ETV Bharat / city

स्पेशल: राजस्थान हाईकोर्ट का नया भवन टेक्नोलॉजी से भरपूर, आप भी जान लीजिए ये खास खूबियां

राजस्थान हाईकोर्ट का नया भवन बन कर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन सोमवार 9 दिसंबर को राष्ट्रपति के हाथों से होगा. इस भवन को अत्याधुनिक तकनीकी और सुविधाओं युक्त बनाया गया है. साथ ही इस नए भवन में सभी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है.

high court building structure, नए हाईकोर्ट भवन की खबर
राजस्थान हाईकोर्ट की नई विल्डिंग...
author img

By

Published : Dec 6, 2019, 10:28 AM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट का नया भवन बन कर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन सोमवार 9 दिसंबर को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे. हाईकोर्ट का यह नया भवन अत्याधुनिक तकनीकी और आर्किटेक्चर की अपने आप में एक मिशाल है. वहीं इस भवन में न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं यहां तक की फरियादियों की सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है.

राजस्थान हाईकोर्ट की नई विल्डिंग...

यह नया भवन शहर से सटे झालामण्ड में जोधपुर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है. बता दें कि यह नवीन भवन 168.20 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसका मुख्य भवन 22.61 बीघा क्षेत्र में निर्मित किया गया है. हाईकोर्ट के निर्माण की लागत करीब 220 करोड़ रुपए के आसपास है.

ये पढ़ेंः राष्ट्रपति शुक्रवार को जोधपुर पहुंचेंगे, करेंगे हाईकोर्ट के नए भवन का उद्घाटन

संसद भवन से भी विशाल है नए हाईकोर्ट भवन का गुंबद...

उच्च न्यायालय भवन का विशाल गुंबद (डोम) अपने आप में खास है. इस डोम की जमीन तल से ऊंचाई 35 मीटर (करीब 120 फीट) है. इस डोम का व्यास 118 फीट का है. जो कि संसद भवन के डोम से भी बड़ा है. इस डोम में मारवाड़ की सांस्कृतिक परंपरा और कलात्मकता को प्रदर्शित किया गया है. मारवाड़ की चित्र शैली से उच्च न्यायालय की भव्य भवन के आकाश छूती गोल छत (डोम) को सुन्दर और भव्य बनाया गया है. बता दें कि यह चित्रकारी मूलत: वर्तमान में जोधपुर में रह रहे अजमेर निवासी चित्रकार हकीम शेख और उनके शिष्यों द्वारा अपने हाथों की अंगुलियों से उकेरा गया है. साथ ही हाईकोर्ट के इस नए भवन में संसद भवन की तरह दिखने वाले 182 स्तम्भ बने हैं, जिन पर यह पूरा भवन खड़ा है.

जन सुविधाओं से परिपूर्ण है यह भवन...

तीन मंजिला हाईकोर्ट भवन में निचले भूतल पर जन-सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं, जिनमें बैंक, पोस्ट ऑफिस, ई-मित्र, डिस्पेंसरी, कैंटीन, फोटो कॅापी की दुकानें, कानूनी किताबें, अन्य सामग्री की दुकानें, स्टेशनरी और कन्फेक्शनरी शॅाप्स (खाद्य सामग्री की दुकानें) और ऑडिटोरियम है.

ये पढ़ेंः जोधपुरः हाईकोर्ट की पुरानी बिल्डिंग में अंतिम सुनवाई, भावुक हुए न्यायाधीश और अधिवक्ता

हाईटेक है हाईकोर्ट भवन का ऑडिटोरियम...

भवन के भूतल पर नए हाईकोर्ट का ऑडिटोरिम बना है, जिसमें कोर्ट की सभी सेमिनार और कॉनफ्रेंस आयोजित होंगे. इस ऑडिटोरियम की खास बात ये है कि यहां आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का लाइव टेलिकास्ट पूरे हाईकोर्ट भवन में हो सकता है. साथ ही इस ऑडिटोरियम को हर तरह कि अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया है. इस भवन में एक बार में 232 लोगों के बैठने की क्षमता है.

