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प्याज का शतक! जोधपुर में 80 रुपए किलो प्याज...गृहणियां 4 के बदले 1 प्याज से चला रहीं काम, छात्रों ने कहा- इससे अच्छा सेब ही खा लें

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Published : Nov 28, 2019, 1:14 PM IST

इन दिनों प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं. बता दें कि जहां गृहणियां एक सब्जी में चार प्याज का उपयोग करती थीं, वह अब एक प्याज का उपयोग करने लगी हैं. जबकि शहर में आकर पढ़ाई करने वाले छात्र जो हर सब्जी में प्याज का उपयोग करते थे, वो प्याज की जगह सेब खाने की बात कर रहे हैं. क्योंकि सेब प्याज से सस्ती मिल रही है.

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जोधपुर में प्याज 80 रुपये किलो बिक रहा

जोधपुर. दक्षिणी भारत में प्याज की फसल को बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है, जिसकी वजह से राजस्थान सहित पूरे देश में लोग महंगा प्याज खरीदने को मजबूर हैं. खासतौर से बेलगाम, हुबली के प्याज को बड़ा नुकसान हुआ है. इसके अलावा पिछले दिनों नासिक में हुई लगातार बारिश ने भी प्याज को खराब किया है. यही कारण है कि अब बाजार में दो तरह का प्याज आ रहा है, जो महंगा बिक रहा है.

जोधपुर में प्याज 80 रुपये किलो बिक रहा

महंगाई का एक बड़ा कारण यह भी है कि बोरी के कट्टों में आने वाला प्याज खराब निकल रहा है, जिसके भाव ग्राहक तक पहुंचते-पहुंचते दोगुने हो रहे हैं. बता दें कि हुबली का स्टोरेज किया हुआ प्याज भी खराब आ रहा है. वहीं नासिक का प्याज थोड़ा कम खराब आ रहा है. हुबली का प्याज इतना खराब है कि 1 किलो में 200 ग्राम प्याज खराब निकल रहा है, फिर भी अभी बाजार में 60 से 65 रुपये किलो बिक रहा है. जबकि थोड़ा कम गिला नासिक का लाल प्याज 80 रुपये किलो बिक रहा है. प्याज की आवक कम होने का असर इतना है कि जहां जोधपुर की मंडी में प्रतिदिन 5 से 7 ट्रक तक आते थे, अब 2 से 3 तक रह गए हैं. यही कारण है कि मंडी में हर कोई प्याज बेचने से कतरा रहा है.

बता दें कि गिनती के कुछ ही व्यापारी रह गए हैं, जो प्याज खरीद रहे हैं. इसी की वजह से भावों में उतार चढ़ाव आ रहा है, जिसका सीधा असर जनता पर भी नजर आ रहा है. जहां गृहणियां एक सब्जी में चार प्याज का उपयोग करती थीं, वह एक प्याज का उपयोग करने लगी हैं. जबकि शहर में आकर पढ़ाई करने वाले छात्र जो हर सब्जी में प्याज का उपयोग करते थे, वो प्याज की जगह सेब खाने की बात कर रहे हैं, क्योंकि सेब प्याज से सस्ता मिल रहा है.

यह भी पढे़ं: स्पेशल रिपोर्ट: रसोई से प्याज गायब, कीमत जान दुकानों से लौट जाते हैं लोग

जोधपुर के प्याज के होलसेल विक्रेता कन्हैयालाल का कहना है कि फिलहाल 2-3 महीने तक प्याज के भाव में कोई कमी का आसार नजर नहीं आ रहा है. फरवरी के अंत में राजस्थान में सीकर का प्याज और मई में जोधपुर का प्याज बाजार में आएगा, तब तक राजकोट के प्याज से ही काम चलाना होगा और मांग के अनुरूप उपलब्धता नहीं होने से प्याज के दाम बढ़ते ही रहेंगे.

जोधपुर. दक्षिणी भारत में प्याज की फसल को बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है, जिसकी वजह से राजस्थान सहित पूरे देश में लोग महंगा प्याज खरीदने को मजबूर हैं. खासतौर से बेलगाम, हुबली के प्याज को बड़ा नुकसान हुआ है. इसके अलावा पिछले दिनों नासिक में हुई लगातार बारिश ने भी प्याज को खराब किया है. यही कारण है कि अब बाजार में दो तरह का प्याज आ रहा है, जो महंगा बिक रहा है.

जोधपुर में प्याज 80 रुपये किलो बिक रहा

महंगाई का एक बड़ा कारण यह भी है कि बोरी के कट्टों में आने वाला प्याज खराब निकल रहा है, जिसके भाव ग्राहक तक पहुंचते-पहुंचते दोगुने हो रहे हैं. बता दें कि हुबली का स्टोरेज किया हुआ प्याज भी खराब आ रहा है. वहीं नासिक का प्याज थोड़ा कम खराब आ रहा है. हुबली का प्याज इतना खराब है कि 1 किलो में 200 ग्राम प्याज खराब निकल रहा है, फिर भी अभी बाजार में 60 से 65 रुपये किलो बिक रहा है. जबकि थोड़ा कम गिला नासिक का लाल प्याज 80 रुपये किलो बिक रहा है. प्याज की आवक कम होने का असर इतना है कि जहां जोधपुर की मंडी में प्रतिदिन 5 से 7 ट्रक तक आते थे, अब 2 से 3 तक रह गए हैं. यही कारण है कि मंडी में हर कोई प्याज बेचने से कतरा रहा है.

