जोधपुर. पश्चिमी राजस्थान के जिलों में इंदिरा गांधी नहर के रखरखाव के लिए 15 मार्च से 60 दिवसीय क्लोजर यानी नहर बंदी होगी. इसके चलते 60 दिनों तक मुख्य नहर से पानी की आवक नहीं होगी. इसी को देखते जिले में होने वाली नहरी पानी की जलापूर्ति को लेकर प्रशासन और जलदाय विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है. नहर बंदी के दौरान पहले 30 दिन तक 2000 क्यूसेक पानी उपलब्ध होगा, जो अलग-अलग चरणों मे मिलेगा.
31 से 60 दिन पानी जलापूर्ति बिलकुल बंद (Water Shortage In Jodhpur) रहेगी. इसके चलते कायालना, सुरपुरा और तख्तसागर में अभी से ही पानी का स्टोरेज करना शुरू कर दिया है. इसके लिए 7 से दस दिन के अंतराल में अलग अलग क्षेत्रों में जलापूर्ति में कटौती की जा रही है. जिससे गर्मी के दिनों में परेशानी नहीं झेलनी पड़े. जोधपुर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रिजर्ववायर में जल संग्रहण का काम किया जा रहा है. जिससे पेयजल की उपलब्धता बनी रही. जिसका उपयोग नहर बंदी के समय किया जा सकेगा.
स्टोरेज के बाद पौंडिंग से मिलेगा पानी : जल संसाधन विभाग के अधिशाषी अभियंता के अनुसार वर्तमान में हमारे पास हमारे रिजर्व वायर में 15 दिन का स्टोरेज हो चुका है. क्लोजर के अंतिम 30 दिन में 30 दिन पानी की आपूर्ति के लिए मुख्य नहर की बुर्जी संख्या 415 से 1121.5 के मध्य पौडिंग कर पानी स्टोरेज किया जाएगा. उन्होंने बताया कि नहर बंदी के अंतिम 10 दिवस और उसके पश्चात् 5 दिवस तक कुल 15 दिन के समय में राजीव गांधी लिफ्ट नहर को पानी मिलना बंद हो जाएगा. जोधपुर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रिजर्ववायर में जल संग्रहण का काम किया जा रहा है. जिससे पेयजल की उपलब्धता बनी रही। जिसका उपयोग नहर बंदी के समय किया जा सकेगा.
1430 गांवों के डिग्गियों में स्टोरेज : वर्तमान में जोधपुर शहर स्थित कायलाना, तख्त सागर और सूरपुरा मे 332 एम.सी. एफटी, 597 एमएल जल संग्रहित किया जा चुका है. जोधपुर के 1430 गांवो के अन्य कस्बों के लिए विभिन्न जगहों पर बनी 12 डिग्गीयों को भी नहर बंदी से पूर्व भरना चालू कर दिया है. इनमें भी 15 दिनों के लिए पानी संग्रहित किया जा रहा, जिसमें से 4 डिग्गियों में स्टोरेज हो गया है, जबकि बाकी में जारी है.