कोटा. ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर फरार हुए बदमाशों के मामले में कोटा पुलिस को बडी सफलता मिली है. पुलिस ने 2500 किलोमीटर पीछा कर सभी 6 बदमाशों को दबोच लिया है. पकड़े गए सभी बदमाश हार्डकोर बदमाश हैं. जिनमें दो बदमाशों को डबल मर्डर मामले में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है, लेकिन फांसी से पहले ही पैरोल से फरार होकर बदमाशों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की घटना को अंजाम दे दिया.
घटना होली की रात 9 मार्च की है. जब कोटा पुलिस के दो जवान देर रात सिगमा ड्यूटी में गश्त पर थे. एक सुनसान इलाके में एक कार में कुछ आदमी बैठे दिखाई दिए, जो किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे. दोनों पुलिसकर्मियों ओम कुंतल और द्वारका प्रसाद ने जब गाड़ी को चैक करना चाहा तो उसमें से पांच बदमाश नीचे उतरे जिनके हाथों में हथियार थे और उन्होंने अचानक दोनों पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर दी, लेकिन निशाना चूकने की वजह से उनकी जान बच गई.
इसी बीच बदमाशों ने पुलिस की सिगमा की चाबी भी निकाल ली. जिसके बाद बदमाश कार में सवार हो कर फरार हो गए. बदमाशों ने पुलिसकर्मियों पर लगभग 6-7 राउंड फायर किए. पुलिसकर्मियों ने फायरिंग करने वाले दोनों बदमाशों को पहचान लिया था. अचानक हुए इस घटनाक्रम से आहत पुलिसकर्मियों ने हौसला दिखाते हुए तुरंत कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी. पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की सूचना से पूरे पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया.
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बदमाशों की तलाश में विभिन्न इलाकों में टीमें रवाना की गई. अभय कमांड सेंटर के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया. कैमरों की रिकॉर्डिंग और मुखबिर के जरिए पुलिस को बदमाशों के खिलाफ कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे. जिस पर पुलिस ने बदमाशों का लगभग 2500 किलोमीटर तक पीछा किया और मध्यप्रदेश से सभी 6 बदमाशों को देर रात में दबोच लिया गया.
पकड़े गए बदमाशो में टीपू सुल्तान उर्फ आबिद, कपिल मकसूद, जाहिद, राजेन्द्र मोहसिन को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस को इन बदमाशों के पास से 3 पिस्टल, एक कट्टा, 3 जिंदा कारतूस, वारदात में प्रयुक्त कार और 7 मोबाइल फोन मिले हैं.
पहले से दर्ज है दर्जनों मुकदमे
पकड़े गए बदमाशों में सभी हार्डकोर बदमाश हैं. सभी पर मिलाकर प्रदेश के कई थानों में लूट, मारपीट, हत्या, बलात्कार जैसे संगीन मामलों में 60 मुकदमे दर्ज हैं. जबकि टीपू सुल्तान और कपिल को पूर्व में डबल मर्डर केस में फांसी की सजा सुनाई गई थी. सजा के बीच जेल से मिली पैरोल से ये दोनों फरार चल रहे थे. एक और वारदात को अंजाम देने के लिए उन्होंने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर एक गैंग बनाई थी.
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पहचान नहीं हो, इसलिए मुंडवा लिया था. मामले का खुलासा करते हुए एसपी गौरव यादव ने बताया कि सभी बदमाश बेहद शातिर हैं. फायरिंग के बाद से ये लगातार अपनी लोकेशन बदलते रहे. साथ ही अपनी पहचान छुपाने के लिए उन्होंने अपना सिर भी मुंडवा लिया था, ताकि कोई इन्हें नहीं पहचान सके, लेकिन तकनीकी अनुसंधान के आधार पर पुलिस ने 5 दिनों में 2500 किलोमीटर का सफर तय किया और सभी बदमाशों को पकड़ने में सफलता हासिल की.