जोधपुर. साल 1971 में हुए युद्ध के 50 साल पूरे होने और सेना दिवस के मौके पर जोधपुर सेना के कोणार्क कोर स्टेशन पर 'विजय रण' मैराथन का आयोजन किया गया. इस मैराथन में सेना के जवान, अफसर, उनके परिवार के सदस्य और सिविलियन ने भाग लिया.
बता दें कि 5, 10 और 21 किलोमीटर की इस बोर्ड में सेना के जवान पैरामिलिट्री फोर्स जवानों ने भी भाग लिया. मैराथन में कुल 450 प्रतिभागी शामिल हुए. विजेताओं को लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने सम्मानित किया. कार्यक्रम में कोविड प्रोटोकॉल का भी पालन किया गया.
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विजय रण मैराथन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने बताया कि सेना के परिवार से जुड़े होने से उनको इस बात का गर्व है कि सेना के जवानों ने साल 1971 के युद्ध में देश के लिए आने प्राणों का बलिदान दिया था. आज हम उस युद्ध के 50 साल पूरे होने पर उनको एक तरह से श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इस मैराथन में छोटे बच्चे महिलाएं भी शामिल हुए, जिन्होंने अपने-अपने वर्ग में दौड़ पूरी की.
क्यों मनाया जाता है 'आर्मी डे'
15 जनवरी को आर्मी डे मनाने के पीछे दो बड़े कारण हैं. पहला ये कि 15 जनवरी 1949 के दिन से ही भारतीय सेना पूरी तरह ब्रिटिश थल सेना से मुक्त हुई थी. दूसरी बात इसी दिन जनरल केएम करियप्पा को भारतीय थल सेना का कमांडर इन चीफ बनाया गया था. इस तरह लेफ्टिनेंट करियप्पा लोकतांत्रिक भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे. केएम करियप्पा ‘किप्पर’ नाम से काफी मशहूर रहे.