कोटा. अपराधों की रोकथाम और महिलाओं को सुरक्षा (Crime prevention and women safety) प्रदान करने के उद्देश्य से अभय कमांड सेंटर (Importance of Abhay Command Center) को जिले में शुरु किया गया था. साथ ही ट्रैफिक सिस्टम तोड़ने, तेज स्पीड में वाहन चलाने वालों पर रोकथआम के लिए इसे बनाया गया था. कोटा पुलिस ने सोमवार को अपनी कार्यशैली को प्रदर्शित करने के लिए 2 वीडियो जारी किए हैं. वीडियो के माध्यम से पुलिस ने आम जनता को अभय कमांड सेंटर की कार्यशैली (Work of Abhay Command Center) और उसकी उपयोगिता को बताने का प्रयास किया है.
विजुअल के माध्यम से बताई कार्यशैली : जिला पुलिस ने 12 मिनट के 2 वीडियो लॉन्च (Video released by Kota Police) किए है. जिन्हें कोटा शहर पुलिस ने ही बनाया हैं. इनमें पुलिस की कार्यप्रणाली (Police Operations in videos) को दिखाया गया है. इस वीडियो में पुलिस ने बिना वॉइस के केवल विजुअल के जरिए ही अपनी कार्यशैली को दर्शाया है.
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अभय कमांड के जरिए बड़ी वारदातों के खुलासे
पुलिस के कई काम ऐसे भी हैं, जो आम जनता को नजर नहीं आते हैं. बता दें कि यह दोनों वीडियो 6-6 मिनट से ज्यादा के मिनट के है. जिनको कोटा के एसपी और डीआईजी डॉ. विकास पाठक ने सोमवार को लॉन्च किया. इसमें अभय कमांड के जरिए बड़ी वारदातों के खुलासे (Major events revealed through Abhay Command) के बारे में भी बताया गया है.
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एसपी डॉ. विकास पाठक ने बताया कि कोटा पुलिस की ताकत दिखाने के लिए यह वीडियो बनाए गए हैं. ताकि सोशल मीडिया के जरिए लोग देख सकें और कोटा पुलिस की ताकत से रूबरू हो जाए. इन वीडियो को अगर अपराधी भी देखते हैं, तो अभय कमांड के जरिए किस तरह से अपराधियों पर सख्त नजर रखी जा रही है. यह उन्हें भी पता चल जाए ताकि अपराध कार्य करने के पहले वे सोच लें. वीडियो में बताया है कि अभय कमांड के इन सीसीटीवी फुटेज के जरिए वारदातों को खोला जा रहा है. इसी के जरिए अपराधी इन फुटेज में कैद होने के बाद कानून के शिकंजे में पहुंच रहे हैं.
आपराधिक घटनाओं में आई कमी
एसपी डॉ. पाठक ने कहा कि 2021 में कोटा शहर में 6356 प्रकरण दर्ज हुए थे. इनमें हत्या के प्रयास में 6, लूट 28 और चोरी में 8 फीसदी की कमी हुई है. धारदार हथियार के 522 प्रकरण दर्ज और 544 हथियार जप्त किए गए हैं. इसके अलावा फायरिंग आर्म्स के मामले 103 सामने आए हैं. जिन्हें 50 पिस्टल, 4 रिवॉलवर, 50 देसी कट्टा, 4 बंदूक और 106 कारतूस अपराधियों से पकड़े गए हैं. बता दें कि इस पत्रकार वार्ता के बाद शाम को कोटा के एसपी डॉ. विकास पाठक डीआईजी बनने पर यहां से रिलीव हो गए. उन्हें जयपुर में डीआईजी सिविल राइट्स इन हुमन ट्रैफिकिंग पद स्थापित किया गया है.