जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता ने भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी हार्दिक पांड्या और केएल राहुल की ओर से दाखिल विविध आपराधिक याचिका की सुनवाई करते हुए दोनों को अनुसंधान अधिकारी के समक्ष विधिक प्रतिनिधि या विधिक सलाहकार के माध्यम से पक्ष रखने के आदेश दिए हैं.
गौरतलब है कि डीआर मेघवाल की ओर से वर्ष 2019 में कॉफी विद करण शो में महिलाओं के खिलाफ और यौन अपराध को बढ़ावा देने वाले अभद्र टिप्पणी करने पर लूणी थाने में हार्दिक पांड्या और केएल राहुल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया गया था. जिसके बाद दोनों खिलाड़ियों की ओर से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत एफआईआर रद्द करने को लेकर विविध आपराधिक याचिका दायर की गई. हाईकोर्ट की ओर से गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए मामले की जांच पर रोक लगा दी गई थी.
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परिवादी की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट अनिल बिदान हालू और महिपाल सिंह चारण ने कहा कि लगभग दो साल से मामले की जांच नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता अनुसंधान अधिकारी का सहयोग कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में अनुसंधान प्रभावित हो रहा है.
याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट पंकज गुप्ता ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ता भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी हैं और वर्तमान में आस्ट्रेलिया में सीरीज खेल रहे हैं. उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी पर रोक जारी रखते हुए याचिकाकर्ताओं को विधिक प्रतिनिधि या विधिक सलाहकार के माध्यम से अनुसंधान अधिकारी के समक्ष पक्ष रखने के आदेश दिए हैं. अगली सुनवाई 5 फरवरी को तय करते हुए पब्लिक प्रोसिक्यूटर को तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.