जोधपुर. देश की सबसे सुरक्षित जेलों में जोधपुर सेंट्रल जेल दूसरे स्थान पर आती है. माना जाता है, कि जोधपुर सेंट्रल जेल में वर्तमान में लगभग 1500 कैदी अलग-अलग मामलों में जेल के अंदर सजा काट रहे हैं. जिनके लिए जोधपुर सेंट्रल जेल में ही जेल प्रशासन की ओर से कैदियों के इलाज के लिए डिस्पेंसरी बनाई गई है.
बता दें, कि पहले जेल में यदि कोई कैदी बीमार हो जाता था तो उसे संभाग के सबसे बड़े अस्पताल मथुरादास माथुर अस्पताल में लाया जाता था और वहां उसका पुलिस सुरक्षा के बीच इलाज करवाया जाता था, लेकिन अब जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी डिस्पेंसरी में कैदियों को जिला अस्पताल में मिलने वाली सभी सुविधाएं जेल के अंदर ही मिल रही हैं.
जेल में बनी डिस्पेंसरी में जेल प्रशासन की ओर से कैदियों के इलाज हेतु सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रहीं हैं. जिनमें मुख्य रूप से सोनोग्राफी, एक्स-रे, खून जांच, दांतों की जांच सहित अन्य जांचें नि:शुल्क जेल की डिस्पेंसरी में ही उपलब्ध करवाई जा रही हैं.
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जोधपुर सेंट्रल जेल के जेल सुप्रिडेंट कैलाश त्रिवेदी ने बताया, कि जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी डिस्पेंसरी में एक जिला अस्पताल जैसी सुविधाएं कैदियों को मुहैया कराई जा रही हैं. राज्य सरकार की ओर से जेल में मेडिकल संबंधित सभी उपकरण मुहैया कराए गए हैं. पहले कैदियों को छोटी-मोटी बीमारी होने पर मथुरादास माथुर अस्पताल ले जाया जाता था, लेकिन अब जेल में ही बनी डिस्पेंसरी में सभी सुविधाएं होने के कारण कैदियों का प्राथमिक उपचार यहीं किया जाता है.
उन्होंने बताया. कि जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी डिस्पेंसरी में दो रेजिडेंट डॉक्टर लगाए गए हैं, जो अलग-अलग शिफ्ट में 8- 8 घंटे की ड्यूटी करते हैं और इमरजेंसी के समय ऑन कॉल पर भी वे आ जाते हैं. साथ ही जेल में बनी डिस्पेंसरी में एक डेंटिस्ट चेयर और एक डेंटिस्ट भी लगाया गया है.
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जेल सुप्रिडेंट ने बताया, कि जेल में दो सीनियर मेडिकल ऑफिसर एक साइकेट्रिक डॉक्टर, एक असिस्टेंट रेडियोग्राफर भी जेल में लगे हुए हैं. देखा जाए तो जोधपुर सेंट्रल जेल के डिस्पेंसरी में कैदियों को जिला अस्पताल जैसी सुविधाएं मिल रहीं हैं. साथ ही गंभीर बीमारी वाले कैदियों को ही जोधपुर सेंट्रल जेल से बाहर लाया जाता है.