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जोधपुर: महात्मा गांधी अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज में सामने आई लापरवाही

जोधपुर में महात्मा गांधी अस्पताल में कोरोना पेशेंट के पास उनके परिजन बैठे नजर आए. अव्यवस्थाओं को लेकर बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने अस्पताल का दौरा किया और जल्द ही सुविधाएं बढ़ाने के आदेश दिए.

Rajasthan news,  negligence in treatment of corona patients in jodhpur
महात्मा गांधी अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज में सामने आई लापरवाही
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Published : Sep 9, 2020, 10:52 PM IST

जोधपुर. एसएन मेडिकल कॉलेज से संबंधित महात्मा गांधी अस्पताल में कोरोना पेशेंट के लिए अलॉट सभी बेड भर गए हैं. यहां वर्तमान में 200 से ज्यादा कोरोना वायरस मरीजों का उपचार चल रहा है, व्यवस्था इतनी लचर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना संक्रमित मरीज के पास उसके परिजन भी आराम से बैठे नजर आते हैं.

अस्पताल में कोरोना मरीजों की जानकारी के लिए कंट्रोल रूम बनेगा

पढ़ें: Special: लॉकडाउन और कोरोना के बीच चोरी और लूटपाट की वारदातें बढ़ी, ज्यादातर आरोपी नाबालिग

इतना ही नहीं अगर किसी कोरोना मरीज की मौत हो जाए तो कई घंटों तक उसका शव पड़ा रहता है. इन अव्यवस्थाओं को लेकर बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा यहां लगाए गए प्रशासनिक अधिकारियों ने अस्पताल का दौरा किया और अधीक्षक सहित अन्य डॉक्टरों के साथ बैठक भी की. प्रशासनिक अधिकारी अरुण पुरोहित ने बताया कि परिजनों को मरीज की पूरी जानकारी मिलती रहे, इसको लेकर एक कंट्रोल रूम शुरू किया जाएगा. कंट्रोल रूम का नंबर वार्ड में भी डिस्प्ले होगा. इससे मरीज भी अपनी परेशानी बता सकेंगे.

पुरोहित ने बताया कि वार्डों में मरीज के साथ परिजन भी नजर आ रहे हैं. वहीं, कोरोना मरीज का शव कई घंटों तक पड़ा रहने को लेकर जांच करवाई जा रही है. उन्होंने बताया कि अस्पताल का बड़ा हिस्सा कोविड-19 के मरीजों से भर चुका है. एक हिस्से में सामान्य सुविधाएं भी जारी हैं. गौरतलब है कि महात्मा गांधी अस्पताल में सर्वाधिक कोरोना के मरीजों का उपचार चल रहा है. लेकिन यहां वार्ड में भर्ती मरीजों की देखरेख को लेकर लगातार अव्यवस्थाएं सामने आ रही हैं. इसको लेकर जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने यहां प्रशासनिक अधिकारी अरुण पुरोहित के नेतृत्व में एक टीम लगाई है जो अस्पताल की लॉजिस्टिक व्यवस्थाओं को देखेगी.

जोधपुर. एसएन मेडिकल कॉलेज से संबंधित महात्मा गांधी अस्पताल में कोरोना पेशेंट के लिए अलॉट सभी बेड भर गए हैं. यहां वर्तमान में 200 से ज्यादा कोरोना वायरस मरीजों का उपचार चल रहा है, व्यवस्था इतनी लचर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना संक्रमित मरीज के पास उसके परिजन भी आराम से बैठे नजर आते हैं.

अस्पताल में कोरोना मरीजों की जानकारी के लिए कंट्रोल रूम बनेगा

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इतना ही नहीं अगर किसी कोरोना मरीज की मौत हो जाए तो कई घंटों तक उसका शव पड़ा रहता है. इन अव्यवस्थाओं को लेकर बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा यहां लगाए गए प्रशासनिक अधिकारियों ने अस्पताल का दौरा किया और अधीक्षक सहित अन्य डॉक्टरों के साथ बैठक भी की. प्रशासनिक अधिकारी अरुण पुरोहित ने बताया कि परिजनों को मरीज की पूरी जानकारी मिलती रहे, इसको लेकर एक कंट्रोल रूम शुरू किया जाएगा. कंट्रोल रूम का नंबर वार्ड में भी डिस्प्ले होगा. इससे मरीज भी अपनी परेशानी बता सकेंगे.

पुरोहित ने बताया कि वार्डों में मरीज के साथ परिजन भी नजर आ रहे हैं. वहीं, कोरोना मरीज का शव कई घंटों तक पड़ा रहने को लेकर जांच करवाई जा रही है. उन्होंने बताया कि अस्पताल का बड़ा हिस्सा कोविड-19 के मरीजों से भर चुका है. एक हिस्से में सामान्य सुविधाएं भी जारी हैं. गौरतलब है कि महात्मा गांधी अस्पताल में सर्वाधिक कोरोना के मरीजों का उपचार चल रहा है. लेकिन यहां वार्ड में भर्ती मरीजों की देखरेख को लेकर लगातार अव्यवस्थाएं सामने आ रही हैं. इसको लेकर जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने यहां प्रशासनिक अधिकारी अरुण पुरोहित के नेतृत्व में एक टीम लगाई है जो अस्पताल की लॉजिस्टिक व्यवस्थाओं को देखेगी.

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