जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ के जस्टिस अरूण भंसाली ने अध्यापक भर्ती तृतीय श्रेणी में सामान्य शिक्षक पद के लिए विशेष शिक्षा के अभ्यर्थियों द्वारा दावा करना एवं सरकार द्वारा जारी भर्ती विज्ञप्ति एवं उसके लिए जारी एक आदेश को अवैधानिक घोषित करने के लिए दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया (Rajasthan High court on PIL on teachers bharti) है.
याचिकाएं खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि विशेष शिक्षा प्राप्त अभ्यर्थी सामान्य शिक्षक पद के लिए पात्र नहीं हो सकते. हाईकोर्ट में श्रवण गोदारा सहित कई याचिकाए दायर की गईं. इनमें कहा गया कि उन्होंने विशेष शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा कर रखा है. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल वन के लिए सरकार ने 31 दिसम्बर, 2021 को विज्ञप्ति जारी की. इसमें सामान्य शिक्षक व विशेष शिक्षक के पदों का वर्गीकरण किया है. जबकि अभ्यर्थी जिन्होंने डिप्लोमा कर रखा है वो भी सामान्य शिक्षक पद पर पात्र हैं.
सरकार ने विज्ञप्ति में न्यूनतम योग्यता में 3 मार्च, 2022 को शर्त जोड़ते हुए इन सभी को अपात्र घोषित किया है. इसीलिए सरकार के आदेश को अवैध घोषित करें और उनको सामान्य शिक्षक पद के लिए पात्र माना जाए. हाईकोर्ट ने याचिकाओं पर विस्तृत सुनवाई के बाद याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि एनसीटीई ने शिक्षक (सामान्य शिक्षा) के पद के लिए योग्यता और शिक्षक (विशेष शिक्षा) एक ही अधिसूचना द्वारा योग्यता 23 अगस्त, 2010 की अधिसूचना और संशोधित आदेश दिनांक 29 जुलाई, 2011 में तय की. इसके अनुसार याचिकाकर्ता सामान्य शिक्षा के लिए पात्र नहीं है. याचिकाकर्ता विशेष शिक्षा के लिए पात्र माने जाएंगे.