न्यायाधीशों के आने के लिए अलग से रास्ता...

इस नए भवन में न्यायाधीशों के लिए एक विशेष व्यवस्था की है, जो कि अब तक देश के किसी भी न्यायालय भवन में नहीं है. इस नए भवन में जजों के आने के लिए अलग से गलियारा बनाया गया है, जिससे कि हाईकोर्ट के जजों को किसी प्रकार के भीड़-भाड़ से होकर गुजरना नहीं पड़ेगा. बता दें कि जज अपने वाहन को पार्किंग में खड़ा करके, सीधे इस गलियारे से अपने चैंबर में जा सकते हैं.

ये पढ़ेंः हाईकोर्ट के पुराने हेरिटेज भवन में आज अंतिम सुनवाई, 70 साल का साथ छूटेगा

महिला कर्मियों के लिए अलग से बना है क्रैच...

इस नवनिर्मित भवन में कोर्ट की महिला कर्मचारियों को सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है. जो महिला कर्मचारी हाईकोर्ट में अपने बच्चों के साथ आती है. उनके लिए कोर्ट के एक ब्लॉक में क्रैच तैयार किया है, जिसमें बच्चों के खेलने कि सुविधाएं हैं. साथ ही इसे ऐसा बनाया गया है कि यहां बच्चों का मन लगा रहेगा.

अधिवक्ताओं के लिए 400 चैंबर...

नए हाईकोर्ट भवन में अधिवक्ताओं को भी विशेष सुविधा दिया गया है. भवन के भीतर उनके लिए 400 सर्व सुविधा युक्त हाईटेक चैंबर बनाए गए हैं. प्रत्येक चैंबर में 4 अधिवक्तओं के बैठने की जगह होगी. यानि इस भवन में 1500 से अधिक अधिवक्ता एक साथ बैठ सकते हैं. यही नहीं इन चैंबरों के गलियारे में डिस्पले स्क्रीन और साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं. इन स्क्रीनों पर कोर्ट में चल रहे मामले की संख्या प्रदर्शित होगी, जिससे की वकीलों को अपडेट मिलता रहे. साथ ही वो अपने केस के लिए तैयार होकर वक्त पर कोर्ट रूम पहुंच सके.

फरियादियों का भी रखा गया है विशेष ध्यान...

यहां फरियादियों का भी विशेष ध्यान रखा गया है. उनके लिए भी सुविधाएं विकसित की गई है. यही कारण है कि जजेज इसके लिटिकेंट फ्रेंडली कोर्ट कह कह रहे हैं. वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट सहित कई राज्यों के न्यायालयों में कोर्ट रूम बाहर की तरफ ही बने हैं, जिसके चलते अधिवक्ता और फरियादी कोर्ट के बाहर के हिस्से तक ही आ जा सकते हैं. लेकिन जोधपुर के कोर्ट के नए भवन में कोर्ट रूम में अंदर बनाए हैं.

यहां कॅामन हॅाल, कॅान्फ्रेस हॅाल और प्रशासनिक मसलों पर न्यायाधीशों की बैठक के लिए फुल-कोर्ट रूम का भी निर्माण किया गया है. साथ ही नियमित रूप से सुनवाई करने वाली अदालतों के अलावा दो कक्ष लोक अदालत के लिए भी बनाए गए हैं.

राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा नवीन उच्च न्यायालय भवन का निर्माण करने वाले कारीगरों, इसकी डिजाइन बनाने वाले हुनरमंदों और निर्माणकर्ता एजेंसी राजस्थान स्टेट रोड डेवलमेंट एवं कंस्ट्रक्शन कॅारपोरेशन लिमिटेड से जुड़े अभियंताओं एवं वास्तुकारों का सम्मान भी किया जाएगा. इसके लिए अलग से समारोह आयोजित किया जाएगा.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट का नया भवन बन कर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन सोमवार 9 दिसंबर को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे. हाईकोर्ट का यह नया भवन अत्याधुनिक तकनीकी और आर्किटेक्चर की अपने आप में एक मिशाल है. वहीं इस भवन में न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं यहां तक की फरियादियों की सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है.

राजस्थान हाईकोर्ट की नई विल्डिंग...

यह नया भवन शहर से सटे झालामण्ड में जोधपुर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है. बता दें कि यह नवीन भवन 168.20 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसका मुख्य भवन 22.61 बीघा क्षेत्र में निर्मित किया गया है. हाईकोर्ट के निर्माण की लागत करीब 220 करोड़ रुपए के आसपास है.

ये पढ़ेंः राष्ट्रपति शुक्रवार को जोधपुर पहुंचेंगे, करेंगे हाईकोर्ट के नए भवन का उद्घाटन

संसद भवन से भी विशाल है नए हाईकोर्ट भवन का गुंबद...

उच्च न्यायालय भवन का विशाल गुंबद (डोम) अपने आप में खास है. इस डोम की जमीन तल से ऊंचाई 35 मीटर (करीब 120 फीट) है. इस डोम का व्यास 118 फीट का है. जो कि संसद भवन के डोम से भी बड़ा है. इस डोम में मारवाड़ की सांस्कृतिक परंपरा और कलात्मकता को प्रदर्शित किया गया है. मारवाड़ की चित्र शैली से उच्च न्यायालय की भव्य भवन के आकाश छूती गोल छत (डोम) को सुन्दर और भव्य बनाया गया है. बता दें कि यह चित्रकारी मूलत: वर्तमान में जोधपुर में रह रहे अजमेर निवासी चित्रकार हकीम शेख और उनके शिष्यों द्वारा अपने हाथों की अंगुलियों से उकेरा गया है. साथ ही हाईकोर्ट के इस नए भवन में संसद भवन की तरह दिखने वाले 182 स्तम्भ बने हैं, जिन पर यह पूरा भवन खड़ा है.

जन सुविधाओं से परिपूर्ण है यह भवन...

तीन मंजिला हाईकोर्ट भवन में निचले भूतल पर जन-सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं, जिनमें बैंक, पोस्ट ऑफिस, ई-मित्र, डिस्पेंसरी, कैंटीन, फोटो कॅापी की दुकानें, कानूनी किताबें, अन्य सामग्री की दुकानें, स्टेशनरी और कन्फेक्शनरी शॅाप्स (खाद्य सामग्री की दुकानें) और ऑडिटोरियम है.

ये पढ़ेंः जोधपुरः हाईकोर्ट की पुरानी बिल्डिंग में अंतिम सुनवाई, भावुक हुए न्यायाधीश और अधिवक्ता

हाईटेक है हाईकोर्ट भवन का ऑडिटोरियम...

भवन के भूतल पर नए हाईकोर्ट का ऑडिटोरिम बना है, जिसमें कोर्ट की सभी सेमिनार और कॉनफ्रेंस आयोजित होंगे. इस ऑडिटोरियम की खास बात ये है कि यहां आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का लाइव टेलिकास्ट पूरे हाईकोर्ट भवन में हो सकता है. साथ ही इस ऑडिटोरियम को हर तरह कि अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया है. इस भवन में एक बार में 232 लोगों के बैठने की क्षमता है.

न्यायाधीशों के आने के लिए अलग से रास्ता...

इस नए भवन में न्यायाधीशों के लिए एक विशेष व्यवस्था की है, जो कि अब तक देश के किसी भी न्यायालय भवन में नहीं है. इस नए भवन में जजों के आने के लिए अलग से गलियारा बनाया गया है, जिससे कि हाईकोर्ट के जजों को किसी प्रकार के भीड़-भाड़ से होकर गुजरना नहीं पड़ेगा. बता दें कि जज अपने वाहन को पार्किंग में खड़ा करके, सीधे इस गलियारे से अपने चैंबर में जा सकते हैं.

