जोधपुर. कोरोना काल के दो साल बाद राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर माने जाने वाली शाही पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन फिर से शुरू हो गई है. शाही पैलेस ऑन व्हील्स अपनी पहली यात्रा में दिल्ली से रवाना होकर राजस्थान के कई जगहों से होते हुए सोमवार को जोधपुर (Shahi Palace on Wheels train in Jodhpur) पहुंची. जोधपुर के उपनगरीय मंडोर रेलवे स्टेशन पर शाही पैलेस ऑन व्हील्स के 35 पर्यटकों का आरटीडीसी की ओर से स्वागत किया. आरटीडीसी ने पर्यटकों के स्वागत के लिए बीएसएफ का बैंड वादन करवाया. बीएसएफ बैंड ने पधारो म्हारे देश और राजस्थानी धुनों पर सैलानियों का मन मोह लिया. पर्यटक इन धुनों पर खुद को थिरकने से नहीं रोक पाए.
शाही पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन अपनी सात दिवसीय यात्रा के दौरान सोमवार को जयपुर, बूंदी, जैसलमेर से होते हुए जोधपुर पहुंची. जोधपुर के ये ट्रेन भरतपुर होते हुए आगरा के ताजमहल पर अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंचेगी. जिसके बाद वापस ट्रेन दिल्ली पहुंचकर अपनी यात्रा पूरी करेगी. आरटीडीसी जोधपुर के महाप्रबंधक मानवेंद्र सिंह ने बताया कि जोधपुर में सैलानी मेहरानगढ़, जसवंत थडा और उम्मेद भवन का भ्रमण करेंगे, साथ जोधपुरी भोजन का भी आंनद लेंगे.
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पैलेस ऑन व्हील्स अपने आप में रखती है अलग पहचान: पैलेस ऑन व्हील्स के प्रभारी प्रदीप बोहरा ने बताया कि पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन अपने नाम के अनुरूप शाही अनुभव भी देती है. जितनी सुंदर और मनमोहक यह बाहर से दिखती है. उससे कहीं ज्यादा सुंदर और कलात्मक अंदर से भी है. इस ट्रेन को आठवां अजूबा भी कहा जाता है. इसकी वजह हैं पैलेस ऑन व्हील्स इसमें सत्कार के रूप में राजशाही को अपने में संजोए है. एनआरआई पर्यटक मनजोत ने बताया कि वह पहले भी इसमें आ चुकी हैं और वह इस बार बच्चों को भी लेकर आई हैं. ट्रेन की सुविधाओं में कोई कमी नहीं है.