जोधपुर. महात्मा गांधी अस्पताल में शव की कोरोना की जांच के लिए लिया गया सैंपल अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते गुम हो गया. ऐसे मामलों में 2 घंटे में रिपोर्ट देने का प्रावधान है, लेकिन दूसरे दिन तक जांच रिपोर्ट नहीं आई. इस कारण पिछले 24 घंटे बाद भी शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है. गांव में बड़ी संख्या में लोग शव का इंतजार कर रहे हैं.
दरअसल, गांव बावड़ी निवासी कृषक करनाराम को गुरुवार दोपहर करंट लग गया था, जिसके चलते उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी. पुलिस उसका शव लेकर रात को महात्मा गांधी अस्पताल पहुंची, जहां करीब 11:30 बजे कोरोना के लिए शव का नमूना लिया गया. परिजनों को यह बताया गया कि नमूने की रिपोर्ट आने के बाद ही पोस्टमार्टम होगा.
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सुबह परिजन मोर्चरी पर पहुंच गए, लेकिन पता किया तो सामने आया कि अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है. जबकि ऐसे मामलों में 2 घंटे में रिपोर्ट देने का प्रावधान किया गया है. इस पर एक परिजन ने डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में संपर्क किया. जहां पता चला कि रात को उनको करनाराम के नाम से कोई नमूना नहीं प्राप्त हुआ है. मेडिकल कॉलेज से इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को भी दी गई. इसके बाद हड़कंप सा मच गया. आनन-फानन में दोपहर बाद करनाराम के शव का दोबारा नमूना लिया गया और उसे जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया.
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इस प्रकरण पर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. महेश भाटी ने परिजनों से खेद जताया. उन्होंने कहा कि रोजाना बड़ी संख्या में नमूने लिए जाते हैं, लेकिन यह कहीं मिस हुआ है. इसलिए मैं परिजनों से खेद जताता हूं. लेकिन रिपोर्ट आने के बाद ही करनाराम के शव के अंतिम संस्कार का निर्णय होगा. अगर नेगेटिव रिपोर्ट हुई तो परिजन को शव सौंपा जाएगा. पॉजिटिव होने की स्थिति में सरकारी व्यवस्था की देखरेख में अंतिम संस्कार होगा. वहीं दूसरी ओर गांव में शव का इंतजार कर रहे परिजनों की इस घटनाक्रम से परेशानी बढ़ गई है. अस्पताल की लापरवाही के चलते पोस्टमार्टम नहीं होने से पुलिस को भी मौके पर ही रुकना पड़ रहा है.