कोटा. आश्रम संस्था में पिछले 9 महीने से रह रहे एक 70 वर्षीय वृद्ध प्रभु लाल धोबी को आखिरकार उनके परिवार ने उन्हें अपना ही लिया. काउंसलिंग के दौरान बुजुर्ग के परिजनों की ओर से उन्हें साथ ले जाने की इच्छा जताई गई थी, जिस पर संस्था ने उन्हें उनके साथ भेज दिया.
आश्रम के सचिव मनोज जैन अदिनाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि 27 नवंबर को समाजसेवी देवेंद्र आचार्य की सूचना पर गुमानपुरा पुलिस द्वारा 70 वर्षीय प्रभु लाल धोबी में आश्रम में लाया गया. बता दें कि मानसिक विमंदित अवस्था में एरोड्रम चौराहे पर लावारिस अवस्था में बुजुर्ग मिले थे. इसके बाद उनको आश्रम में प्रवेश देकर उनकी देखभाल शुरू कर दी गई थी.
काउंसलिंग के दौरान उन्होंने खुद को कोटा का ही निवासी बताया. साथ ही बुजुर्ग ने यह भी बताया कि परिजनों ने लॉकडाउन से पूर्व साथ रखने में असमर्थता जताई, किंतु रविवार को उनके पुत्र महावीर के साथ अन्य रिश्तेदार आए और बुजुर्ग प्रभु लाल को साथ रखने की इच्छा जताई.
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इस दौरान जब वृद्ध से पूछा गया कि क्या वह अपने बेटे के साथ रहना चाहते हैं, तो उन्होंने भी पुत्र के पास रहने की सहमति जताई. इस तरह कोरोना काल में बीते 5 महीने में ये दूसरी बार पुनर्वास हुआ, इससे पूर्व उड़ीसा निवासी युवक रायधर का पिछले माह पुर्नवास हुआ था.
अदिनाथ के अनुसार कोरोना वायरस के चलते पिछले 5 महीने से प्रवेश प्रतिबंधित है. साथ ही परिवहन बंद होने के कारण शहर के बाहर दूरदराज के लोग अपने परिजनों को लेने भी कोटा नही पहुंच पा रहे हैं. आदिनाथ ने विश्वास जताया कि कोरोना काल समाप्त होते ही अन्य लावारिस विमंदित बुजुर्गों का प्रवेश फिर से प्रारम्भ हो जाएगा.