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MDM अस्पताल की 'पोस्ट कोरोना ओपीडी' में आने लगे मरीज, इन 'खास' परेशानियों की होगी जांच

जोधपुर में एमडीएम के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर ने एक रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत ओपीडी शुरू की है. इसमें यह पता लगाया जा रहा है कि कोरोना से ठीक होने के बाद किस तरह की परेशानियां मरीज को घेरती हैं.

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ओपीडी शुरू की गई
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Published : Aug 28, 2020, 5:36 PM IST

जोधपुर. जिले के संभाग के सबसे बड़े मथुरा दास माथुर अस्पताल में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के स्वास्थ्य की जांच के लिए पोस्ट कोरोना ओपीडी शुरू हो चुकी है. प्रतिदिन मरीजों का आना भी शुरू हो गया है. कोरोना से ठीक होने के 28 दिन बाद यहां पर कोई भी मरीज आकर परामर्श प्राप्त कर सकता है कि उसे कोई परेशानी है या नहीं. अगर है तो वह उसे यहां बता सकता है. वहीं इसके हिसाब से उसका ट्रीटमेंट भी किया जाएगा.

पोस्ट कोरोना ओपीडी में आने लगे मरीज

जानकारी के अनुसार एमडीएम के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर ने एक रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत यह ओपीडी शुरू की है. इसमें यह पता लगाया जा रहा है कि कोरोना से ठीक होने के बाद किस तरह की परेशानियां मरीज को घेरती है. अब तक जो चीजें सामने आ रही है, उसमें यह पता चल रहा है कि कई मरीज डिप्रेशन का शिकार हो गए हैं. उनके लिए यहां साइकेट्रिक डॉक्टर भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

पढ़ेंः BJP का हल्ला बोल अभियान शुरू, पूनिया ने कहा- 20 महीने हो गए, राजस्थान की जनता पूछ रही कब होगा

इसके अलावा वृद्ध मरीजों के फेफड़ों की जांच अनिवार्य रूप से की जा रही है, क्योंकि विश्व स्तरीय रिसर्च में यह सामने आया है कि फेफड़ों से कोरोना खत्म नहीं होता है. मृत कोशिकाएं मौजूद रहती हैं. ऐसे में उनके वापस एक्टिव होने पर फेफड़ों के सिकुड़ने का खतरा बना रहता है जो आगे अन्य बीमारी से ग्रसित होने पर मरीज के लिए परेशानी बन सकता है. इसके अलावा कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों के हृदय और गुर्दे से जुड़ी परेशानियों को लेकर भी डॉक्टर मरीज से सवाल पूछ रहे हैं.

जोधपुर. जिले के संभाग के सबसे बड़े मथुरा दास माथुर अस्पताल में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के स्वास्थ्य की जांच के लिए पोस्ट कोरोना ओपीडी शुरू हो चुकी है. प्रतिदिन मरीजों का आना भी शुरू हो गया है. कोरोना से ठीक होने के 28 दिन बाद यहां पर कोई भी मरीज आकर परामर्श प्राप्त कर सकता है कि उसे कोई परेशानी है या नहीं. अगर है तो वह उसे यहां बता सकता है. वहीं इसके हिसाब से उसका ट्रीटमेंट भी किया जाएगा.

पोस्ट कोरोना ओपीडी में आने लगे मरीज

जानकारी के अनुसार एमडीएम के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर ने एक रिसर्च प्रोजेक्ट के तहत यह ओपीडी शुरू की है. इसमें यह पता लगाया जा रहा है कि कोरोना से ठीक होने के बाद किस तरह की परेशानियां मरीज को घेरती है. अब तक जो चीजें सामने आ रही है, उसमें यह पता चल रहा है कि कई मरीज डिप्रेशन का शिकार हो गए हैं. उनके लिए यहां साइकेट्रिक डॉक्टर भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.

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इसके अलावा वृद्ध मरीजों के फेफड़ों की जांच अनिवार्य रूप से की जा रही है, क्योंकि विश्व स्तरीय रिसर्च में यह सामने आया है कि फेफड़ों से कोरोना खत्म नहीं होता है. मृत कोशिकाएं मौजूद रहती हैं. ऐसे में उनके वापस एक्टिव होने पर फेफड़ों के सिकुड़ने का खतरा बना रहता है जो आगे अन्य बीमारी से ग्रसित होने पर मरीज के लिए परेशानी बन सकता है. इसके अलावा कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों के हृदय और गुर्दे से जुड़ी परेशानियों को लेकर भी डॉक्टर मरीज से सवाल पूछ रहे हैं.

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