला करवाने की एवज में परिवादी से एक लाख रुपए रिश्वत लेने के मामले में एसीबी बारां ने आरोपी कार्यालय सहायक कलेक्टर (मुख्यालय) कोटा के सूचना सहायक दीपक रघुवंशी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. जहां से उसे जेल भेजने के आदेश दिए गए हैं.

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Published : Apr 28, 2021, 5:32 PM IST

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सूचना सहायक दीपक रघुवंशी

कोटा. एसीबी कोटा में परिवादी ग्राम गोपालपुरा थाना मंडाना तहसील लाडपुरा निवासी हेमराज बलाई की शिकायत पर फरवरी महीने में कार्रवाई करते हुए एसडीएम लाडपुरा के सूचना सहायक एकांत उपाध्याय और दलाल बलराम मीणा को गिरफ्तार कर लिया था. इनके पास से एक लाख की रिश्वत राशि बरामद की थी. मामले में अन्य आरोपी एसीएम कोटा के सूचना सहायक दीपक रघुवंशी का नाम भी सामने आया था. उनकी भी रिश्वत मांगने में सत्यापन हुआ था, लेकिन ट्रैप कार्रवाई वाले दिन आरोपी दीपक रघुवंशी फरार हो गया, जिसके बाद से लगातार फरार चल रहा था.

दरअसल, मामले की जांच बारां एसीबी को सौंपी गई थी. ऐसे में बारां एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए दीपक रघुवंशी को गिरफ्तार किया था. एसीबी ने इस मामले में कोटा एसडीएम दीपक मित्तल, एसीएम बीके तिवारी कोटा और नायब तहसीलदार मंडाना के खिलाफ अनुसंधान पेंडिंग रखा है.

यह भी पढ़ें: भिवाड़ी एसीबी की कार्रवाई : वकील को साढ़े नौ हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

न्यायालय ने रिश्वतखोर एक्सईएन की जमानत याचिका खारिज की

झालावाड़ एसीबी टीम ने पीएचईडी विभाग के अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार और उनके सहायक कर्मचारी राम प्रहलाद पाटीदार को सैलेरी बिल पास करने की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए 22 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. उसके बाद दोनों को कोटा ऐसे भी कोर्ट में पेश कर दिया, जहां से जेल भेज दिया था. अभी दोनों जेल में बंद है. रिश्वतखोर एक्सईएन मुकेश कुमार की जमानत याचिका न्यायालय में पेश हुई थी, जिससे न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है.

यह भी पढ़ें: सहकारी दुग्ध डेयरी ऑपरेटर 40 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार

हेड कांस्टेबल के खिलाफ चालान पेश

एसीबी कोटा देहात ने रिश्वत के मामले में तत्कालीन अयाना थाने के हेड कांस्टेबल उमर मोहम्मद के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. बारां निवासी परिवादी मोहनलाल और उसके पुत्र दीपक सहित अन्य सात लोगों के खिलाफ बहू मनीषा ने एक दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करवाया था. मामले के अनुसंधान अयाना थाने के तत्कालीन एसएचओ विनोद कुमार कर रहे थे. वहीं पत्रावली हेड कांस्टेबल उमर मोहम्मद ने तैयार की थी. इस मामले में बारां एसीबी को शिकायत दी गई, जिसमें ट्रैप कार्रवाई के दिन पहली किश्त के रूप में 10 हजार रुपए परिवादी रिश्वत देने गया, लेकिन उमर मोहम्मद थाने पर मौजूद नहीं था.

यह भी पढ़ें: झालावाड़: रिश्वत लेते ट्रैप हुआ PHED विभाग का XEN निकला करोड़ों का मालिक, कई प्लॉट हैं आरोपी के नाम

ऐसे में दूसरे सिपाही रमेश कुमार ने रिश्वत की राशि ले ली. साथ ही उसके लिए भी 1000 ले लिए. एसीबी ने मामले में अनुसंधान के बाद आरोपी उमर मोहम्मद और विनोद कुमार उप निरीक्षक के खिलाफ अनुसंधान पेंडिंग रखा. वहीं रमेश कुमार के खिलाफ चालान पेश किया. एसीबी ने आरोपी विनोद कुमार को तलब कर स्पष्टीकरण प्राप्त किया. इधर, उमर मोहम्मद से अनुसंधान के प्रयास किए गए, लेकिन उपस्थित नहीं होने और अपने निवास से फरार होने पर उसके खिलाफ न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट प्राप्त किए. इसके बाद भी वह नहीं मिला. कोर्ट ने मामले में आरोपी कांस्टेबल उमर मोहम्मद के विरुद्ध स्टैंडिंग वारंट जारी कर दिए. एसीबी ने आरोपी हेड कांस्टेबल उमर मोहम्मद को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. सुनवाई के बाद उसे जेल भेज दिया था, अब उसके खिलाफ चालान भी कोर्ट में पेश किया गया.

