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महिला एवं बाल विकास मंत्री ने निर्भया पर फैसले को सराहा, शिशुओं की मौत के सवाल पर मुंह फेरा - infants death in rajasthan

बीते कई दिनों से शिशुओं की मौत पर प्रदेश में सियासत चरम पर है. इस मुद्दे को लेकर सरकार के दो मंत्रियों के बीच जहां बयानबाजी चल रही है. वहीं विपक्ष भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई कमी नहीं रख रहा. बच्चों से जुड़ा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय संभाल रही मंत्री भूपेश बघेल से जब शिशुओं की मौत पर सवाल किया गया तो वे बिना कुछ बोले ही चली गईं.

निर्भया पर फैसला, Mamta Bhupesh
Women and Child Development Minister Mamata Bhupesh
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Published : Jan 8, 2020, 7:49 PM IST

जोधपुर. राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश बुधवार को जोधपुर के दौरे पर रहीं. यहां चल रहे पश्चिमी राजस्थान हस्तशिल्प उद्योग मेले में महिला एवं बाल विकास पर आयोजित संगोष्ठी में भाग लेने पहुंची ममता भूपेश ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्भया कांड के गुनहगारों को फांसी दिए जाने के फैसले की सराहना की.

बच्चों की मौत के सवाल पर महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने मुह फेरा

ममता भूपेश ने कहा कि यह बहुत जरूरी था और हमें हमारे समाज में एक ऐसा वातावरण तैयार करना होगा जिससे कि हम हमारी बेटियों की रक्षा कर सकें. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में सुनवाई लंबित होने जैसी स्थिति में फास्ट ट्रैक से ही नियमित सुनवाई हो. इसके लिए राजस्थान सरकार प्रयासरत है लेकिन जब उनसे पूछा गया कि प्रदेश में बच्चों की मौत के बारे में सवाल तो वह मुंह फेर कर चलती बनी जबकि महिला एवं बाल विकास मंत्री के दायरे में बच्चों का विकास भी आता है.

पढ़ेंः दारा एनकाउंटर प्रकरण: पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ सहित 23 के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश

बच्चों से जुड़े महकमे की मंत्री होने के बावजूद ममता भूपेश ने इस मामले से दूरी बना ली. क्योंकि सरकार में अभी यह मामला चरम पर है ऐसे में उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के बीच इस मामले को लेकर चल रही बयानबाजी के कारण महिला एवं बाल विकास मंत्री ने दूरी बनाने में ही अपनी भलाई समझी और बिना जवाब दिए मुड़ गईं.

पढ़ेंः JNU विवाद पर दीपिका के समर्थन में आए पायलट, कहा- मैं फिल्में नहीं देखता लेकिन उनकी 'छपाक' जरूर देखूंगा

तेज सर्दी में भी आंगनबाड़ी के बच्चों को पोषाहार के लिए आंगनबाड़ी केंद्र पर आना क्यों जरूरी है. इस सवाल पर ममता भूपेश ने कहा कि आंगनबाड़ी सुप्रीम कोर्ट के बनाए गए निर्देशों पर संचालित हो रही है इसमें हम स्कूलों की तरह शीतकालीन अवकाश नहीं कर सकते लेकिन हमने सर्दियों के चलते समय में बदलाव जरूर किया है.

जोधपुर. राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश बुधवार को जोधपुर के दौरे पर रहीं. यहां चल रहे पश्चिमी राजस्थान हस्तशिल्प उद्योग मेले में महिला एवं बाल विकास पर आयोजित संगोष्ठी में भाग लेने पहुंची ममता भूपेश ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्भया कांड के गुनहगारों को फांसी दिए जाने के फैसले की सराहना की.

बच्चों की मौत के सवाल पर महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने मुह फेरा

ममता भूपेश ने कहा कि यह बहुत जरूरी था और हमें हमारे समाज में एक ऐसा वातावरण तैयार करना होगा जिससे कि हम हमारी बेटियों की रक्षा कर सकें. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में सुनवाई लंबित होने जैसी स्थिति में फास्ट ट्रैक से ही नियमित सुनवाई हो. इसके लिए राजस्थान सरकार प्रयासरत है लेकिन जब उनसे पूछा गया कि प्रदेश में बच्चों की मौत के बारे में सवाल तो वह मुंह फेर कर चलती बनी जबकि महिला एवं बाल विकास मंत्री के दायरे में बच्चों का विकास भी आता है.

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बच्चों से जुड़े महकमे की मंत्री होने के बावजूद ममता भूपेश ने इस मामले से दूरी बना ली. क्योंकि सरकार में अभी यह मामला चरम पर है ऐसे में उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के बीच इस मामले को लेकर चल रही बयानबाजी के कारण महिला एवं बाल विकास मंत्री ने दूरी बनाने में ही अपनी भलाई समझी और बिना जवाब दिए मुड़ गईं.

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तेज सर्दी में भी आंगनबाड़ी के बच्चों को पोषाहार के लिए आंगनबाड़ी केंद्र पर आना क्यों जरूरी है. इस सवाल पर ममता भूपेश ने कहा कि आंगनबाड़ी सुप्रीम कोर्ट के बनाए गए निर्देशों पर संचालित हो रही है इसमें हम स्कूलों की तरह शीतकालीन अवकाश नहीं कर सकते लेकिन हमने सर्दियों के चलते समय में बदलाव जरूर किया है.

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Body:जोधपुर ।राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश बुधवार को जोधपुर के दौरे पर रही भी यहां जोधपुर में चल रहे पश्चिमी राजस्थान हस्तशिल्प उद्योग मेले में महिला एवं बाल विकास पर आयोजित संगोष्ठी में भाग लेने पहुंची ममता भूपेश ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्भया कांड के गुनहगारों को फांसी दिए जाने के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह बहुत जरूरी था और हमें हमारे समाज में एक ऐसा वातावरण तैयार करना होगा जिससे कि हम हमारी बेटियों की रक्षा कर सकें साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में सुनवाई लंबित होने जैसी स्थिति में फास्ट ट्रैक से ही नियमित सुनवाई हो इसके लिए राजस्थान सरकार प्रयासरत है लेकिन जब उनसे पूछा गया कि प्रदेश में बच्चों की मौत के बारे में सवाल तो वह मुंह फेर कर चलती बनी जबकि महिला एवं बाल विकास मंत्री के दायरे में बच्चों का विकास भी आता है । बच्चों से जुड़े महकमे की मंत्री होने के बावजूद ममता भूपेश ने इस मामले से दूरी बना ली। क्योंकि सरकार में अभी यह मामला चरम पर है ऐसे में उपमुख्यमंत्री और
स्वास्थमंत्री के बीच इस मामले की चल रही बयानबाजी के चलते महिला एवं बाल विकास मंत्री ने दूरी बनाने में ही अपनी भलाई समझी और बिना जवाब दिए मुड़ गई। तेज सर्दी में भी आंगनवाड़ी के बच्चों को पोषाहार के लिए आंगनवाड़ी केंद्र पर आना क्यों जरूरी है इस सवाल पर ममता भूपेश ने कहा कि आंगनवाड़ी सुप्रीम कोर्ट के बनाए गए निर्देशों पर संचालित हो रही है इसमें हम स्कूलों की तरह शीतकालीन अवकाश नहीं कर सकते लेकिन हमने सर्दियों के चलते समय में बदलाव जरूर किया है।

बाईट ममता भूपेश, महिला एवं बाल विकास मंत्री



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