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कोटा में फंसे बिहार के 8000 कोचिंग छात्रों का भी होगा रेस्क्यू, 4 दिन तक चलेगी स्पेशल ट्रेनें

कोटा में पढ़ रहे बिहार के 8000 छात्रों का रेस्क्यू किया जाएगा. बिहार और राजस्थान सरकार की सहमति से 3 से 6 मई तक कोटा से अलग-अलग कई ट्रेनें कोचिंग छात्रों को लेकर जाएगी. जिसका संदेश भी जिला प्रशासन ने एसएमएस के जरिए कोचिंग के छात्रों को भेज दिया है.

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Published : May 2, 2020, 5:48 PM IST

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छात्रों का होगा रेस्क्यू

कोटा. कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे बिहार के 8000 छात्रों के लिए भी खुशखबरी आ गई है. बिहार और राजस्थान सरकार की सहमति से अब ट्रेन से कोटा में पढ़ने वाले बच्चों का रेस्क्यू किया जाएगा. इसके तहत 3 से 6 मई तक कोटा से अलग-अलग कई ट्रेनें कोचिंग छात्रों को लेकर जाएगी. जिसका संदेश भी जिला प्रशासन ने एसएमएस के जरिए कोचिंग के छात्रों को भेज दिया है.

कोचिंग छात्रों का भी होगा रेस्क्यू

जानकारी के अनुसार बिहार और राजस्थान सरकार की उच्च स्तरीय वार्ता के बाद कोटा में फंसे हुए बच्चों का रेस्क्यू करने की सहमति बन गई है. कोटा से जिस तरह से पहले राज्य सरकारों ने बसों से अपने बच्चों को रेस्क्यू किया है. उसके बाद अब यह क्रम ट्रेन से शुरू हो गया है. वहीं झारखंड के बच्चों को लेकर दो ट्रेनें जा रही हैं.

पढ़ेंः पायलट ने अपने लाखों कार्यकर्ताओं को भेजा मोबाइल संदेश, 'कोरोना वॉरियर्स का ख्याल हमारी नैतिक जिम्मेदारी'

इसी तरह से अब बिहार के छात्र भी कोटा से ट्रेन के जरिए जा सकेंगे. अभी तक कोटा से करीब 26000 बच्चों को रेस्क्यू कर उनके गृह राज्यों में भेजा गया है. यह क्रम लगातार जारी है. वहीं इसमें 18 से ज्यादा राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के बच्चों को उनके गृह जिलों तक पहुंचा दिया गया है.

8 ट्रेनों से होगा बिहार के बच्चों का रेस्क्यू

बिहार के करीब 8000 बच्चे कोटा में फंसे हुए हैं. ऐसे में उनको निकालने के लिए 3 से 6 मई यानी 4 दिन तक विशेष ट्रेनें चलाने की स्वीकृति मिली है. इसके तहत अब रोज 2 ट्रेनें चलाई जाएगी. जिनमें बच्चों को बिहार भेजा जाएगा. माना जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए एक ट्रेन में करीब 1000 बच्चे जाएंगे, ऐसे में 8 ट्रेनें 4 दिनों में चलाई जाएगी.

कोटा में आंदोलनरत थे बिहार के छात्र-

बिहार के छात्र-छात्राएं कोटा से वापस अपने गृह जिले जाने की मांग को लेकर बीते 10 से ज्यादा दिनों से आंदोलनरत हैं. वह कभी अनशन करते है, तो कभी सड़क पर आकर आंदोलन भी करते हैं. इन छात्रों के बिहार सरकार से मांगते कि जिस तरह से कोटा से बच्चों का रेस्क्यू उनकी सरकारें कर रही है. वैसे ही बिहार के छात्रों का भी रेस्क्यू किया जाए, क्योंकि उन्हें यहां पर खाने-पीने की समस्या आ रही है. साथ ही उनकी पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है।

पढ़ेंः जयपुर में सख्ती से करवाई जा रही लॉकडाउन और धारा-144 की पालना, 144 वाहन जब्त, 31 गिरफ्तार

लैंडमार्क सिटी में अचानक से 27 अप्रैल की शाम को छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था. जिसमें सैकड़ों की संख्या में छात्र सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए, सड़क पर बैठ गए थे. इस मामले में कुन्हाड़ी थाने पुलिस ने कोचिंग संचालक हॉस्टल संचालक और छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.

कोटा. कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे बिहार के 8000 छात्रों के लिए भी खुशखबरी आ गई है. बिहार और राजस्थान सरकार की सहमति से अब ट्रेन से कोटा में पढ़ने वाले बच्चों का रेस्क्यू किया जाएगा. इसके तहत 3 से 6 मई तक कोटा से अलग-अलग कई ट्रेनें कोचिंग छात्रों को लेकर जाएगी. जिसका संदेश भी जिला प्रशासन ने एसएमएस के जरिए कोचिंग के छात्रों को भेज दिया है.

कोचिंग छात्रों का भी होगा रेस्क्यू

जानकारी के अनुसार बिहार और राजस्थान सरकार की उच्च स्तरीय वार्ता के बाद कोटा में फंसे हुए बच्चों का रेस्क्यू करने की सहमति बन गई है. कोटा से जिस तरह से पहले राज्य सरकारों ने बसों से अपने बच्चों को रेस्क्यू किया है. उसके बाद अब यह क्रम ट्रेन से शुरू हो गया है. वहीं झारखंड के बच्चों को लेकर दो ट्रेनें जा रही हैं.

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इसी तरह से अब बिहार के छात्र भी कोटा से ट्रेन के जरिए जा सकेंगे. अभी तक कोटा से करीब 26000 बच्चों को रेस्क्यू कर उनके गृह राज्यों में भेजा गया है. यह क्रम लगातार जारी है. वहीं इसमें 18 से ज्यादा राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के बच्चों को उनके गृह जिलों तक पहुंचा दिया गया है.

8 ट्रेनों से होगा बिहार के बच्चों का रेस्क्यू

बिहार के करीब 8000 बच्चे कोटा में फंसे हुए हैं. ऐसे में उनको निकालने के लिए 3 से 6 मई यानी 4 दिन तक विशेष ट्रेनें चलाने की स्वीकृति मिली है. इसके तहत अब रोज 2 ट्रेनें चलाई जाएगी. जिनमें बच्चों को बिहार भेजा जाएगा. माना जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए एक ट्रेन में करीब 1000 बच्चे जाएंगे, ऐसे में 8 ट्रेनें 4 दिनों में चलाई जाएगी.

कोटा में आंदोलनरत थे बिहार के छात्र-

बिहार के छात्र-छात्राएं कोटा से वापस अपने गृह जिले जाने की मांग को लेकर बीते 10 से ज्यादा दिनों से आंदोलनरत हैं. वह कभी अनशन करते है, तो कभी सड़क पर आकर आंदोलन भी करते हैं. इन छात्रों के बिहार सरकार से मांगते कि जिस तरह से कोटा से बच्चों का रेस्क्यू उनकी सरकारें कर रही है. वैसे ही बिहार के छात्रों का भी रेस्क्यू किया जाए, क्योंकि उन्हें यहां पर खाने-पीने की समस्या आ रही है. साथ ही उनकी पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है।

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लैंडमार्क सिटी में अचानक से 27 अप्रैल की शाम को छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था. जिसमें सैकड़ों की संख्या में छात्र सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए, सड़क पर बैठ गए थे. इस मामले में कुन्हाड़ी थाने पुलिस ने कोचिंग संचालक हॉस्टल संचालक और छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.

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