जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने एनडीपीएस के एक मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पेश चौथी जमानत याचिका को मंजूर कर लिया. वहीं पुलिस महानिदेशक जयपुर को निर्देश दिए हैं कि मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए पुलिस अधिकारियों की गवाही को समयबद्ध पूरा करवाया जाए. जस्टिस विनीत कुमार माथुर की अदालत में गजनेर बीकानेर के सुनील ने एनडीपीएस के मामले में अधिवक्ता लोकेश माथुर के जरिये चौथी बार जमानत याचिका पेश की.
अधिवक्ता ने कहा कि तीसरी जमानत याचिका खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को परीक्षण जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा था लेकिन ट्रायल धीमी गति से चल रहा (Rajasthan High court on police behaviour in cases) है. साढ़े चार साल में 14 में से 7 गवाहों का ही परीक्षण पूरा हुआ है. जो गवाह है वो पुलिस विभाग के ही हैं, लेकिन गवाही के लिए समय पर कोर्ट नहीं आ रहे हैं. कोर्ट ने भी माना कि कोरोना काल में छूट दी थी, लेकिन उसका बहाना कर ट्रायल को लम्बित नहीं किया जा सकता है. बेवजह साढ़े चार साल तक आरोपी को कैद में नहीं रखा जा सकता है. कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका को मंजूर कर लिया. वहीं पुलिस महानिदेशक जयपुर को निर्देश दिए हैं कि जघन्य मामलों में पुलिस अधिकारियों की गवाही ट्रायल कोर्ट में समय पर पूरी की जाए ताकि मुकदमों को बेवजह लंबित नहीं रखा जाये और समय पर मुकदमों के निस्तारण के साथ त्वरित न्याय हो सके. इस आदेश की कॉपी भी पुलिस महानिदेशक को भेजने के निर्देश दिए हैं.
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