बता दें कि गिनती के कुछ ही व्यापारी रह गए हैं, जो प्याज खरीद रहे हैं. इसी की वजह से भावों में उतार चढ़ाव आ रहा है, जिसका सीधा असर जनता पर भी नजर आ रहा है. जहां गृहणियां एक सब्जी में चार प्याज का उपयोग करती थीं, वह एक प्याज का उपयोग करने लगी हैं. जबकि शहर में आकर पढ़ाई करने वाले छात्र जो हर सब्जी में प्याज का उपयोग करते थे, वो प्याज की जगह सेब खाने की बात कर रहे हैं, क्योंकि सेब प्याज से सस्ता मिल रहा है.

यह भी पढे़ं: स्पेशल रिपोर्ट: रसोई से प्याज गायब, कीमत जान दुकानों से लौट जाते हैं लोग

जोधपुर के प्याज के होलसेल विक्रेता कन्हैयालाल का कहना है कि फिलहाल 2-3 महीने तक प्याज के भाव में कोई कमी का आसार नजर नहीं आ रहा है. फरवरी के अंत में राजस्थान में सीकर का प्याज और मई में जोधपुर का प्याज बाजार में आएगा, तब तक राजकोट के प्याज से ही काम चलाना होगा और मांग के अनुरूप उपलब्धता नहीं होने से प्याज के दाम बढ़ते ही रहेंगे.

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Body:जोधपुर में प्याज 80 रुपये किलो, 3 माह तक भाव उतरने के आसार नहीं

जोधपुर ।

दक्षिणी भारत में प्याज की फसल को बारिश के नुकसान के चलते राजस्थान सहित पूरे देश में लोग महंगा प्याज खरीदने को मजबूर हैं खासतौर से कर्नाटक के बेलगाम हुबली के प्याज को बड़ा नुकसान हुआ है इसके अलावा पिछले दिनों नासिक में हुई लगातार बारिश ने भी प्याज को खराब किया है यही कारण है कि अब बाजार में दो प्याज तरह का प्याज आ रहा है जो महंगा बिक रहा है । महंगाई का एक बड़ा कारण यह भी है कि बोरी युवक कट्टों में आने वाले प्याज में इतना ज्यादा प्याज खराब निकल रहा है जिसकी वजह से भाव ग्राहक तक पहुंचते-पहुंचते दुगुने हो रहे हैं। हुबली का स्टोरेज किया हुआ प्याज भी खराब आ रहा है नासिक का प्याज आ रहा है हुबली का प्याज इतना खराब है कि 1 किलो में 200 ग्राम प्याज खराब निकल रहा है फिर भी अभी बाजार में 60 से ₹65 किलो बिक रहा है जबकि थोड़ा कम गिला नासिक का लाल प्याज ₹80 किलो बिक रहा है। प्याज की आवक कम होने का असर इतना है कि जहां जोधपुर की मंडी में प्रतिदिन 5 से 7 ट्रक तक आते थे अब 2 से 3 तक रह गए हैं यही कारण है कि मंडी में हर कोई प्याज बेचने से कतरा रहा है। गिनती के फुटकर व्यापारी रह गए है इसकी वजह है भावो में हर आ रहा उतार चढ़ाव। इसका असर जनता पर भी नजर आ रहा है ग्रहणीयां जहां एक सब्जी में चार प्याज का उपयोग करती थी वह एक प्याज उपयोग करने लगी है। जबकि शहर में आकर पढ़ाई करने वाले छात्र जो हर सब्जी में प्याज का उपयोग करते थे वो प्याज की जगह सेव खाने की बात कर रहे है। क्योंकि सेव प्याज से सस्ती मिल रही है। जोधपुर के प्याज के होलसेल विक्रेता कन्हैयालाल का कहना है कि फिलहाल 2 महीने तक प्याज के भाव में कोई कमी  का आसार नजर नही आ रहा है फरवरी के अंत में राजस्थान में सीकर का प्याज और मई में जोधपुर का प्याज बाजार में आएगा तब तक राजकोट के प्याज से ही काम चलाना होगा और मांग के अनुरूप उपलब्धता नहीं होने से प्याज के दाम बढ़े ही रहेंगे।


बाईट 1: मिराजुद्दीन, फुटकर व्यापारी

बाईट 2 :  प्रेमाराम, छात्र

बाईट 3 अशोक छात्र

बाईट 4 श्रवण, फुटकर व्यापारी

बाईट 5 सिकंदर फुटकर व्यापारी

बाईट 6 गुलाम रब्बानी, स्थानीय नागरिक

बाईट 7 पिंकी पंडित ग्रहणी

बाईट 8 कन्हैयालाल, प्याज के थोक विक्रेता




Conclusion:
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