जोधपुर. जिले के 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों को सेमी आईसीयू वार्ड (Semi ICU Being Built In 19 Hospitals Of Jodhpur) की सुविधाएं मिलनी शुरू हो रही है. शुरुआती दौर में हाईवे के कस्बों को इसके लिए चिन्हित कर वहां सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है. खास बात यह है कि प्रत्येक अस्पताल पर इसके लिए करीब 20 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं, जिसमें एक रुपए भी सरकारी नहीं है.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की पहल पर विभिन्न कॉरपोरेट कंपनियां (Corporate Companies) अपनी सीएसआर (ICU Will Be Constructed From CSR fund) के तहत यह काम करवा रही है. केंद्रीय मंत्री शेखावत का प्रयास है कि आगामी तीन-चार माह में जोधपुर संसदीय क्षेत्र में देचू, बालेसर, शेरगढ़, सेतरावा, चामू, टेपू, आऊ, केलनसर, नोख, सांकड़ा, फलसूंड, फलोदी, झंवर, धूधाडा, लूणी, सालावास, पोकरण, रामदेवरा सहित अनेक स्थानों पर 8 से 10 बेड का सेमी ट्रामा आईसीयू वार्ड (Semi Trauma ICU Ward) तैयार हो जाए, ताकि आमजन को तत्काल चिकित्सा संबंधी सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके. इनमें से बालेसर, देचू, सेतरावा सहित पांच-छह स्थानों पर ऐसे सेमी ट्रामा आईसीयू वार्ड तैयार हो चुके हैं. जिन्हे कल केंद्रीय मंत्री जनता को समर्पित करेंगे.
माहेश्वरी रिलीफ फाउंडेशन की देखरेख में हो रहा काम : फाउंडेशन के निदेशक और माहेश्वरी महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री संदीप काबरा ने बताया कि सेमी ट्रामा आईसीयू में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के साथ आधुनिक बेड, ऑक्सीजन प्वाइंट, मल्टी पैरा मॉनिटर, फूड ट्रॉली, ऑक्सीजन सिलेंडर, कर्टन, व्हील चेयर सहित अनेक आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं. ईसीजी मशीन वातानुकूलित कक्ष, अत्याधुनिक बेड जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं.
विशेषज्ञ डॉक्टरों को लाना चुनौती : ग्रामीण क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएं बढ़ाने का काम 3 से 4 माह में पूरा हो जाएगा. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती यहां पर विशेषज्ञ चिकित्सक लगाना है. वर्तमान में इन अस्पतालों में 5 से 6 डॉक्टर नियुक्त हैं, जो यहां मरीजों को उपचार देते हैं. लेकिन बड़ी सर्जरी के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बनी हुई है. हालांकि जिले के बालेसर कस्बे में शेखावत के प्रयास से ऑपरेशन थिएटर भी तैयार करवाया जा रहा है. जिससे क्षेत्र के लोगों को दुर्घटनाओं के दौरान तुरंत उपचार मिल सके. इसके अलावा फलोदी में सरकारी अस्पताल में सिटी स्कैन भी लगवा रहे हैं.
कोरोना काल की कवायद, हमेशा काम आयेगी : कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से लचर नजर आई. जिसके चलते लोगों की जानें भी गई. जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए अपने संसदीय क्षेत्र में यह प्रयास शुरू किया है. हालांकि अब कोरोना का असर पहले जैसा नहीं है लेकिन यह सेमी आईसीयू ग्रामीण क्षेत्रों में हमेशा काम आएंगे.