जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश बोड़ा के निधन से अधिवक्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई. बोड़ा गत 27 सितंबर को अंतिम बार कोर्ट में सलमान खान से जुड़े मामले की सुनवाई के लिए जोधपुर आए थे.
महेश बोड़ा का शव डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के एनॉटीम विभाग को डोनेट कर दिया गया है. इस दौरान बोड़ा के परिजनों के अलावा उनके साथियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजली दी. बोड़ा कोर्ट में अपनी बहस और तर्कों के लिए जाने जाते थे. वे कोर्ट में पूरी तैयारी के साथ आकर पुरजोर तरीके से अपनी बात रखते थे.
सलमान की गत सुनवाई में कयास लगाए जा रहे थे कि सलमान के नहीं आने पर उनकी जमानत जब्त हो सकती है. लेकिन तबीयत खराब होने के बावजूद महेश बोड़ा ना सिर्फ कोर्ट पहुंचे बल्कि पीठासीन अधिकारी को संतुष्ट कर सलमान के लिए हाजरी माफी भी ले ली. महेश बोड़ा सलमान के साथ-साथ आसाराम के भी अधिवक्ता थे. उन्होंने आसाराम के सहयोगियों को जमानत दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
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बोड़ा के निधन को लेकर बुधवार शाम से ही सूचनाएं वायरल होने लगी थी. लेकिन शहर के निजी अस्पताल में गुरुवार तड़के 4 बजे उनके निधन की आधिकारिक घोषणा की. उनके पुत्र निशांत बोड़ा ने अपने पिता की इच्छा के अनुरूप उनका शव मेडिकल कॉलेज के एनॉटोमी विभाग को छात्रों के अध्ययन के लिए दान कर दिया.
जीवन परिचय : एक नजर
महेश बोड़ा का जन्म साल 1950 में हुआ था और 1978 में उन्होंने वकालत की डिग्री पूरी करने के बाद प्रैक्टिस शुरू कर दी थी. वे वामपंथी विचारधारा से जुड़े थे. ऐसे में उन्हें कॉमरेड महेश बोड़ा भी कहा जाता था. पिछले कुछ महीनों से वे बोन मैरो कैंसर जैसी असाध्य बीमारी से जूझ रहे थे. बोड़ा के निधन की सूचना से साथी अधिवक्ता जगत में शोक की लहर दौड़ गई. अधिवक्ताओं ने न्यायालय में कामकाज रोक कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और बड़ी संख्या में मेडिकल कॉलेज उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे.