जोधपुर. राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश अरुण भंसाली ने गुरुवार को जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय द्वारा कोर्ट के आदेशों के 3 साल बाद भी एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर पद पर पदोन्नति नहीं देने के मामले में नाराजगी जताते हुए यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को तलब किया. हाईकोर्ट के तलब किए जाने के कुछ देर बाद ही रजिस्ट्रार अयूब खान कोर्ट पहुंचे और व्यक्तिगत रूप से पेश हुए.
हाईकोर्ट ने कहा कि वर्ष 2016 में कोर्ट में सह प्राध्यापको को केरियर एडवांस स्कीम के तहत प्रमोशन करने के निर्देश दिए थे और उसकी पूरी प्रक्रिया भी पूर्ण हो गई थी लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा इसे रोक दिया गया. प्रक्रिया के तहत लिफाफे खुलने थे, जो अभी तक नहीं खुले हैं. कोर्ट रजिस्ट्रार को निर्देश दिए है कि 27 सितंबर तक यह प्रक्रिया पूरी कर कोर्ट को अवगत कराएं अन्यथा अवमानना की कार्रवाई की जाएगी.
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए अधिवक्ता नरपत सिंह चारण ने कोर्ट को बताया कि 3 साल से लगातार विश्वविद्यालय प्रबंधन इस मामले को टाले जा रहा है. जबकि यह प्रमोशन एडवांस करियर स्कीम के तहत होने थे, और उसके आवेदन भी विश्वविद्यालय ने ही मांगे थे.
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गौरतलब है कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में वर्ष 2016 में करियर एडवांस स्कीम के तहत सह प्राध्यापकों से प्रमोशन के लिए आवेदन मांगते हुए उनके साक्षात्कार कर प्रक्रिया पूर्ण की थी लेकिन इसके बाद यह लिफाफे अभी तक नहीं खोले गए. इसको लेकर पीड़ितों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी.