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SPECIAL : यहां नहीं कोई भेदभाव, हिंदू सेवा मंडल संस्था के श्मशान घाट पर हर जाति के व्यक्ति का होता है अंतिम संस्कार

हिंदू सेवा मंडल एक ऐसी संस्था है जिसके श्मशान में किसी को भी अंतिम संस्कार करने की मनाही नहीं है. पिछले साल जातिगत श्मशान में काम करने वाले लोगों ने कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था. जिसके बाद उनके अंतिम संस्कार हिंदू सेवा मंडल ने किए थे.

कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार, Corona patient funeral
हिंदू सेवा मंडल संस्था
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Published : Apr 19, 2021, 2:25 PM IST

जोधपुर. शहर में हर दिन कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है, लेकिन यहां के श्मशानों में इंदौर, अहमदाबाद और पटना जैसे दृश्य नजर नही आते है. क्योंकि यहां कोविड के लिये कोई सरकारी शमशान नहीं है. यहां रियासत काल से ही जातिगत शमशान की व्यवस्था रही है. जिसके चलते प्रत्येक जाति के अपने-अपने श्मशान हैं. जहां लोगों के अंतिम संस्कार होते हैं. हालांकि हिंदू सेवा मंडल एक ऐसी संस्था है जिसके श्मशान में किसी को भी अंतिम संस्कार करने की मनाही नहीं है.

हिंदू सेवा मंडल संस्था के श्मशान घाट पर हर जाति के व्यक्ति का होता है अंतिम संस्कार

पढ़ेंः SPECIAL : लापरवाह लोग...भले ही लॉकडाउन लगे या जान जाए...हम नहीं सुधरेंगे

पिछले साल जातिगत श्मशान में काम करने वाले लोगों ने कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था. जिसके बाद उनके अंतिम संस्कार हिंदू सेवा मंडल ने किए थे. कोरोना की वजह से मृतकों की बढ़ती संख्या ने प्रशासन को भी हिला दिया है. प्रशासन की सलाह पर हिंदू सेवा मंडल ने अपने श्मशान में चिताओं की लकड़ी का स्टॉक कर लिया है. इसके अलावा नए प्लेटफार्म बनाने की भी कवायद शुरू कर दी है.

कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार, Corona patient funeral
पहले से ही किया जा रहा लकड़ियों का इंतजाम

पढ़ेंः SPECIAL : विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ कोरोना दौर में लड़ रहा SMS...सरकारी अस्पताल में ये हैं सुविधाएं

जिला प्रशासन का प्रयास है कि कोविड-19 शव का अंतिम संस्कार सभी जगह न होकर एक या दो जगह हो. ऐसे में ओसवाल समाज के विद्युत शवदाह गृह का उपयोग भी किया जा रहा है, लेकिन एक ही विद्युत शवदाह गृह होने से यहां पर भी दबाव बना हुआ है. इसके उलट करीब 15 साल पहले जोधपुर नगर निगम ने हिंदू सेवा मंडल के श्मशान में ही विद्युत शवदाह गृह लगाया लेकिन वह निगम की ओर से रखरखाव नहीं होने से वह पूरी तरह से खत्म हो गया है. यही कारण है कि अब लकड़ियों का सहारा लेना पड़ेगा.

कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार, Corona patient funeral
कोरोना संक्रमित मरीज का भी होता है अंतिम संस्कार

बचते है कोविड बॉडी के अंतीम संस्कार सेः

हिन्दू सेवा मंडल के सचिव विष्णु प्रजापत बताते है कि कई शमशान के कार्मिक कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने से बचते हैं. उनका अंतिम संस्कार हम करते है. कोरोना काल मे अब तक 150 शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. आने वाले विकट समय को ध्यान में रखते हुए तैयारियां भी जारी है.

कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार, Corona patient funeral  कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार, Corona patient funeral
हिंदू सेवा मंडल संस्था

पढ़ेंः SPECIAL : हॉट स्पॉट भरतपुर में स्टाफ की कमी...कोरोना जांच रिपोर्ट के लिए मरीज कर रहे इंतजार, 3000 सैंपल जांच पेंडिंग

सिर्फ प्रसाशन की अनुमति से संस्कारः

ओसवाल समाज के विद्युत शवदाह गृह में कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार सिर्फ प्रशासन के निर्देश पर ही किया जाता है. इसके अलावा ओसवाल समाज अपने समाज के किसी भी परिवार में होने वाली मृत्यु का यहां अंतिम संस्कार करता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति सीधे ही कोरोना शव लेकर यहां आता है तो उसे मना कर दिया जाता है. प्रसाशनिक अनुमति से ही दूसरी जाति के शव का अंतिम संस्कार किया जाता है. अब जिला प्रशासन ने इस विद्युत संविदा ग्रह की व्यवस्थाएं बनाने के लिए गैस की आपूर्ति को लेकर भी दिशा निर्देश जारी किए हैं.

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विकट हालातों की पहले से ही तैयारी

जोधपुर. शहर में हर दिन कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है, लेकिन यहां के श्मशानों में इंदौर, अहमदाबाद और पटना जैसे दृश्य नजर नही आते है. क्योंकि यहां कोविड के लिये कोई सरकारी शमशान नहीं है. यहां रियासत काल से ही जातिगत शमशान की व्यवस्था रही है. जिसके चलते प्रत्येक जाति के अपने-अपने श्मशान हैं. जहां लोगों के अंतिम संस्कार होते हैं. हालांकि हिंदू सेवा मंडल एक ऐसी संस्था है जिसके श्मशान में किसी को भी अंतिम संस्कार करने की मनाही नहीं है.

हिंदू सेवा मंडल संस्था के श्मशान घाट पर हर जाति के व्यक्ति का होता है अंतिम संस्कार

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पिछले साल जातिगत श्मशान में काम करने वाले लोगों ने कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था. जिसके बाद उनके अंतिम संस्कार हिंदू सेवा मंडल ने किए थे. कोरोना की वजह से मृतकों की बढ़ती संख्या ने प्रशासन को भी हिला दिया है. प्रशासन की सलाह पर हिंदू सेवा मंडल ने अपने श्मशान में चिताओं की लकड़ी का स्टॉक कर लिया है. इसके अलावा नए प्लेटफार्म बनाने की भी कवायद शुरू कर दी है.

कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार, Corona patient funeral
पहले से ही किया जा रहा लकड़ियों का इंतजाम

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जिला प्रशासन का प्रयास है कि कोविड-19 शव का अंतिम संस्कार सभी जगह न होकर एक या दो जगह हो. ऐसे में ओसवाल समाज के विद्युत शवदाह गृह का उपयोग भी किया जा रहा है, लेकिन एक ही विद्युत शवदाह गृह होने से यहां पर भी दबाव बना हुआ है. इसके उलट करीब 15 साल पहले जोधपुर नगर निगम ने हिंदू सेवा मंडल के श्मशान में ही विद्युत शवदाह गृह लगाया लेकिन वह निगम की ओर से रखरखाव नहीं होने से वह पूरी तरह से खत्म हो गया है. यही कारण है कि अब लकड़ियों का सहारा लेना पड़ेगा.

कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार, Corona patient funeral
कोरोना संक्रमित मरीज का भी होता है अंतिम संस्कार

बचते है कोविड बॉडी के अंतीम संस्कार सेः

हिन्दू सेवा मंडल के सचिव विष्णु प्रजापत बताते है कि कई शमशान के कार्मिक कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने से बचते हैं. उनका अंतिम संस्कार हम करते है. कोरोना काल मे अब तक 150 शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. आने वाले विकट समय को ध्यान में रखते हुए तैयारियां भी जारी है.

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हिंदू सेवा मंडल संस्था

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सिर्फ प्रसाशन की अनुमति से संस्कारः

ओसवाल समाज के विद्युत शवदाह गृह में कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार सिर्फ प्रशासन के निर्देश पर ही किया जाता है. इसके अलावा ओसवाल समाज अपने समाज के किसी भी परिवार में होने वाली मृत्यु का यहां अंतिम संस्कार करता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति सीधे ही कोरोना शव लेकर यहां आता है तो उसे मना कर दिया जाता है. प्रसाशनिक अनुमति से ही दूसरी जाति के शव का अंतिम संस्कार किया जाता है. अब जिला प्रशासन ने इस विद्युत संविदा ग्रह की व्यवस्थाएं बनाने के लिए गैस की आपूर्ति को लेकर भी दिशा निर्देश जारी किए हैं.

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विकट हालातों की पहले से ही तैयारी
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