जोधपुर. अपने गुरुकुल की शिष्या के साथ यौन शोषण के आरोप में जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे आसाराम के शिष्य शिवा और प्रकाश को राजस्थान हाईकोर्ट ने राहत दी है. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अपने फैसले में शुक्रवार को दोनों के खिलाफ सरकार और पीड़िता की याचिका को खारिज कर दिया.
इससे पहले दोनों को निचली अदालत ने राहत प्रदान करते हुए 25 अप्रैल, 2018 को बरी कर दिया था. दोनों को बरी करने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार और पीड़िता की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस संदीप मेहता और विजय विश्नोई की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने शुक्रवार को अपने फैसले में सजा से बरी करने के खिलाफ दायर की गई सरकार और पीड़िता की याचिका को खारिज कर दिया.
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इसी तरह आसाराम की शिष्या शिल्पी को भी हाईकोर्ट से सजा के खिलाफ स्थगन आदेश प्राप्त है. इसके खिलाफ भी सरकार ने याचिका दायर की थी, जिसका फैसला भी सुरक्षित रखा गया था. फैसला अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है.
लेकिन, दोनों शिष्यों के खिलाफ पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट में आसाराम के अपराध में सहयोगी मानते हुए चार्जशीट दायर की गई थी. इस मामले में निचली अदालत में कोई संबंध साबित नहीं हो पाया था, इसके चलते उन्हें बरी कर दिया गया था. अब हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगाते हुए उस फैसले को सही माना है. माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद आसाराम का पक्ष मजबूत हुआ है, इसके आधार पर वो अब एक बार फिर जमानत के प्रयास कर सकता है.