जोधपुर. राजस्थान में विभिन्न सरकारी सेवाओं के लिए होने वाली परीक्षा व प्रवेश परीक्षाओं के दौरान व्यवस्था के तहत राज्यभर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलम्बित करने के मामले में राज्य सरकार की ओर से चार साल बाद रिव्यू पेश किया गया (state government review plea in internet ban case) है.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश मदन गोपाल व्यास की खंडपीठ में याचिकाकर्ता महिपालसिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नितिन गोकलानी ने पक्ष रखते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से भर्ती परीक्षाओं के दौरान पूरे प्रदेश में इंटरनेट सेवाए बंद कर दी जाती हैं, जिससे अन्य व्यवसाय पर भी असर पड़ता है. पूरे प्रदेश में कार्य बाधित होता है. खासकर बैंकिंग व शिक्षा के क्षेत्र में व्यवधान होता है. जबकि पूर्व में एक याचिका में राज्य सरकार ने कहा था कि आगे से प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं के दौरान इंटरनेट सेवाएं बंद नहीं की जाएंगी.
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राज्य सरकार की ओर से अब पूर्व की याचिका में दिए गए जवाब का रिव्यू चार साल बाद पेश किया है. 28 नवंबर, 2015 के बाद की परिस्थितियों को देखते हुए परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र लीक होने के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में महाधिवक्ता ने पूर्व आदेश में पेश हलफनामे को वापस लेने के लिए आवेदन दिया है. ऐसे में कोर्ट ने रजिस्ट्ररी को मामला भेजा है कि सभी मामलों को एक साथ सुनवाई के लिए विशेष बैंच बनाकर मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखने के निर्देश दिए हैं.