जोधपुर. पूर्व केंद्रीय मंत्री व पाली सांसद पीपी चौधरी ने कहा है कि भारत के लोकतंत्र के इतिहास में आपातकाल एक काला अध्याय और काला दिन के रूप में याद किया जाएगा. उस समय सिर्फ मां-बेटे की चलती थी और आज भी कांग्रेस में मां बेटे की ही चल रही है. परिवावाद ही इस पार्टी की देन है.
आपातकाल (Emergency) के 46 साल पूरे होने के मौके पर जोधपुर में पूर्व केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी (Former Union Minister PP Chaudhary) ने प्रेस वार्ता की. जिसमें उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के चुनाव को सुप्रीम कोर्ट की ओर से अवैध घोषित कर दिया. उसके बाद कोर्ट ने 20 दिन का समय इंदिरा गांधी को दिया गया था. जिसका फायदा उठाकर इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा दिया. संजय गांधी (Sanjay Gandhi) ने भी उस समय 83 लाख लोगों की नसबंदी जबरदस्ती करवा दी थी. लाखों लोगों को जेल में ठूंस दिया था.
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CM गहलोत से की मांग
पीपी चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरा है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की वकालत करने वाले गहलोत (Ashok Gehlot) को स्वीकार करना चाहिए. साफ रूप से कहना चाहिए कि आपातकाल इंदिरा गांधी की बड़ी भूल थी या फिर गहलोत माने की आपातकाल सही था.
देश में 24 जून 1975 की रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राष्ट्रपति से आपातकाल पर हस्ताक्षर करवा लिए थे. जिसके बाद 25 जून से पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया गया. इस दौरान हजारों लाखों लोगों की गिरफ्तारियां हुई थी.