ये पढ़ेंः हाईकोर्ट के पुराने हेरिटेज भवन में आज अंतिम सुनवाई, 70 साल का साथ छूटेगा

महिला कर्मियों के लिए अलग से बना है क्रैच...

इस नवनिर्मित भवन में कोर्ट की महिला कर्मचारियों को सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया है. जो महिला कर्मचारी हाईकोर्ट में अपने बच्चों के साथ आती है. उनके लिए कोर्ट के एक ब्लॉक में क्रैच तैयार किया है, जिसमें बच्चों के खेलने कि सुविधाएं हैं. साथ ही इसे ऐसा बनाया गया है कि यहां बच्चों का मन लगा रहेगा.

अधिवक्ताओं के लिए 400 चैंबर...

नए हाईकोर्ट भवन में अधिवक्ताओं को भी विशेष सुविधा दिया गया है. भवन के भीतर उनके लिए 400 सर्व सुविधा युक्त हाईटेक चैंबर बनाए गए हैं. प्रत्येक चैंबर में 4 अधिवक्तओं के बैठने की जगह होगी. यानि इस भवन में 1500 से अधिक अधिवक्ता एक साथ बैठ सकते हैं. यही नहीं इन चैंबरों के गलियारे में डिस्पले स्क्रीन और साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं. इन स्क्रीनों पर कोर्ट में चल रहे मामले की संख्या प्रदर्शित होगी, जिससे की वकीलों को अपडेट मिलता रहे. साथ ही वो अपने केस के लिए तैयार होकर वक्त पर कोर्ट रूम पहुंच सके.

फरियादियों का भी रखा गया है विशेष ध्यान...

यहां फरियादियों का भी विशेष ध्यान रखा गया है. उनके लिए भी सुविधाएं विकसित की गई है. यही कारण है कि जजेज इसके लिटिकेंट फ्रेंडली कोर्ट कह कह रहे हैं. वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट सहित कई राज्यों के न्यायालयों में कोर्ट रूम बाहर की तरफ ही बने हैं, जिसके चलते अधिवक्ता और फरियादी कोर्ट के बाहर के हिस्से तक ही आ जा सकते हैं. लेकिन जोधपुर के कोर्ट के नए भवन में कोर्ट रूम में अंदर बनाए हैं.

यहां कॅामन हॅाल, कॅान्फ्रेस हॅाल और प्रशासनिक मसलों पर न्यायाधीशों की बैठक के लिए फुल-कोर्ट रूम का भी निर्माण किया गया है. साथ ही नियमित रूप से सुनवाई करने वाली अदालतों के अलावा दो कक्ष लोक अदालत के लिए भी बनाए गए हैं.

राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा नवीन उच्च न्यायालय भवन का निर्माण करने वाले कारीगरों, इसकी डिजाइन बनाने वाले हुनरमंदों और निर्माणकर्ता एजेंसी राजस्थान स्टेट रोड डेवलमेंट एवं कंस्ट्रक्शन कॅारपोरेशन लिमिटेड से जुड़े अभियंताओं एवं वास्तुकारों का सम्मान भी किया जाएगा. इसके लिए अलग से समारोह आयोजित किया जाएगा.

