जोधपुर. दक्षिणी भारत में प्याज की फसल को बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है, जिसकी वजह से राजस्थान सहित पूरे देश में लोग महंगा प्याज खरीदने को मजबूर हैं. खासतौर से बेलगाम, हुबली के प्याज को बड़ा नुकसान हुआ है. इसके अलावा पिछले दिनों नासिक में हुई लगातार बारिश ने भी प्याज को खराब किया है. यही कारण है कि अब बाजार में दो तरह का प्याज आ रहा है, जो महंगा बिक रहा है.
महंगाई का एक बड़ा कारण यह भी है कि बोरी के कट्टों में आने वाला प्याज खराब निकल रहा है, जिसके भाव ग्राहक तक पहुंचते-पहुंचते दोगुने हो रहे हैं. बता दें कि हुबली का स्टोरेज किया हुआ प्याज भी खराब आ रहा है. वहीं नासिक का प्याज थोड़ा कम खराब आ रहा है. हुबली का प्याज इतना खराब है कि 1 किलो में 200 ग्राम प्याज खराब निकल रहा है, फिर भी अभी बाजार में 60 से 65 रुपये किलो बिक रहा है. जबकि थोड़ा कम गिला नासिक का लाल प्याज 80 रुपये किलो बिक रहा है. प्याज की आवक कम होने का असर इतना है कि जहां जोधपुर की मंडी में प्रतिदिन 5 से 7 ट्रक तक आते थे, अब 2 से 3 तक रह गए हैं. यही कारण है कि मंडी में हर कोई प्याज बेचने से कतरा रहा है.
बता दें कि गिनती के कुछ ही व्यापारी रह गए हैं, जो प्याज खरीद रहे हैं. इसी की वजह से भावों में उतार चढ़ाव आ रहा है, जिसका सीधा असर जनता पर भी नजर आ रहा है. जहां गृहणियां एक सब्जी में चार प्याज का उपयोग करती थीं, वह एक प्याज का उपयोग करने लगी हैं. जबकि शहर में आकर पढ़ाई करने वाले छात्र जो हर सब्जी में प्याज का उपयोग करते थे, वो प्याज की जगह सेब खाने की बात कर रहे हैं, क्योंकि सेब प्याज से सस्ता मिल रहा है.
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जोधपुर के प्याज के होलसेल विक्रेता कन्हैयालाल का कहना है कि फिलहाल 2-3 महीने तक प्याज के भाव में कोई कमी का आसार नजर नहीं आ रहा है. फरवरी के अंत में राजस्थान में सीकर का प्याज और मई में जोधपुर का प्याज बाजार में आएगा, तब तक राजकोट के प्याज से ही काम चलाना होगा और मांग के अनुरूप उपलब्धता नहीं होने से प्याज के दाम बढ़ते ही रहेंगे.