जोधपुर. जिले के ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की ओर से तहसील स्तर पर 25 अगस्त से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. जोधपुर के ओसियां, मथानिया और माणकलाव क्षेत्र में किसान पिछले कई दिनों से डेरा डालकर बैठे हुए हैं.
शुक्रवार रात को भी किसान जोधपुर के माणकलाओ क्षेत्र में धरने पर बैठे थे. उसी दौरान छात्र नेता और किसान समर्थक पुखराज चौधरी की अचानक तबियत बिगड़ गई. तबीयत बिगड़ने पर पुखराज को धरना स्थल से जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल लाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. छात्र नेता की मौत के बाद मृतक के परिजन अस्पताल में बैठे हैं.
पढ़ेंः MDM अस्पताल की 'पोस्ट कोरोना ओपीडी' में आने लगे मरीज, इन 'खास' परेशानियों की होगी जांच
मृतक के परिजनों का कहना है कि पुखराज पिछले 1 महीने से किसानों के साथ उनकी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन में शामिल था. साथ ही 25 अगस्त से तहसील स्तर पर हो रहे धरना प्रदर्शन में भी पुखराज शामिल था और धरना स्थल पर तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने मांग की है कि सरकार किसानों की समस्त मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें साथ ही पुखराज को शहीद का दर्जा दिलवाकर उसके परिजनों को आर्थिक मुआवजा भी प्रदान करें.
पढ़ेंः किसान आंदोलन: सरकार ने मांगों पर विचार नहीं किया तो जोधपुर कूच करेंगे किसान
फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने मृतक के शव को मथुरा दास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है. साथ ही एहतियातन के तौर पर पुलिस और अन्य एजेंसियों के लोग भी मौके पर मौजूद है. हालांकि पुलिस अधिकारियों के मुताबिक मृतक पुखराज धरनें में शामिल था ही नहीं. डीसीपी धरमेंद्र यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि पुखराज की जब तबीयत बिगड़ी तब वह धरने में शामिल था या नहीं इस बात की हम जांच कर रहे हैं.