कोटा. पूरे विश्व में चल रहा कोरोना वायरस का खौफ कोटा सेंट्रल जेल तक पहुंच गया है. कोटा सेंट्रल जेल प्रशासन को भी अब कैदियों के स्वास्थ्य सुरक्षा का भय सताने लगा है. जेल प्रशासन ने इसके रोकथाम की दृष्टि से एहतियातन तैयारियां शुरू करते हुए महिला और पुरुष कैदियों को कोटा सेंट्रल जेल से बाहर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. ताकि कोटा सेंट्रल जेल में पुरुष कैदियों के लिए पर्याप्त जगह बनाई जा सके.
कोटा जेल से 263 बंदियों को बूंदी, झालावाड़, अजमेर और सांगोद की जेलों में शिफ्ट किया जाएगा. कोटा सेंट्रल जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि कोटा की सेंट्रल जेल में इस वक्त कैदियों की संख्या क्षमता से कहीं अधिक है, जिसके चलते सामान्यता भी संक्रमण का खतरा बना रहता है. कई बैरकों में कैदी ठूस-ठूस कर भरे हुए है, जिन्हें अब कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को देखते हुए अन्य जेलों में शिफ्ट किया जा रहा है.
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वहीं कोटा महिला सेंट्रल जेल में इस वख्त 38 महिला कैदी बन्द हैं. जिन्हें अब अजमेर जेल में शिफ्ट किया जा रहा है. इसके अलावा कोटा जेल से 100 बंदियों को झालावाड़ जेल और 50 बंदियों को सांगोद उपकारागृह में भेजा जाएगा. इसके अलावा 75 बंदियों को बूंदी जिला कारागृह में भी भेजने की योजना है. वही बारां जेल से भी 30 बंदियों को बूंदी जेल में भेजा जा रहा है. जिसके निर्देश जेल डीजी से कोटा जेल अधीक्षक को मिल चुके हैं.
जेल प्रशासन ने इसके लिए पुलिस अधीक्षक से इसके लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की है. महिला कैदियों को शिफ्ट करने के बाद इस जेल में पुरुष कैदियों को शिफ्ट किया जाएगा. ताकि कैदियों में संक्रमण का खतरा कम हो सके. इतना ही नहीं जेल में इस वख्त कैदियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है. आने वाले नए कैदियों के लिये अलग से क्वॉरेंटाइम एरिया बनाया गया है. जहां नए कैदियों को 28 दिन रखा जाता है.