कोटा. एसीबी कोटा में परिवादी ग्राम गोपालपुरा थाना मंडाना तहसील लाडपुरा निवासी हेमराज बलाई की शिकायत पर फरवरी महीने में कार्रवाई करते हुए एसडीएम लाडपुरा के सूचना सहायक एकांत उपाध्याय और दलाल बलराम मीणा को गिरफ्तार कर लिया था. इनके पास से एक लाख की रिश्वत राशि बरामद की थी. मामले में अन्य आरोपी एसीएम कोटा के सूचना सहायक दीपक रघुवंशी का नाम भी सामने आया था. उनकी भी रिश्वत मांगने में सत्यापन हुआ था, लेकिन ट्रैप कार्रवाई वाले दिन आरोपी दीपक रघुवंशी फरार हो गया, जिसके बाद से लगातार फरार चल रहा था.

दरअसल, मामले की जांच बारां एसीबी को सौंपी गई थी. ऐसे में बारां एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए दीपक रघुवंशी को गिरफ्तार किया था. एसीबी ने इस मामले में कोटा एसडीएम दीपक मित्तल, एसीएम बीके तिवारी कोटा और नायब तहसीलदार मंडाना के खिलाफ अनुसंधान पेंडिंग रखा है.

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न्यायालय ने रिश्वतखोर एक्सईएन की जमानत याचिका खारिज की

झालावाड़ एसीबी टीम ने पीएचईडी विभाग के अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार और उनके सहायक कर्मचारी राम प्रहलाद पाटीदार को सैलेरी बिल पास करने की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए 22 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. उसके बाद दोनों को कोटा ऐसे भी कोर्ट में पेश कर दिया, जहां से जेल भेज दिया था. अभी दोनों जेल में बंद है. रिश्वतखोर एक्सईएन मुकेश कुमार की जमानत याचिका न्यायालय में पेश हुई थी, जिससे न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है.

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हेड कांस्टेबल के खिलाफ चालान पेश

एसीबी कोटा देहात ने रिश्वत के मामले में तत्कालीन अयाना थाने के हेड कांस्टेबल उमर मोहम्मद के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. बारां निवासी परिवादी मोहनलाल और उसके पुत्र दीपक सहित अन्य सात लोगों के खिलाफ बहू मनीषा ने एक दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करवाया था. मामले के अनुसंधान अयाना थाने के तत्कालीन एसएचओ विनोद कुमार कर रहे थे. वहीं पत्रावली हेड कांस्टेबल उमर मोहम्मद ने तैयार की थी. इस मामले में बारां एसीबी को शिकायत दी गई, जिसमें ट्रैप कार्रवाई के दिन पहली किश्त के रूप में 10 हजार रुपए परिवादी रिश्वत देने गया, लेकिन उमर मोहम्मद थाने पर मौजूद नहीं था.

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ऐसे में दूसरे सिपाही रमेश कुमार ने रिश्वत की राशि ले ली. साथ ही उसके लिए भी 1000 ले लिए. एसीबी ने मामले में अनुसंधान के बाद आरोपी उमर मोहम्मद और विनोद कुमार उप निरीक्षक के खिलाफ अनुसंधान पेंडिंग रखा. वहीं रमेश कुमार के खिलाफ चालान पेश किया. एसीबी ने आरोपी विनोद कुमार को तलब कर स्पष्टीकरण प्राप्त किया. इधर, उमर मोहम्मद से अनुसंधान के प्रयास किए गए, लेकिन उपस्थित नहीं होने और अपने निवास से फरार होने पर उसके खिलाफ न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट प्राप्त किए. इसके बाद भी वह नहीं मिला. कोर्ट ने मामले में आरोपी कांस्टेबल उमर मोहम्मद के विरुद्ध स्टैंडिंग वारंट जारी कर दिए. एसीबी ने आरोपी हेड कांस्टेबल उमर मोहम्मद को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया. सुनवाई के बाद उसे जेल भेज दिया था, अब उसके खिलाफ चालान भी कोर्ट में पेश किया गया.

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