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भंवरी देवी हत्याकांड: जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण को लौटानी होगी पुलिस अभिरक्षा के लिए ली गई राशि

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्य पीठ में शुक्रवार को भंवरी देवी हत्याकांड प्रकरण के आरोपी को लेकर सुनवाई हुई. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए जिला पुलिस अधीक्षक, जोधपुर ग्रामीण द्वारा वसूले 70 हजार 497 रुपए वापस लौटाने के लिए पेश फौजदारी प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है.

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भंवरी देवी हत्याकांड मामले में कोर्ट ने की सुनवाई
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Published : Aug 21, 2020, 10:52 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भंवरी देवी अपहरण हत्याकांड प्रकरण में अमरचंद को पुलिस जाब्ते में अंतरिम जमानत देने पर जिला पुलिस अधीक्षक, जोधपुर ग्रामीण द्वारा वसूले 70 हजार 497 रुपए वापस लौटाने के लिए पेश फौजदारी प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने आठ सप्ताह के भीतर रुपए अमरचंद के पुत्र साहिल को लौटाने के आदेश दिए हैं.

कोर्ट ने यह निर्धारित किया कि जमानत स्वीकारने के समय पुलिस अभिरक्षा की राशि जब तक कोर्ट वसूल करने के आदेश नहीं दे. तब तक राज्य सरकार पुलिस अभिरक्षा की राशि मुलजिम या उसके परिवारजन से वसूल नहीं कर सकती. भंवरी हत्याकांड और अपहरण मामले में 8 दिसंबर 2011 से जेल में बंद अमरचंद के ताऊजी का देहान्त होने पर सामाजिक कार्यक्रमो में सम्मलित होने के लिए 4 अक्टूबर 2019 को हाइकोर्ट के जस्टिस दिनेश मेहता ने 5 अक्टूबर 2019 से 7 अक्टूबर 2019 तक पुलिस अभिरक्षा में अंतरिम जमानत स्वीकार की थी.

यह भी पढ़ेंः भगतासनी ग्राम पंचायत को जोधपुर नगर निगम क्षेत्र में शामिल करने के लिए सरकार करे उचित निर्णय: कोर्ट

याची आवेदक की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने बताया गया कि याची साल 2011 से जेल में बंद है और उसकी ऐसी स्थिति नहीं है कि पुलिस अभिरक्षा के चार्ज वहन कर सकें. यह राज्य की ड्यूटी है कि आपराधिक मामले में जेल में बंद अपराधी को पूरी सुरक्षा प्रदान करें.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भंवरी देवी अपहरण हत्याकांड प्रकरण में अमरचंद को पुलिस जाब्ते में अंतरिम जमानत देने पर जिला पुलिस अधीक्षक, जोधपुर ग्रामीण द्वारा वसूले 70 हजार 497 रुपए वापस लौटाने के लिए पेश फौजदारी प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने आठ सप्ताह के भीतर रुपए अमरचंद के पुत्र साहिल को लौटाने के आदेश दिए हैं.

कोर्ट ने यह निर्धारित किया कि जमानत स्वीकारने के समय पुलिस अभिरक्षा की राशि जब तक कोर्ट वसूल करने के आदेश नहीं दे. तब तक राज्य सरकार पुलिस अभिरक्षा की राशि मुलजिम या उसके परिवारजन से वसूल नहीं कर सकती. भंवरी हत्याकांड और अपहरण मामले में 8 दिसंबर 2011 से जेल में बंद अमरचंद के ताऊजी का देहान्त होने पर सामाजिक कार्यक्रमो में सम्मलित होने के लिए 4 अक्टूबर 2019 को हाइकोर्ट के जस्टिस दिनेश मेहता ने 5 अक्टूबर 2019 से 7 अक्टूबर 2019 तक पुलिस अभिरक्षा में अंतरिम जमानत स्वीकार की थी.

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याची आवेदक की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी ने बताया गया कि याची साल 2011 से जेल में बंद है और उसकी ऐसी स्थिति नहीं है कि पुलिस अभिरक्षा के चार्ज वहन कर सकें. यह राज्य की ड्यूटी है कि आपराधिक मामले में जेल में बंद अपराधी को पूरी सुरक्षा प्रदान करें.

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