जोधपुर. जिले में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं. मंगलवार को 480 नए कोरोना पॉजिटिव सामने आए और 5 मरीजों की कोरोना से मौत हो गई. जिसके बाद कुल पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 22043 पहुंच गया है और अब तक 315 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है. प्रशासन की लगातार प्रयासों के बाद भी कोरोना का संक्रमण नहीं रुक रहा है. रोजाना मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. जिले के अस्पताल मरीजों से फुल हैं. ऐसे में नए मरीजों को भर्ती करने की समस्या भी चिकित्सा विभाग और अस्पतालों के सामने खड़ी हो गई है.
पढ़ें: राजस्थान में कोरोना के टूटे सारे रिकॉर्ड, 1912 मामले आए सामने...कुल आंकड़ा 1,18,793
कोरोना केसों में लगातार बढ़ोतरी के बाद शहर के चारों निजी अस्पतालों में बेड फुल हो गए हैं. एम्स में पहले से ही मरीजों का दाखिला नहीं हो रहा है. जिसके बाद पूरा भार महात्मा गांधी और मथुरा दास माथुर अस्पताल पर आ गया. ऐसे में अब जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह की पहल पर रेलवे ने अपना अस्पताल भी कोविड मरीजों के उपचार के लिए खोलने का निर्णय लिया है. मंगलवार को कलेक्टर ने रेलवे अस्पताल का दौरा किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
कलेक्टर ने बताया कि कुल 55 बेड यहां कोरोना के माइल्ड और मोडरेट मरीजों के उपचार के लिए काम में आएंगे. इसकी तैयारियां आगे की परिस्थितियों को देखते हुए शुरू कर दी गई हैं. कलेक्टर ने ईएसआई प्रतापनगर, बोरानाडा कोविड केयर सेन्टर का दौरा किया और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए. मंडल रेलवे अस्पताल का निरीक्षण और वहां उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लेने के पश्चात डीआरएम आशुतोष पंत को अस्पताल में कोविड रोगियों के उपचार के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आग्रह किया. जिसे डीआरएम ने तुरंत प्रभाव से स्वीकार करते हुए कहा कि मंडल रेलवे अस्पताल कोविड रोगियों के उपचार में किसी तरह की कमी नहीं रखेंगे. उन्होंने कहा कि संकट के इस दौर में रेलवे अस्पताल की पूरी टीम राज्य सरकार के साथ है.