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5 साल से बेड़ियों में जकड़ा हुआ था विमंदित युवक, कोटा की एक सामाजिक संस्था ने कराया मुक्त - kota news

कोटा के अनंतपुरा इलाके के एक विमंदित युवक जो पिछले 5 वर्षों से बेड़ियों से जकड़ा हुआ था, उसे कोटा के 'अपना घर आश्रम' और नगर निगम की रेस्क्यू टीम के प्रयासों से आजाद कराया गया. उपचार के बाद उसे अपना घर आश्रम में ही रखा जाएगा.

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Published : Aug 21, 2019, 6:31 PM IST

कोटा. जिले के अनंतपुरा थाना क्षेत्र के बावड़ी खेड़ा गांव में पिछले पांच सालों से एक युवक को जंजीरों में जकड़ कर तीन ताले लगाकर रखा जा रहा था. वहीं बुधवार को 'अपना घर आश्रम' के सचिव नगर निगम की रेस्क्यू टीम के साथ पहुंच कर उसे अपने साथ ले आए. आरी से उसकी बेड़ियों को काट कर मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसका इलाज जारी है.

कोटा की एक सामाजिक संस्था ने कराया मुक्त

'अपना घर आश्रम' के सचिव मनोज जैन आदिनाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि 'अपना घर आश्रम' में किसी ने सूचना दी कि बावड़ी खेड़ा में एक व्यक्ति को जंजीरों से जकड़ कर रखा जा रहा है तो तुरन्त अनंतपुरा थाना पुलिस व नगर निगम की रेस्क्यू टीम को साथ लेकर वहां पहुचें. वे उसकी हालत देख कर दंग रह गए. उसे बुरी तरह जंजीरों से जकड़ कर और तीन ताले लगाकर एक ओर पटक रखा था. जब इसके परिजनों के बारे में जानकारी चाही तो किसी ने भी नहीं बताया.

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उन्होंने बताया कि बारां जिले के पालयथा निवासी युवक का नाम मुकेश गुर्जर बताया जा रहा है. वहीं इसके कुछ परिजन बावड़ी खेड़ा रहते हैं. जो कि मुकेश इनके पास आकर रह रहा था. मानसिक रोगी होने के कारण काफी लंबे समय से मोटी चेनों को लपेटकर तीन तालों से जकड़ कर पटक रखा गया था, जिसे बुधवार को थाने में लाकर इसकी जंजीरे काटी गई और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

यह भी पढ़ें : मरुस्थली जिलों के लिए गहलोत की संजीवनी...अब हर व्यक्ति को मिलेगा प्रतिदिन 70 लीटर पानी मुफ्त

मुकेश को जंजीरों से जैसे ही आजादी मिली मानो एम्बुलेंस में ही उसने पहली बार चैन की नींद ली. इलाज के पश्चात उसे 'अपना घर आश्रम' में रखा जाएगा.

कोटा. जिले के अनंतपुरा थाना क्षेत्र के बावड़ी खेड़ा गांव में पिछले पांच सालों से एक युवक को जंजीरों में जकड़ कर तीन ताले लगाकर रखा जा रहा था. वहीं बुधवार को 'अपना घर आश्रम' के सचिव नगर निगम की रेस्क्यू टीम के साथ पहुंच कर उसे अपने साथ ले आए. आरी से उसकी बेड़ियों को काट कर मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसका इलाज जारी है.

कोटा की एक सामाजिक संस्था ने कराया मुक्त

'अपना घर आश्रम' के सचिव मनोज जैन आदिनाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि 'अपना घर आश्रम' में किसी ने सूचना दी कि बावड़ी खेड़ा में एक व्यक्ति को जंजीरों से जकड़ कर रखा जा रहा है तो तुरन्त अनंतपुरा थाना पुलिस व नगर निगम की रेस्क्यू टीम को साथ लेकर वहां पहुचें. वे उसकी हालत देख कर दंग रह गए. उसे बुरी तरह जंजीरों से जकड़ कर और तीन ताले लगाकर एक ओर पटक रखा था. जब इसके परिजनों के बारे में जानकारी चाही तो किसी ने भी नहीं बताया.

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उन्होंने बताया कि बारां जिले के पालयथा निवासी युवक का नाम मुकेश गुर्जर बताया जा रहा है. वहीं इसके कुछ परिजन बावड़ी खेड़ा रहते हैं. जो कि मुकेश इनके पास आकर रह रहा था. मानसिक रोगी होने के कारण काफी लंबे समय से मोटी चेनों को लपेटकर तीन तालों से जकड़ कर पटक रखा गया था, जिसे बुधवार को थाने में लाकर इसकी जंजीरे काटी गई और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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मुकेश को जंजीरों से जैसे ही आजादी मिली मानो एम्बुलेंस में ही उसने पहली बार चैन की नींद ली. इलाज के पश्चात उसे 'अपना घर आश्रम' में रखा जाएगा.

Intro:पांच साल से विमंदित युवक तीन तालों में जकड़ी बेड़ियों से आज मिली आजादी।
कोटा अनंतपुरा थाना क्षेत्र के बावड़ी खेड़ा में पिछले पांच सालों से एक युवक को जंजीरों में जकड़ कर तीन ताले लगाकर रखा जा रहा था।वही आज अपना घर आश्रम के सचिव नगर निगम की रेस्क्यू टीम के साथ पहुंच कर अपने साथ लाए।ओर आरी से बेड़ियों को काट कर मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया।जहां उसका इलाज जारी है।
Body:अपना घर आश्रम के सचिव मनोज जेन आदिनाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि अपना घर आश्रम में किसी ने सूचना दी कि बावड़ी खेड़ा में एक व्यक्ति को जंजीरों से जकड़ कर रखा जा रहा है तो तुरन्त अनंतपुरा थाना पुलिस व नगर निगम की रेस्क्यू टीम को साथ लेकर वहां पहुचें।ओर इस कि हालत देख कर डंग रह गए।इसको बुरी तरह से जंजीरों से जकड़ कर तीन ताले लगाकर एक ओर पटक रखा था।जब इसके परिजनों के बारे में जानकारी चाही तो किसी ने भी नही बताया।उन्होंने बताया कि बारां जिले के पालयथा निवासी युवक का नाम मुकेश गुर्जर बताया जा रहा है।वही इसके कुछ परिजन बावड़ी खेड़ा रहते हैं।जोकि मुकेश इनके पास आकर रह रहा था।मानसिक रोगी होने के कारण काफी लंबे समय से मोटी चेनों को लफेटकर तीन तालों से जकड़ कर पटक रखा था।जिसे आज थाने में ला कर इसकी जंजीरे काटी गई।और इसको मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
Conclusion:जैसे ही मुकेश को जंजीरों से आजादी मिली वैसे ही एम्बुलेंस में जाकर चेन की नींद निकाली।वही इसके इलाज के पश्चात अपना घर आश्रम में रखा जाएगा।
बाईट-मनोज जैन आदिनाथ, सचिव अपना घर आश्रम
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