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जोधपुर: बयान से मुकरने वाले परिवादी को एक साल की सजा - राजस्थान ताजा हिंदी खबरें

जोधपुर महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 3 के पीठासीन अधिकारी मदनलाल बालोटिया ने एसीबी अदालत में अपने ही बयान पलटने वाले आरोपी देवाराम पुत्र भगवान जी निवासी जालोर को एक साल साधारण कारावास की सजा और 2 हजार रुपये से दंडित किया है.

sentence for overturning statement, Jodhpur Metropolitan Magistrate
बयान से मुकरने वाले परिवादी को एक साल की सजा
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Published : Feb 20, 2021, 10:54 PM IST

जोधपुर. महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 3 के पीठासीन अधिकारी मदनलाल बालोटिया ने एसीबी अदालत में अपने ही बयान पलटने वाले आरोपी देवाराम पुत्र भगवान जी निवासी जालोर को एक साल साधारण कारावास की सजा और 2 हजार रुपये से दंडित किया है.

मामले के अनुसार देवाराम ने सिरोही पुलिस उप अधीक्षक एसीबी के समक्ष 25 अगस्त 1996 को रिपोर्ट पेश की थी, जिस पर ट्रैप की कार्रवाई आयोजित करते हुए अभियुक्त पुखराज को गिरफ्तार किया गया. अभियुक्त पुखराज के विरुद्ध भ्रष्टाचार मामलात की धारा 07, 13-1-डी-2 पीसी एक्ट 1988 के तहत चार्जशीट न्यायालय में पेश हुई.

पढ़ें- विशेषज्ञ कमेटी के सदस्यों की पात्रता तय करने के बनाए जाएं नियम : हाईकोर्ट

मुरारीलाल शर्मा प्रथम विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जोधपुर की अदालत के समक्ष ट्रायल के दौरान परिवादी देवाराम अभियोजन पक्ष के निवेदन पर पक्षद्रोही घोषित हुआ. परिवादी के द्वारा लिखित रिपोर्ट पर ही अभियुक्त पुखराज के विरुद्ध ट्रैप की कार्रवाई आयोजित हुई, लेकिन ट्रायल के दौरान परिवादी देवाराम पक्षद्रोही हो गया.

एसीबी अदालत के पीठासीन अधिकारी मुरारीलाल शर्मा ने परिवादी देवाराम के खिलाफ धारा 193 के तहत इस्तगासा पेश किया. महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 3 की अदालत ने सुनवाई के बाद परिवादी देवाराम को अपराध धारा 193 के तहत दोषसिद्ध मानते हुए एक साल की साधारण कारावास की सजा से दंडित किया है.

जोधपुर. महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 3 के पीठासीन अधिकारी मदनलाल बालोटिया ने एसीबी अदालत में अपने ही बयान पलटने वाले आरोपी देवाराम पुत्र भगवान जी निवासी जालोर को एक साल साधारण कारावास की सजा और 2 हजार रुपये से दंडित किया है.

मामले के अनुसार देवाराम ने सिरोही पुलिस उप अधीक्षक एसीबी के समक्ष 25 अगस्त 1996 को रिपोर्ट पेश की थी, जिस पर ट्रैप की कार्रवाई आयोजित करते हुए अभियुक्त पुखराज को गिरफ्तार किया गया. अभियुक्त पुखराज के विरुद्ध भ्रष्टाचार मामलात की धारा 07, 13-1-डी-2 पीसी एक्ट 1988 के तहत चार्जशीट न्यायालय में पेश हुई.

पढ़ें- विशेषज्ञ कमेटी के सदस्यों की पात्रता तय करने के बनाए जाएं नियम : हाईकोर्ट

मुरारीलाल शर्मा प्रथम विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जोधपुर की अदालत के समक्ष ट्रायल के दौरान परिवादी देवाराम अभियोजन पक्ष के निवेदन पर पक्षद्रोही घोषित हुआ. परिवादी के द्वारा लिखित रिपोर्ट पर ही अभियुक्त पुखराज के विरुद्ध ट्रैप की कार्रवाई आयोजित हुई, लेकिन ट्रायल के दौरान परिवादी देवाराम पक्षद्रोही हो गया.

एसीबी अदालत के पीठासीन अधिकारी मुरारीलाल शर्मा ने परिवादी देवाराम के खिलाफ धारा 193 के तहत इस्तगासा पेश किया. महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 3 की अदालत ने सुनवाई के बाद परिवादी देवाराम को अपराध धारा 193 के तहत दोषसिद्ध मानते हुए एक साल की साधारण कारावास की सजा से दंडित किया है.

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