जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने (Rajasthan Highcourt Order) प्रदेश के ब्लड बैंकों में एलिजा फोर्थ जेनरेशन टेस्ट किट (Eliza Fourth Generation Test in Blood Banks) को अपनाने एवं सभी ब्लड बैंकों में छह माह में पूर्ण प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ लगाने के निर्देशों के साथ जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ के समक्ष अधिवक्ता व याचिकाकर्ता रितुराज सिंह राठौड़ की ओर से दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई.
याचिका में पुराने तकनीक से रक्त जांच एवं संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने से एड्स एवं हेपेटाइटिस जैसी जानलेवा बीमारियों को लेकर सवाल उठाये थे. यह भी कहा कि रक्त जांच के लिए प्रदेश में नई तकनीकें लागू की जाए. इस पर कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी बनाकर रिपोर्ट मांगी थी. एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि संभाग स्तर पर नेट मशीनों की आवश्यकता है. प्रदेश में दो स्थानों पर नेट मशीनें लगी हुईं हैं लेकिन अधिक महंगी होने से सभी संभाग स्तर पर नहीं लगाी गई है.
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एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एलिजा फोर्थ जनरेशन परीक्षण किट इससे बहुत कम लागत की है जिनके नतीजे भी सटीक हैं. इस पर कोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश की ब्लड बैंकों में इसे लागू किया जाए. मानव संसाधन व प्रशिक्षित मेडिकल स्टॉफ की आवश्यकता पर कहा कि उपकरणों एवं जांचों के लिए प्रशिक्षित मेडिकल तकनीकी कर्मचारी आवश्यक हैं. छह माह में जहां आवश्यक है वहां पर तकनीकी कर्मचारी को लगाया जाए.