कोटा. शहर के रंगबाड़ी स्थित आनासागर टीटी B.Ed कॉलेज प्रशासन पर दितीय वर्ष की छात्राओं ने 43 छात्राओं को फेल करने का आरोप लगाया है. मामले को लेकर आनासागर टीटी B.Ed कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर छात्राओं ने कोटा यूनिवर्सिटी प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन के निदेशक जितेंद्र चतुर्वेदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की कॉलेज प्रशासन छात्राओं के प्रति ब्लैकमेल की कार्रवाई कर रहा है. छात्राओं ने बताया कि पूर्व में छात्राओं ने इंटर्नशिप समय पर करवाए जाने की मांग उठाई थी और यूनिवर्सिटी प्रशासन को कॉलेज प्रशासन की शिकायत की थी. जिसका परिणाम कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को जानबूझकर इंटरनल मार्क्स ना देकर फेल कर दिया गया.
छात्राओं ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना कि विषम परिस्थितियों में राज्य सरकार की गाइडलाइन की पालना करते हुए महाविद्यालय में नियमित उपस्थिति दी. छात्रा निधि शर्मा ने बताया कि वह हमेशा कॉलेज में टॉपर रही है. लेकिन, इस बार कॉलेज प्रशासन ने द्वेषता पूर्ण रवैया अपनाकर फेल कर दिया. विश्वविद्यालय ने 25 जनवरी को बीएड द्वितीय वर्ष का परिणाम जारी किया था, जिसे देखकर छात्राएं हतप्रभ रह गई. छात्राओं के मुताबिक, सैद्धांतिक परीक्षा में अच्छे अंक को प्राप्त करने के बावजूद आंतरिक प्रायोगिक परीक्षाओं में उन्हें फेल कर दिया गया.
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छात्रों में ज्यादातर छात्राएं, फर्स्ट ईयर परीक्षा में प्रथम श्रेणी से अंक प्राप्त कर पास हुई है, बाकी छात्राएं भी अच्छे अंक प्राप्त कर पास हुई है. विश्वविद्यालय महाविद्यालय के इतिहास में संभवत यह पहला मामला है जब लगभग एक ही महाविद्यालय की 43 से ज्यादा छात्रों को आंतरिक प्रायोगिक परीक्षा में फेल कर दिया गया. महाविद्यालय प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार मिलीभगत पूर्ण षडयंत्र को दर्शाता है.
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छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाया कि आंतरिक परीक्षा प्रायोगिक परीक्षा में फेल किए जाने के लिए डोनेशन की मांग की गई थी. डोनेशन नहीं देने पर अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने पर छात्राओं को परीक्षा के मुख्य परिणाम में फेल कर दिया गया. अब उन सभी छात्राएं अपने परिणाम को दुरुस्त कराने की मांग और बीएड कॉलेज प्रशासन के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन से गुहार लगा रही है और कोटा विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्राओं ने मांग को लेकर ज्ञापन दिया है.