जोधपुर: मंडोर इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति ने बिटकॉइन में निवेश (Investment In Bitcoin)कर लाखों का नुकसान कर लिया. दरअसल, अपनी राशि दोगुनी करने के लालच में उसने बड़ी रकम गंवा दी. जिस व्यक्ति के मार्फत राशि निवेश की गई वह भी लंबे समय तक उसे गच्चा देता रहा. पीड़ित अपनी रकम के लिए बदमाशों के बताए ऑफिस के पते पर दिल्ली भी जाकर आया. लेकिन वहां वो नहीं मिले.
साढ़े तीन करोड़ रुपये की ठगी का आराेपी गिरफ्तार, जानें कैसे बनाता था लाेगाें काे शिकार
मंडोर पुलिस के अनुसार बावड़ी बेरा मंगरापूंजला क्षेत्र में रहने वाले हुक्मसिंह से रमेश पॉल नामक व्यक्ति 2016 में मिला था. उसने अपनी कंपनी में निवेश करने की बात कहकर 25 हजार रुपए सदस्यता फीस ली थी. बताया था कि, अभी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉईन (Cryptocurrency Bitcoin) का दौर चल रहा है. इसमें निवेश होने वाली राशि दस से 15 दिनों में दोगुनी हो जातीहै. जिसके बाद वह पंजाब चला गया. इसके बाद वह लगातार जब भी जोधपुर आता हुक्मसिंह को होटल बुलाता. 2017 में उसने एक होटल में हुक्मसिंह की अभिषेक भंडारी नामक व्यक्ति से मुलाकात कराई. बताया कि इनके पास दस हजार बिटकॉईन है. आप तीन लाख निवेश कर एक करोड़ कमा सकते हैं. यह राशि बहुत जल्दी दोगुनी हो जाएगी.
इस तरह की कई मीटिंग के बाद आखिरकार हुक्मसिंह ने मार्च 2017 में साढ़े तीन लाख रुपए निवेश (Investment In Bitcoin) कर दिए. यह राशि उसने आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) अकाउंट में सुख इंटरप्राइजेज फर्म (Sukh Enterprises Firm) के खाते में दो हिस्सों में जमा करवाई. रमेश पॉल ने उसे कहा था कि राशि जमा होने के बाद वह उन्हें चेक (Cheque) देगा. लेकिन राशि जमा होने के बाद हुक्मसिंह को चेक नहीं मिले.
रमेश पॉल ने उसे भरोसा दिलाया कि दस से पंद्रह दिनों में राशि दोगुनी हो जाएगी, चेक भी जल्दी भेजता हूं. लेकिन इसके बाद समय निकलता गया न तो चेक मिले और न ही राशि. हुक्मसिंह ने रमेश पॉल से संपर्क किया तो उसने कहा थोड़ा इंतजार करो दोगुनी रकम खाते में आ जाएगी. लेकिन समय निकलता गया जिसके बाद रमेश पॉल ने फोन उठाना बंद कर दिया. पीड़ित, आरोपी के दिल्ली स्थित ऑफिस पहुंचा तो पता चला कि वहां रमेश पॉल और अभिषेक भंडारी का कोई ऑफिस नहीं है.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद हुक्म सिंह को एहसास हो गया कि वो धोखे का शिकार हो गए हैं. उन्होंने और पड़ताल की, पता किया तो सामने आया कि दोनों ने फर्जी कंपनी बनाकर ये व्यूह रचना की थी. इस फर्जी कम्पनी का मालिक इंद्रजीत यादव था. अपनी तफ्तीश जारी रखी तो पाया कि ठगों के गैंग ने जोधपुर में कई लोगों को ठगा है. बिटकॉइन में निवेश (Investment In Bitcoin) कर रकम दोगुनी करने का सपना दिखा करोड़ों का चूना लगाया है. अपनी गाढ़ी कमाई से हाथ धोने के बाद पीड़ित हुक्मसिंह ने पुलिस का सहारा लिया है. उनकी शिकायत पर मंडोर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
जानें क्या है Cryptocurrency Bitcoin!
बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी यानी आभासी मुद्रा है. इसकी शुरुआत 2009 में हुई थी. इसे Cryptocurrency भी कहते हैं. वो इसलिए क्योंकि इसमें पेमेंट के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल होता है. क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करती है. जिस तरह रुपये की यूनिट पैसा और डॉलर की सेंट है. वैसे ही बिटकॉइन की यूनिट सतोशी कहलाती है.