जोधपुर. पानी की किल्लत के साथ बर्बादी भी, कुछ ऐसा ही हाल है जोधपुर का. बनाड, कुडी में तो हर दिन लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. सोमवार को भी उतेसर गांव में महिलाओं ने टंकी पर चढ़कर सांकेतिक प्रदर्शन किया. वहीं, दूसरी ओर शहर के हृदय स्थल सोजती गेट में एक पाइपलाइन टूट जाने से लाखों लीटर पीने योग्य पानी (wastage of water in jodhpur) नालियों में बह गया. आलम यह था कि सोमवार को यहां तालाब का नजारा बन गया. लोगों के बारबार बुलाने पर भी कोई जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचे.
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां रात को जेसीबी वाले ने खुदाई के दौरान पाइपलाइन फोड़ दी थी. जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. रात को धीरे-धीरे पानी आ रहा था. सुबह तेज सप्लाई हुई तो पानी फैल गया. दोपहर बारह बजे तक यहां पानी का तालाब बन गया, तब कहीं जाकर जिम्मेदार मौके पर पहुंचे. गौरतलब है कि जोधपुर में इंदिरागांधी नहर से पानी आता है, जिसमें इन दिनेां क्लोजर चल रहा है. जिसके चलते बहुत आपूर्ति हो रही है. जिसके चलते शहर में भी व्यवस्था लड़खड़ा रही है.
गांवों में हाल खराब, शहर में तीन दिन से पानी : गांवों में पानी की कमी से हालात खराब हो रखे हैं. निकटवर्ती उतेसर गांव में सपताह में एक बार सरकारी पानी का एक टेंकर आता हैं. आठ सौ घरों की बस्ती में लोग खासे परेशान हैं. सोमवार को महिलाएं यहां पंप हाउस पर चढ़ कुछ ने टंकी पर चढ़ने का प्रयास किया. ग्रामीणो का कहना है कि पानी की किल्लत से परेशान है. एक निजी टैंकर के आठ सौ रुपए वसूले जा रहे हैं.
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पशुओं के दिया नि:शुल्क पानी : बनाड़ क्षेत्र में पानी की बेजा किल्लत है. खास तौर से गौशालाओं में भी पानी की कमी बनी हुई है. यहां की पाबूजी गौशाला के संत चैनदास के आह्वान पर समाज सेवी राजेंद्र छबरवाल के प्रयास से टेंकर यूनियन ने गौशाला में 21 टैंकर पानी डलवाया गया. छबरवाल ने बताया कि इंसान तो पानी की व्यवस्था कर लेता है. लेकिन इन दिनों पशुओं के लिए बहुत ज्यादा परेशानी है. जबकि सरकारी व्यवस्था पूरी तरह से असफल हो गई है.