जोधपुर. प्रदेश में पुलिस विभाग में कम नफरी को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों पर राजस्थान उच्च न्यायालय ने प्रसंज्ञान लेकर दायर की गई जनहित याचिका (Suo moto cognizance By Rajasthan HC) पर सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश एसएस शिंदे और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नया हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया.
कोर्ट ने कई सवालों के साथ आदेश जारी किया. जिसमें सम्बंधित अधिकारी को निर्देशित किया है कि वो हलफनामे में पुलिस विभाग में विभिन्न पदों के लिए कितनी रिक्तियां हैं और राज्य सरकार उनको भरने के लिए क्या कदम उठा रही है, कौन कौन से पदों के लिए विज्ञापन की तारीखों सहित रिक्तियां में कितने पदों पर भर्ती प्रक्रिया किस स्टेज पर चल रही है सभी का ब्यौरा पेश करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि 28 जुलाई 2022 से पहले हलफनामा पेश करें और उसकी एक कॉपी न्यायमित्र को भी उपलब्ध कराई जाए.
मामले में अगली सुनवाई 03 अगस्त को मुकरर्र की गई है. राज्य सरकार की ओर से एएजी करणसिंह राजपुरोहित, भारत सरकार की ओर से एएसजी मुकेश राजपुरोहित और न्यायमित्र धीरेन्द्रसिंह सोढा मौजूद रहे. देशभर में पुलिस विभाग में नफरी की कमी को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका विचाराधीन थी जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने देश के सभी उच्च न्यायालयों को निर्देश दिए थे कि सभी प्रसंज्ञान (Suo moto cognizance By Rajasthan HC) लेकर जनहित याचिका दायर कर इसका निस्तारण करें. जनहित याचिका दायर कर प्रदेश में पुलिस विभाग में नफरी को लेकर की क्या स्थिति है उसकी रिपोर्ट मांगी थी. प्रदेश में आईपीएस से लेकर कांस्टेबल लेवल तक कितने पद हैं, कितनी की और आवश्यकता है साथ ही बढ़ती जनसंख्या के अनुसार कितने पदों की आवश्यकता है यह सभी आंकड़े सरकार से मांगे गए थे.