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नई किराया नीति कैबिनेट ने कर दी है पारित...अगली सुनवाई में रिकॉर्ड पर पेश करेंगे नई किराया नीति

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Published : Feb 10, 2021, 10:09 PM IST

Updated : Feb 10, 2021, 11:00 PM IST

राजस्थान उच्च न्यायालय में मंदिरों की भूमि को लेकर किराया नीति को लेकर बुधवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि नई किराया नीति तैयार है. वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास ने यह जानकारी दी.

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नई किराया नीति कैबिनेट ने कर दी है पारित

जोधपुर. उच्च न्यायालय में मंदिरों की भूमि को लेकर किराया नीति पर चर्चा के दौरान एएजी व्यास ने खंडपीठ के समक्ष कहा कि सरकार ने नई किराया नीति को तैयार करने के बाद कैबिनेट ने उसे पारित कर दिया है. नई किराया नीति की प्रति न्यायालय में रिकॉर्ड पर पेश करने के लिए कुछ समय चाहिए. जिस पर न्यायालय ने 17 फरवरी को अगली सुनवाई का समय दिया है.

पढ़ें : Exclusive Interview : कृषि कानूनों का ढांचा गलत...संशोधन नहीं, इनको वापस लेना चाहिए : वृंदा करात

गौरतलब है कि जोधपुर शहर के मंदिरों की दुर्दशा को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर कर सरकार को किराया नीति तय करने के निर्देश दिये थे, लेकिन समय समय पर केवल किराया नीति को अंतिम रूप देने को लेकर समय लिया जा रहा है.

उच्च न्यायालय में सरकार की ओर से 10 दिसम्बर 2020 को एक अतिरिक्त शपथ पत्र पेश कर बताया गया कि मुख्यमंत्री के स्तर पर किराया नीति को लेकर नीतिगत निर्णय हो रहा है, जिसके लिए समय-समय पर दिसम्बर माह में बैठके भी आयोजित की गई है. न्यायमित्र एमआर सिंघवी की ओर से भावित शर्मा ने पक्ष रखा वही सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास ने पक्ष रखा.

जोधपुर. उच्च न्यायालय में मंदिरों की भूमि को लेकर किराया नीति पर चर्चा के दौरान एएजी व्यास ने खंडपीठ के समक्ष कहा कि सरकार ने नई किराया नीति को तैयार करने के बाद कैबिनेट ने उसे पारित कर दिया है. नई किराया नीति की प्रति न्यायालय में रिकॉर्ड पर पेश करने के लिए कुछ समय चाहिए. जिस पर न्यायालय ने 17 फरवरी को अगली सुनवाई का समय दिया है.

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गौरतलब है कि जोधपुर शहर के मंदिरों की दुर्दशा को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर कर सरकार को किराया नीति तय करने के निर्देश दिये थे, लेकिन समय समय पर केवल किराया नीति को अंतिम रूप देने को लेकर समय लिया जा रहा है.

उच्च न्यायालय में सरकार की ओर से 10 दिसम्बर 2020 को एक अतिरिक्त शपथ पत्र पेश कर बताया गया कि मुख्यमंत्री के स्तर पर किराया नीति को लेकर नीतिगत निर्णय हो रहा है, जिसके लिए समय-समय पर दिसम्बर माह में बैठके भी आयोजित की गई है. न्यायमित्र एमआर सिंघवी की ओर से भावित शर्मा ने पक्ष रखा वही सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास ने पक्ष रखा.

Last Updated : Feb 10, 2021, 11:00 PM IST
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