जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने मानसिक विकारों से पीड़ित कैदियों की नारी निकेतन में स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. खास तौर पर जयपुर, जोधपुर और अजमेर में स्थिति बेहद चिंताजनक पाई गई है. जिसे लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नियमित रूप से उनकी जांच के निर्देश दिये हैं.
नियमित रूप से जांच के आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश में कहा कि मनोचिकित्सक विशेषज्ञ नियमित रूप से उनकी जांच (Regular medical checkup in Nari Niketan) करें और साप्ताहिक रिपोर्ट तैयार करें. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ के समक्ष एक याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से एएजी अनिल गौड और एएजी पंकज शर्मा ने पूर्व आदेश की पालना रिपोर्ट पेश की, जिसे रिकार्ड पर लेते हुए न्यायमित्र डॉ नुपूर भाटी को उसकी कॉपी देने के निर्देश दिये गये.
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3 जिलों में स्थिति चिंताजनक
राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) ने विधिक सेवा समिति की ओर से पेश रिपोर्ट का अवलोकन किया गया. जिसमें खुलासा हुआ कि प्रदेश के सातों नारी निकेतन जिनमें 121 मानसिक विकारों से पीड़ित कैदियों को रखा गया है. उनकी हालक खासतौर पर जयपुर, जोधपुर और अजमेर की स्थिति ज्यादा चिंताजनक है. कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए एएजी पंकज शर्मा को निर्देश दिये है कि मनोचिकित्सक विशेषज्ञों को नारी निकेतन नियमित रूप से भेजा जाये और उनकी रिपोर्ट तैयार करें. ताकि उन पीड़ितों का उपचार समय पर हो सके. याचिका पर अगली सुनवाई 25 फरवरी को की जाएगी.