कोटा. जिले में शुक्रवार को जिला प्रशासन ने पांच पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रदान की है. पुराने कानून के तहत मिली इस नागरिकता के बाद इन सभी के चेहरे खिल उठे. जिला कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा ने नागरिकता का प्रमाण पत्र भी इन सभी को सौंपा है. साथ ही कलेक्टर ने इन लोगों को फूल मालाएं पहना कर मुंह मीठा कराया और स्वागत भी किया.
इन पाक विस्थापितों में 2 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं. कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा ने कहा कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत के यह लोग हैं. इनको पुराने कानून के तहत ही नागरिकता दी गई है. मेरी जानकारी में कोई पेंडिंग केस नागरिकता का कोटा में नहीं है. राज्य सरकार के जैसे निर्देश होंगे, उनकी पालना के अनुसार नागरिकता दी जाएगी.
बता दें कि 30 दिसंबर को कोटा जिला प्रशासन ने 8 पाकिस्तान विस्थापित लोगों को भारतीय नागरिकता सौंपी थी. ऐसे में 12 दिनों के अंदर 13 लोगों को भारतीय नागरिकता भारत के पुराने नागरिकता कानून के तहत सौंपी है.
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19 सालों से रह रहे थे भारत में
नागरिकता प्राप्त करने वाले पांचों लोग कोटा शहर में साल 2000 और 2001 से रह रहे है. यह लोग भारत आने से पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहते थे. पाकिस्तान से भारतीय नागरिकता मिलने वालों में सोनम आयु 27 वर्ष, मुस्कान आयु 20 वर्ष, रेखा भोजवानी आयु 44 वर्ष, संदीप कुमार आयु 31 वर्ष और सुदामल आयु 46 वर्ष शामिल है.
चेहरे पर दिखी नागरिकता मिलने की खुशी
नागरिकता मिलने के बाद सभी पांच लोगों ने भारतीय नागरिकता मिलने पर खुशी जाहिर की. साथ ही पाकिस्तान से भारत में आकर रहने और अब भारतीय नागरिक बनने पर अपने अनुभव शेयर किए. भारतीय नागरिकता मिलने पर वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे भी कलेक्ट्रेट के अंदर इन लोगों ने लगाए. वहीं, भारतीय नागरिकता मिलने की खुशी पांच महिला और पुरूषों के चेहरों पर साफ झलक रही थी.
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वहां पर आजादी नहीं बंदिशें हैं
नागरिकता प्राप्त करने वाली महिलाओं ने कहा कि हम भारतीय नागरिक कहलाए जाएंगे, हम बहुत खुश हैं. हम 20 सालों से कोटा में रह रहे हैं. पाकिस्तान के माहौल के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत में आजादी है. वहां पर आजादी नहीं है, पाकिस्तान में फ्रैंकनेस नहीं है, काफी बंदिशे है. नागरिकता प्राप्त करने वाली महिलाओं ने कहा कि हमारे पेरेंट्स यहां पर रहते थे, इसलिए हम भी यहां पर आ गए.
नागरिकता प्राप्त करने वाले युवक संदीप ने कहा कि मैं तो काफी छोटा था, एक डेढ़ साल का तभी भारत आ गया था और मुझे नागरिकता मिलने की काफी खुशी है. लंबे समय से मैं इसके लिए इंतजार कर रहा था अब हम भी सब से कह पाएंगे कि हम भारतीय हैं और हक भी जता पाएंगे.