Intro:


Body:

संसद से भी बडा गुंबद है जोधपुर हाईकोर्ट नए भवन का डोम

जोधपुर। शहर के सटे झालामण्ड में जोधपुर-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 168.20 बीघा क्षेत्र में फैला उच्च न्यायालय का नवीन भवन न सिर्फ कलात्मक है, बल्कि कई मायनों में अनूठा और सुविधाओं से परिपूर्ण भी है। हाईकोर्ट का मुख्य भवन 22.61 बीघा क्षेत्र में निर्मित किया गया है नियमित रूप से सुनवाई करने वाली अदालतों के अलावा दो कक्ष लोक अदालत के लिए भी बनाए गए है। हाईकोर्ट के निर्माण की लागत करीब 220करोड रुपए हैं इसके अलावा यहां सुविधाएं विकसित करने के लिए भी करीब सौ रुपए खर्च हो रहे हैं। यहां फरियादियों के लिए भी विशेष ध्यान रखा गया है। उनके लिए भी सुविधाएं विकसित की गई है। यही कारण है कि जजेज इसके लिटिकेंट फ्रेंडली कोर्ट कहते हैं। क्योंकि वर्तमान में सुप्रीमकोर्ट सहित कई राज्यों के न्यायालयों में कोर्ट रूम बाहर की तरफ ही बने हैं जिसके चलते अधिवक्ता व फरियादी कोर्ट के बाहर के हिस्से तक ही आ जा सकते हैं। जोधपुर के कोर्ट के नए भवन में  कोर्ट रूम में अंदर बनाए हैं। यहां  कॅामन हॅाल, कॅान्फ्रेस हॅाल और प्रशासनिक मसलों पर न्यायाधीशों की बैठक के लिए फुल-कोर्ट रूम का भी निर्माण किया गया है। गोलाई में बने उच्च न्यायालय भवन का विशाल डोम भी काफी अलग है। इस डोम की जमीन तल से ऊंचाई 35 मीटर यानि करीब 120 फीट है तथा डोम का व्यास 118 फीट का है। मारवाड़ की सांस्कृतिक परंपरा एवं कलात्मक परिवेश को प्रदर्शित करने के माध्यमों में मारवाड़ की चित्र शैली प्रमुख थी। इसी चित्र शैली के मध्यनजर उच्च न्यायालय की भव्य भवन के आकाश छूती गोल छत(डोम) को सुन्दर और भव्य बनाने के लिए उपयोग किया गया है। यह चित्रकारी मूलत: जोधपुर के वर्तमान में अजमेर निवासी चित्रकार हकीम शेख और उनके शिष्यों द्वारा अपने हाथों की अंगुलियों से उकेरा गया है। राजस्थान उच्च न्यायालय के नवीन भवन में फरियादियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है। तीन मंजिला हाईकोर्ट भवन में निचले भूतल पर जन-सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। जिनमें बैंक, पोस्ट अॅाफिस, ई-मित्र, डिस्पेंसरी, कैंटीन, फोटो कॅापी की दुकानें, कानूनी किताबों एवं अन्य सामग्री की दुकानें, स्टेशनरी एवं कन्फेक्शनरी शॅाप्स(खाद्य सामग्री की दुकानें) एवं अॅाडिटोरियम है।  दो हजार वर्ग फीट की लाइब्रेरी बनाई गई है। भवन में अधिवक्ताओं की सहूलियत का भी पूरा ध्यान रखा गया है। यहां 3.58 बीघा क्षेत्र में अधिवक्ताओं के लिए 373 चैम्बर्स एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं के लिए 64 सुविधापूर्ण चैम्बर्स बनाए गए है। सभी चैम्बर्स उच्च न्यायालय के मुख्य परिसर से जुड़े हुए है। प्रवेश के 6 द्वार हैं जिनमें प्रवेश करने वाले तय किए गए हैं। राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा नवीन उच्च न्यायालय भवन का निर्माण करने वाले कारीगरों, इसकी डिजाइन बनाने वाले हुनरमंदों और निर्माणकर्ता एजेंसी राजस्थान स्टेट रोड डवलमेंट एवं कंस्ट्रक्शन कॅारपोरेशन लिमिटेड से जुडे अभियंताओं एवं वास्तुकारों का सम्मान भी किया जाएगा। इसके लिए अलग से समारोह आयोजित किया जाएगा


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.