जोधपुर. एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण प्रतिदिन बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर कोरोना से मुक्ति पाने के लिए वैक्सीन पर भी काम चल रहा है. उम्मीद है कि अगले साल तक कोरोना वैक्सीन आ जाएगी. जिसको लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर जोधपुर जिले में भी कोविड-19 वैक्सीन टास्क फोर्स का गठन कर लिया गया है.
मंगलवार को इस टास्क फोर्स की पहली बैठक जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह की अगुवाई में आयोजित की गई. बैठक में खासतौर से वैक्सीन के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट पर मंथन हुआ. जिसमें कलेक्टर ने पूछा कि स्वास्थ्य का स्वास्थ्य विभाग के पास कितना लॉजिस्टिक सपोर्ट है, जो वैक्सीनेशन कार्यक्रम को लंबा चला सके.
कलेक्टर ने यह भी कहा कि यह मान के चले कि अगले साल वैक्सीन ड्राइव सभी के लिए टॉप एजेंडा पर होगा. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवंत मंडा ने इस बात की जानकारी दी कि वर्तमान में जिले में चलने वाले टीकाकरण को लेकर क्या-क्या संसाधन हैं और उन्हें किस स्तर तक आगे बढ़ाया जा सकता है. जोधपुर जिले की भौगोलिक विषमताओं को देखते हुए संसाधन बढ़ाने को लेकर चर्चा की गई.
साथ ही वैक्सीनेशन का क्या स्वरूप रहेगा, इसको लेकर भी अधिकारियों को अगली बैठक में विचार करके आने का कहा गया है. सीएमएचओ डॉ. मंडार ने बताया कि वैक्सीनेशन में सबसे पहले हेल्थ वर्कर को टीका लगाया जाएगा. जिसमें सरकारी और निजी अस्पताल दोनों हेल्थ वर्कर शामिल होंगे. निजी अस्पतालों में उन अस्पतालों को शामिल किया जा रहा है, जो सीएमएचओ कार्यालय के तहत रजिस्टर्ड हैं.
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उन्होंने यह भी बताया कि इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर विभागों को शामिल किया जाएगा और उसके बाद 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगेगा. चौथे चरण में 50 साल से कम उम्र के लोगों को टीकाकरण किया जाएगा. इसमें कोमोरबिडिटीज को प्राथमिकता दी जाएगी.