कोटा. शहर में विजयादशमी के पर्व के मौके पर रावण परिवार का दहन किया गया. वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते 127वें दशहरा मेले का आयोजन नहीं हुआ है. नगर निगम प्रशासन ने राज्य सरकार की कोरोनावायरस की पालना करते हुए इस बार बिना लोगों की मौजूदगी के बीच रावण परिवार का दहन किया है. अहंकारी रावण का दहन सोशल डिस्टेंस की पूरी पालना के साथ किया गया.
पूर्व राजपरिवार के इज्यराज सिंह ने रावण के पुतले के पास रखे अमृत कलश में परंपरा का निर्वहन करते हुए तीर मारा और इसके बाद धू-धू कर रावण परिवार के पुतले जलने लगे. इस मौके पर नगर निगम कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण के आयुक्त वासुदेव मलावत और कीर्ति राठौड़ मौके पर मौजूद रही. साथ ही पुलिस प्रशासन की ओर से उच्च अधिकारी इस दौरान मौजूद रहे.
पूर्व राजपरिवार के सदस्य इज्यराज सिंह का कहना है कि दशहरा के इतिहास में पहली बार ऐसा मौका है कि कोरोना काल में रावण दहन की परंपरा तो निभाई गई लेकिन लोगों की भीड़ मौजूद नहीं रही. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंस की पालना करते हुए एक परंपरा को आगे बढ़ाते हुए रावण का दहन किया गया. इज्यराज सिंह ने कोटा शहर वासियों के साथ पूरे प्रदेश के लोगों को दशहरा पर्व की शुभकामनाएं दी है और लोगों के स्वास्थ्य लाभ की कामना भी की है
वहीं कोटा उत्तर नगर निगम के आयुक्त वासुदेव माला ने कहा कि दशहरा पर्व की परंपरा को नगर निगम ने बखूबी निभाया है. लेकिन कोरोना वायरस के दौरान लोगों ने पूरा अनुशासन का परिचय देते हुए अपने घरों पर बैठकर लाइव प्रसारण इस कार्यक्रम का देखा है.