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जेएनवीयू के एसोसिएट प्रोफेसर बनेंगे प्रोफेसर, हाइकोर्ट ने 27 सितंबर तक कार्रवाई पूर्ण करने के दिए निर्देश - राजस्थान हाई कोर्ट

राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश अरुण भंसाली ने गुरुवार को जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय द्वारा कोर्ट के आदेशों के 3 साल बाद भी एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर पद पर पदोन्नति नहीं पर रजिस्ट्रार से जवाब तलब किया है.

rajasthan high court ordered, जोधपुर खबर
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Published : Sep 12, 2019, 7:25 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश अरुण भंसाली ने गुरुवार को जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय द्वारा कोर्ट के आदेशों के 3 साल बाद भी एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर पद पर पदोन्नति नहीं देने के मामले में नाराजगी जताते हुए यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को तलब किया. हाईकोर्ट के तलब किए जाने के कुछ देर बाद ही रजिस्ट्रार अयूब खान कोर्ट पहुंचे और व्यक्तिगत रूप से पेश हुए.

हाईकोर्ट ने कहा कि वर्ष 2016 में कोर्ट में सह प्राध्यापको को केरियर एडवांस स्कीम के तहत प्रमोशन करने के निर्देश दिए थे और उसकी पूरी प्रक्रिया भी पूर्ण हो गई थी लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा इसे रोक दिया गया. प्रक्रिया के तहत लिफाफे खुलने थे, जो अभी तक नहीं खुले हैं. कोर्ट रजिस्ट्रार को निर्देश दिए है कि 27 सितंबर तक यह प्रक्रिया पूरी कर कोर्ट को अवगत कराएं अन्यथा अवमानना की कार्रवाई की जाएगी.

जेएनवीयू के एसोसिएट प्रोफेसर बनेंगे प्रोफेसर

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए अधिवक्ता नरपत सिंह चारण ने कोर्ट को बताया कि 3 साल से लगातार विश्वविद्यालय प्रबंधन इस मामले को टाले जा रहा है. जबकि यह प्रमोशन एडवांस करियर स्कीम के तहत होने थे, और उसके आवेदन भी विश्वविद्यालय ने ही मांगे थे.

पढ़ें: CM अशोक गहलोत शुक्रवार को लॉन्च करेंगे जन सम्पर्क पोर्टल

गौरतलब है कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में वर्ष 2016 में करियर एडवांस स्कीम के तहत सह प्राध्यापकों से प्रमोशन के लिए आवेदन मांगते हुए उनके साक्षात्कार कर प्रक्रिया पूर्ण की थी लेकिन इसके बाद यह लिफाफे अभी तक नहीं खोले गए. इसको लेकर पीड़ितों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी.

जोधपुर. राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश अरुण भंसाली ने गुरुवार को जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय द्वारा कोर्ट के आदेशों के 3 साल बाद भी एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर पद पर पदोन्नति नहीं देने के मामले में नाराजगी जताते हुए यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को तलब किया. हाईकोर्ट के तलब किए जाने के कुछ देर बाद ही रजिस्ट्रार अयूब खान कोर्ट पहुंचे और व्यक्तिगत रूप से पेश हुए.

हाईकोर्ट ने कहा कि वर्ष 2016 में कोर्ट में सह प्राध्यापको को केरियर एडवांस स्कीम के तहत प्रमोशन करने के निर्देश दिए थे और उसकी पूरी प्रक्रिया भी पूर्ण हो गई थी लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा इसे रोक दिया गया. प्रक्रिया के तहत लिफाफे खुलने थे, जो अभी तक नहीं खुले हैं. कोर्ट रजिस्ट्रार को निर्देश दिए है कि 27 सितंबर तक यह प्रक्रिया पूरी कर कोर्ट को अवगत कराएं अन्यथा अवमानना की कार्रवाई की जाएगी.

जेएनवीयू के एसोसिएट प्रोफेसर बनेंगे प्रोफेसर

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए अधिवक्ता नरपत सिंह चारण ने कोर्ट को बताया कि 3 साल से लगातार विश्वविद्यालय प्रबंधन इस मामले को टाले जा रहा है. जबकि यह प्रमोशन एडवांस करियर स्कीम के तहत होने थे, और उसके आवेदन भी विश्वविद्यालय ने ही मांगे थे.

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गौरतलब है कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में वर्ष 2016 में करियर एडवांस स्कीम के तहत सह प्राध्यापकों से प्रमोशन के लिए आवेदन मांगते हुए उनके साक्षात्कार कर प्रक्रिया पूर्ण की थी लेकिन इसके बाद यह लिफाफे अभी तक नहीं खोले गए. इसको लेकर पीड़ितों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी.

Intro:Body:जेएनवीयू के सहआचार्य बनेंगे आचार्य, हाइकोर्ट ने 27 सितंबर तक कार्रवाई पूर्ण करने के दिए निर्देश


जोधपुर ।
राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश अरुण भंसाली ने गुरुवार को जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय द्वारा कोर्ट के आदेशों के 3 साल बाद भी आचार्य से आचार्य पद पर पदोन्नति नहीं देने के मामले में नाराजगी जताते हुए यूनिवर्सिटी के रजिस्टर को तलब किया हाईकोर्ट के तलब किए जाने के कुछ देर बाद ही रजिस्टर अयूब खान कोर्ट पहुंचे और व्यक्तिगत रूप से पेश हुए हाईकोर्ट ने कहा कि वर्ष 2016 में कोर्ट में आचार्यों को केरियर एडवांस स्कीम के तहत प्रमोशन करने के निर्देश दिए थे और उसकी पूरी प्रक्रिया भी पूर्ण हो गई थी लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा इसे रोक दिया गया प्रक्रिया के तहत लिफाफे खुलने थे जो अभी तक नहीं खुले हैं कोर्ट रजिस्टार को निर्देश दिए कि 27 सितंबर तक यह प्रक्रिया पूरी कर कोर्ट को अवगत कराएं अन्यथा अवमानना की कार्रवाई की जाएगी याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए अधिवक्ता नरपत सिंह चारण ने कोर्ट को बताया कि 3 साल से लगातार विश्वविद्यालय प्रबंधन इस मामले को टाले जा रहा है जबकि यह प्रमोशन एडवांस करियर स्कीम के तहत होने थे, और उसके आवेदन भी विश्वविद्यालय ने ही मांगे थे।
गौरतलब है कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में वर्ष 2016 में करियर एडवांस स्कीम के तहत सर आचार्यों से प्रमोशन के लिए आवेदन मांगते हुए उनके साक्षात्कार कर प्रक्रिया पूर्ण की थी लेकिन इसके बाद यह लिफाफे अभी तक नहीं खोले गए इसको लेकर सा आचार्यों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी।
बाइट नरपत सिंह चारण अधिवक्ता याचिकाकर्ताConclusion:
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