जोधपुर. प्रदेश में कोरोना मरीजों के लिए पूरी ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होने और वैक्सीन आपूर्ति भी सही समय पर नहीं होने पर प्रदेश के नागरिकों के मानवाधिकार का संकट मानते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग में दो याचिका लगाई गई थी. दोनों याचिकाओं को स्वीकार करते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुख्य सचिव और राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को तलब किया है.
राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष रमेश बोराणा और उपभोक्ता मार्गदर्शन समिति उमस के लियाकत अली की ओर से दोनों याचिकाएं लगाई गई थी. दोनों याचिकाओं को स्वीकार करते हुए जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने एक आदेश जारी किया है.
जस्टिस ने अपने आदेश में कहा है कि याचिका में जो तथ्य दिए गए हैं उसके अनुसार प्रदेश को तय मात्रा से ऑक्सीजन कम मिल रही है. इसके अलावा वैक्सीन भी सही समय पर नहीं मिल रही है जो राज्य के नागरिकों के जीवन के लिए संकट बन सकता है. जस्टिस व्यास ने अपने आदेश में लिखा है कि भारतीय संविधान के अनुसार सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए गए हैं, ऐसे में लोक कल्याणकारी सरकार का कर्तव्य है कि सभी नागरिकों के लिए समान व्यवस्थाएं बनाएं.
लेकिन, याचिकाओं के तथ्यों के अनुसार राजस्थान को उसके हक की पूरी ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. राज्य मानवाधिकार आयोग ने केंद्र और राज्य सरकार से आपूर्ति की गई ऑक्सीजन का पूरा विवरण, राज्य में उपचार की व्यवस्थाएं और वैक्सीन की स्थिति को लेकर पूरी रिपोर्ट के साथ 5 मई को सुनवाई रखी है.